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Depression Ke Upay In Hindi: समस्याओं को डिप्रेशन न दे बनने, समय रहते ऐसे पाए निजात
Depression Ke Upay In Hindi: क्या आप भी डिप्रेशन जैसी बीमारियों से जूढ रहे हैं? आइए जानते है कि डिप्रेशन कम कैसे करें?
Depression Ke Upay In Hindi: समस्याएं हर एक व्यक्ति के जीवन का हिस्सा है और समय दर समय आपके जीवन में आती जाती रहती है। आपकी या हमारी लाख कोशिशों के बाद भी हम या आप इन समस्याओं से छुटकारा नहीं पा सकते है इसलिए बेहतर ये है कि क्यों न हम इन आने वाली समस्याओं से निपटने का तरीका ढूंढ ले।
यह बात अलग है की यह सब कहना जितना आसान होता है उसको अपने जीवन पर उतारना उतना ही मुश्किल होता है और कई बार तो ऐसा होता है कि हमारी समस्याएं भले ही छोटी हो, लेकिन यदि हम उनका साझा अपने आसपास रह रहे लोगों से करते हैं तो वे लोग हमारी समस्याओं को और भी पेचीदा बना देते हैं, इसलिए बेहतर यही है कि हम अपनी समस्याओं को खुद ही सुलझाने का प्रयास करें।
आज हर एक व्यक्ति डिप्रेशन की तरफ बढ़ रहा है। डिप्रेशन आज कई देशों में सबसे ज्यादा घातक बीमारी जाने जानी लगी है। इंडिया में फेमस एक्टर सुशांत सिंह राजपूत जिनकी डिप्रेशन (Sushant Singh Rajput depression) में रहते हुए मौत हो गई। ऐसे अन्य कई मामले हमारे सामने आए, लेकिन हम इन पर ध्यान नहीं देते और साथ ही हमारे आसपास रह रहे लोग भी डिप्रेशन जैसी बीमारी (depression disease) को गंभीर समस्या नहीं समझते। लेकिन यह बहुत आवश्यक है कि हमें अपने आसपास रह रहे लोगों का ध्यान रखना चाहिए कि वह मानसिक रूप से पूर्ण स्वस्थ है या नहीं है। साथ ही खुद को भी डिप्रेशन जैसी बीमारी से दूर रखने की कोशिश करनी चाहिए।
यदि आपके जीवन में कभी भी ऐसी परिस्थितियां बनती हैं, जिस से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं या फिर लगातार आप किसी विषय में सोच रहे है तो आपको इसके लिए अपने किसी करीबी से बात करने की जरूरत होती है, जिसे आप आपकी बात समझा सके और वह आपकी बात को समझे। यदि इससे आपकी समस्या का निष्कर्ष नहीं निकलता है तो आपको तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि व्यक्ति के जीवन में समस्याओं का आना जाना हमेशा ही लगा रहेगा, लेकिन इन समस्याओं की वजह से हम जीवन जीना तो नहीं छोड़ सकते हैं।
डिप्रेशन कम कैसे करें (Depression Kam Kaise Kare)
- अपने किसी करीबी से अपनी समस्या के बारे में बात करे।
- अपने खान–पान का पूरा ख्याल रखे।
- लोगो के संपर्क में रहे।
- अकेले रहने से बचे।
- घूमने जाएं।
- उन लोगों से मिलने से बचे जिनसे आपको सकारात्मकता नहीं मिलती हो।
- दवा से ज्यादा थेरेपी पर ध्यान दें।
- आवश्यकता पड़ने पर अपने डॉक्टर से संपर्क करे।
ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज (Global Burden of Disease) की रिपोर्ट में पुरुषों की अपेक्षा में महिलाएं इस बीमारी की ज्यादा शिकार होती है। भारत में इस बीमारी की वजह से कई लोगों ने आत्महत्या जैसा गंभीर कदम उठा लिया है। यह एक गंभीर समस्या है हमे अपने और अपने आसपास रह रहे लोगों का ध्यान रखने की आवश्यकता है।