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Diabetes Treatment: डायबिटीज भी हो सकता है रिवर्स, रांची के प्रसिद्ध डॉक्टर से जानिये कैसे

Diabetes Treatment: डायबिटीज के सामान्य लक्षणों में अधिक प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, बिना कारण वजन कम होना, थकान, धुंधली दृष्टि और घावों का धीमी गति से ठीक होना शामिल हैं। हालाँकि, कुछ व्यक्तियों को बिना किसी लक्षण के भी मधुमेह हो सकता है।

Preeti Mishra
Written By Preeti Mishra
Published on: 24 Nov 2023 7:30 AM IST (Updated on: 24 Nov 2023 7:30 AM IST)
Diabetes Treatment
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Diabetes Treatment (Image: Social Media)

Diabetes Treatment: डायबिटीज एक क्रोनिक चिकित्सीय स्थिति है जो तब होती है जब शरीर ब्लड शुगर के स्तर को ठीक से नियंत्रित करने में असमर्थ होता है। ऐसा या तो इसलिए हो सकता है क्योंकि पैंक्रियास पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है अथवा शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया नहीं करती हैं। डायबिटीज दो प्रकार के होते हैं। टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज।

टाइप 1 डायबिटीज: इस प्रकार का डायबिटीज आमतौर पर बच्चों और युवा वयस्कों में होता है। यह तब होता है जब प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अग्न्याशय में इंसुलिन-उत्पादक कोशिकाओं पर हमला करती है और उन्हें नष्ट कर देती है। टाइप 1 मधुमेह वाले लोगों को जीवित रहने के लिए इंसुलिन इंजेक्शन की आवश्यकता होती है।

टाइप 2 डायबिटीज: यह अधिक सामान्य है और आमतौर पर वयस्कता में विकसित होता है। टाइप 2 मधुमेह में, शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधी हो जाती हैं, और अग्न्याशय सामान्य ग्लूकोज स्तर को बनाए रखने के लिए पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है। यह अक्सर जीवनशैली कारकों से जुड़ा होता है, जिसमें खराब आहार और शारीरिक गतिविधि की कमी शामिल है।


डायबिटीज के लक्षण और जोखिम

डायबिटीज के सामान्य लक्षणों में अधिक प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, बिना कारण वजन कम होना, थकान, धुंधली दृष्टि और घावों का धीमी गति से ठीक होना शामिल हैं। हालाँकि, कुछ व्यक्तियों को बिना किसी लक्षण के भी मधुमेह हो सकता है। डायबिटीज के विकास में कई जोखिम कारक योगदान करते हैं, जिनमें पारिवारिक इतिहास, आनुवंशिकी, मोटापा, गतिहीन जीवन शैली, उम्र और कुछ जातियाँ शामिल हैं। गर्भकालीन मधुमेह गर्भावस्था के दौरान भी हो सकता है। अनुपचारित या खराब तरीके से प्रबंधित डायबिटीज विभिन्न जटिलताओं को जन्म दे सकता है, जिसमें हृदय रोग, गुर्दे की क्षति, तंत्रिका क्षति (न्यूरोपैथी), आंखों की समस्याएं (रेटिनोपैथी), और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।


डायबिटीज को लेकर क्या कहते हैं डॉ अनुज कुमार

रांची में क्रैनियोफेशियल सर्जन, सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ और स्वस्थ झारखण्ड के प्रचारक डॉ अनुज कुमार ने X पर एक पोस्ट साँझा करते हुए लिखे है कि डायबिटीज ठीक भी हो सकता है। वो अपने पोस्ट में लिखते हैं Diabetes होने का मतलब ये नहीं की ये ठीक नहीं हो सकता। कई मामलों में Diabetes रिवर्स हो सकता है।

डॉ अनुज कुमार के अनुसार ज़्यादा मीठा खाने से Diabetes नहीं होता। पर डाइबीटीज़ होने के बाद ख़ान पान में संयम रखें। वो आगे लिखते हैं डायबिटीज़ में ख़ानपीन को लेकर कई भ्रांतियाँ हैं मसलन चावल नहीं खा सकते या फल नहीं खा सकते। आप चावल और फल दोनों ले सकते हैं। आप अपना नियमित आहार लें बस मात्रा संयमित लें, खाने में फ़ाइबर की मात्रा अधिक रखें। वो लिखते हैं अगर आपके माता पिता को डायबिटीज है तो आपको डायबिटीज होने की संभावना बढ़ जाती है।

डॉ अनुज कुमार के अनुसार इन्सुलिन है सुरक्षित

डॉ कुमार लिखते हैं कि एक बार insulin लेने का ये मतलब नहीं कि ज़िंदगी भर इन्सुलिन लेनी पड़ेगी। अगर डॉ ने इन्सुलिन लेने की सलाह दी है तो बिलकुल लें। Insulin काफ़ी सुरक्षित दवाई है। अगर आपको डायबिटीज है और वो नियंत्रण में नहीं है तो ये आपके कई अंगों को प्रभावित कर सकता है ख़ास कर किडनी और आँखों को। डॉ के अनुसार जितनी ज़रूरी शुगर लेवल को नियंत्रण में रखना है उससे ज़्यादा ज़रूरी ये है की शुगर लेवल ज़रूरत से ज़्यादा कम ना हो।


पैरों पर दें विशेष ध्यान

डॉ अनुज कुमार लिखते हैं कि डायबिटीज के मरीज अपने पैरों पर विशेष ध्यान दें। अगर शुगर लेवल अत्यधिक बढ़ा है तो पैर का कोई भी घाव पैरों को काटने की वजह बन सकता है। डॉ कुमार लिखते हैं कि डायबिटीज से डरें, डायबिटीज के इलाज से नहीं। अगर बीमारी है तो नियमित अंतराल पर घर पर ही शुगर की जाँच करते रहें। किसी भी अच्छी कंपनी का मशीन ले सकते हैं। अगर मशीन को लेकर संशय है तो लैब और मशीन के रिजल्ट को compare कर के देख लें। 20 यूनिट से ज़्यादा का अंतर अगर नहीं है तो मशीन ठीक है

अंत में डॉ अनुज कुमार के अनुसार आपका संयमित भोजन और physical exercise आपको डायबिटीज और उसके होने वाले दुष्प्रभावों से बचा सकता है। Diabetes reversal program aur wellness centre जैसे जगह पर आपके पैसों की बर्बादी होगी। ख़ुद थोड़ा परिश्रम करेंगे तो स्वास्थ्य और पैसे दोनों बचेंगे



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Preeti Mishra

Preeti Mishra

Content Writer (Health and Tourism)

प्रीति मिश्रा, मीडिया इंडस्ट्री में 10 साल से ज्यादा का अनुभव है। डिजिटल के साथ-साथ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी काम करने का तजुर्बा है। हेल्थ, लाइफस्टाइल, और टूरिज्म के साथ-साथ बिज़नेस पर भी कई वर्षों तक लिखा है। मेरा सफ़र दूरदर्शन से शुरू होकर DLA और हिंदुस्तान होते हुए न्यूजट्रैक तक पंहुचा है। मैं न्यूज़ट्रैक में ट्रेवल और टूरिज्म सेक्शन के साथ हेल्थ सेक्शन को लीड कर रही हैं।

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