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Diabetes Control Tips: डायबिटीज पलटना है तो कार्बोहाइड्रेट की मात्रा आधी कर दें, प्रोटीन को बढ़ाएं

Diabetes Control Tips: नए अध्ययन के अनुसार एक महत्वपूर्ण सिफारिश की गई है कि कार्बोहाइड्रेट की दैनिक खपत को 50 से 55 प्रतिशत तक कम कर दिया जाए और प्रोटीन की मात्रा को 20 प्रतिशत तक बढ़ा दिया जाए।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 30 Aug 2022 6:42 PM IST
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Diabetes (Social Media)

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Diabetes Control Tips:अगर आप प्री-डायबिटिक (Pre-Diabetic) हैं तो चावल और रोटियों का सेवन कम करें तथा प्रोटीन (Protein) का सेवन बढ़ाएं। इस तरह से आप टाइप- 2 डायबिटीज (Type- 2 Diabetes) को रोक सकते हैं। यहां तक कि आप डायबिटीज को उलट भी सकते हैं।

भारत को दुनिया में 'डायबिटीज की राजधानी' कहा जाता है। क्योंकि, इस बीमारी का प्रकोप यहीं सबसे ज्यादा है। भारत में इस बीमारी पर चल रहे सबसे बड़े अध्ययन के अनुसार एक महत्वपूर्ण सिफारिश की गई है कि कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate) की दैनिक खपत को 50 से 55 प्रतिशत तक कम कर दिया जाए और प्रोटीन की मात्रा को 20 प्रतिशत तक बढ़ा दिया जाए, तो डायबिटीज से न सिर्फ बचा जा सकता है बल्कि उसे खत्म भी किया जा सकता है।

डायबिटीज पर नई रिपोर्ट

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च, इंडिया (Indian Council of Medical Research, India) डायबिटीज की नवीनतम रिपोर्ट अध्ययन में नामांकित 1.1 लाख लोगों में से 18,090 व्यक्तियों के विस्तृत मैक्रो-पोषक तत्व (Extensive Macro-Nutrient) खपत पैटर्न अध्ययन पर आधारित है। खपत पैटर्न को निर्धारित करने के लिए एक गणितीय मॉडलिंग का उपयोग किया गया था।


आहार सबसे अच्छी दवा

मधुमेह विशेषता केंद्र के अध्यक्ष और अध्ययन के लेखकों में से एक, डॉ वी मोहन (Dr V Mohan) ने कहा, कि 'भारत में मधुमेह का बोझ तेजी से बढ़ रहा है। वर्तमान में भारत में 7 करोड़ 40 लाख लोग डायबिटीज के साथ जी रहे हैं। 8 करोड़ लोग प्री-डायबिटीज वाले हैं। प्री-डायबिटीज के मरीज बहुत तेजी से डायबिटीज में बदल जाते हैं। अनुमान है कि भारत में 2045 तक 13 करोड़ 50 लाख मधुमेह रोगी होंगे यानी अगले 20 वर्षों में लगभग दोगुना। इसके मुख्य ड्राइविंग कारकों में से एक है, हमारी आबादी में बहुत अधिक कार्बोहाइड्रेट की खपत।'

मात्र 10 फीसदी प्रोटीन

डॉ वी. मोहन ने आगे कहा है, कि 'हमारे कुल कैलोरी सेवन का लगभग 60 से 75 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट के रूप में होता है। केवल 10 प्रतिशत में प्रोटीन होता है। पहले कई अध्ययनों में दिखाया जा चुका है कि सफेद चावल के अत्यधिक सेवन से मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। गेहूं भी उतना ही खराब है। अब, यदि कोई व्यक्ति कार्बोहाइड्रेट की खपत को 50 से 55 प्रतिशत तक कम करने में सक्षम है, तो चार के बजाय तीन इडली खाये और प्रोटीन की खपत बढ़ाएं। प्रोटीन के लिए प्लांट प्रोटीन बढ़िया है। लेकिन, मछली और चिकन भी काम करते हैं। लेकिन रेड मीट नहीं।'


खान-पान का बेस्ट कॉम्बिनेशन

जिन लोगों में डायबिटीज नया नया पकड़ में आया है, उनको इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए पोषण संबंधी आवश्यकता में कार्बोहाइड्रेट 49 से 54 प्रतिशत, प्रोटीन 19 से 20 प्रतिशत, वसा 21 से 26 प्रतिशत और आहार फाइबर 5 से 6 प्रतिशत इष्टतम है। महिलाओं को समान परिणाम प्राप्त करने के लिए पुरुषों की तुलना में अपने कार्बोहाइड्रेट की खपत में लगभग दो प्रतिशत अधिक कटौती करने की आवश्यकता है। इसी तरह, वृद्ध व्यक्तियों को अपने कार्बोहाइड्रेट की खपत में एक प्रतिशत अधिक कटौती करनी चाहिए और अपने प्रोटीन की खपत को युवाओं की तुलना में एक प्रतिशत अधिक बढ़ाना चाहिए।

प्री-डायबिटिक लोगों के लिए 50 से 56 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 18 से 20 प्रतिशत प्रोटीन, 21 से 27 प्रतिशत वसा और तीन-पांच प्रतिशत आहार फाइबर की सिफारिश है। शारीरिक रूप से निष्क्रिय व्यक्तियों को सक्रिय व्यक्तियों की तुलना में कार्बोहाइड्रेट में चार प्रतिशत अधिक कमी की सिफारिश की गई थी।


क्या-क्या खाएं

डॉ. मोहन के अनुसार, 'कोई भी हरी पत्तेदार सब्जियां, बीन्स, पत्ता गोभी, फूलगोभी आदि को अपने भोजन का आधा हिस्सा बनाएं। आलू जैसी स्टार्च वाली सब्जियों से परहेज करें। इन्हें हर दिन बदला जा सकता है। थाली के एक चौथाई हिस्से में प्रोटीन होना चाहिए। जैसे- मछली, चिकन या सोया। बाकी बचे हिस्से में थोड़ी मात्रा में चावल या एक या अधिकतम दो चपातियां होनी चाहिए।'

डॉ मोहन के अनुसार, यह अध्ययन दूसरों से अलग क्यों है, क्योंकि इसकी सिफारिशें लोगों को कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को थोड़ी मात्रा में कम करने के लिए कहती हैं। 'ऐसे कई परीक्षण हैं जिनसे पता चला है कि कैलोरी में भारी कमी, जैसे कि 800 कैलोरी का सेवन या पूरी तरह से कार्बोहाइड्रेट से दूर होना, तेजी से वजन घटाने और मधुमेह के उलटने को दर्शाता है। वे निष्कर्ष सही हैं लेकिन वह तरीका टिकाऊ नहीं है।'



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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