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Health Tips: डायबिटीज की अनदेखी ना कर दें किडनी खराब, ऐसे करें बचाव

Diabetes Impact On Kidneys: हाल के वर्षों में डायबिटीज़ और उच्च रक्तचाप के मरीज़ों की संख्या में तेजी से वृद्धि किडनी के खतरों के लिए एक चेतावनी है।

Preeti Mishra
Written By Preeti MishraPublished By Shreya
Published on: 16 March 2022 10:13 AM GMT
Health Tips: डायबिटीज की अनदेखी ना कर दें किडनी खराब, ऐसे करें बचाव
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किडनी (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Diabetes Impact On Kidneys: डायबिटीज (Diabetes) के मरीज़ों की लगातार हो रही बढ़ोतरी देश के लिए चिंता का सबसे बड़ा विषय बन गया है। विश्व स्तर पर भारत की पहचान 'मिनी डायबिटीज कैपिटल' (Mini Diabetes Capital) के रूप में दर्ज हो चुकी है। लगातार बढ़ते इसके आंकड़े बेहद खतरनाक और डराने वाले हैं। अक्सर ये देखा गया है कि अनियंत्रित डायबिटीज (Uncontrolled Disease) और ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) किडनी की समस्या (Kidney Disease) को जन्म देने का आधार बनती है।

किडनी शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स और बेकार चीज़ों को बाहर निकाल कर शरीर को स्वस्थ रखती है। वैसे तो मानव शरीर में दो किडनी होती हैं, लेकिन केवल एक ही किडनी सारी जिंदगी सभी महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करने में सक्षम होती है। अगर वह स्वस्थ हो तो। हाल के वर्षों में डायबिटीज़ (Diabetes) और उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) के मरीज़ों की संख्या में तेजी से वृद्धि किडनी के खतरों के लिए एक चेतावनी है।

बड़ी संख्या में बच्चे भी इस रोग से प्रभावित

शरीर के अनावश्यक कचरे को बाहर निकालकर हमें स्वस्थ रखने का काम किडनी ही करती है। हाल के वर्षों में डायबिटीज़ और उच्च रक्तचाप के मरीज़ों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है जिसके कारण बड़ों के साथ-साथ बड़ी संख्या में बच्चे भी इस रोग से प्रभावित हुए हैं। इसलिए दबे पॉव आने वाले इस साइलेंट किलर यानि किडनी रोग के प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से हर साल मार्च के दूसरे गुरूवार को 'वर्ल्ड किडनी डे' (World Kidney Day) मनाया जाता है। जिसमें लोगों में किडनी की बीमारियों की समझ, निवारक व्यवहार के बारे में जागरूकता, जोखिम कारकों के बारे में जागरूकता और किडनी की बीमारी के साथ कैसे रहना है, इसके बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना शामिल है।

किडनी की अच्छी सेहत के लिए जारूकता ही सबसे बड़ा समाधान है। बता दें कि किडनी की बीमारी के चपेट में आने वाले लोग किसी भी उम्र के हो सकते हैं।

नियमित और स्वस्थ दिनचर्या होना जरूरी

आजकल बच्चों में बढ़ते अस्वस्थ्य जीवन के चलते वो भी कई बार इस बीमारी के चक्कर में आ जाते हैं। इसलिए जरुरी है कि एक स्वस्थ लाइफ स्टाइल को अपनी जिंदगी में शामिल किया जाये। खासकर डायबिटीज के मरीज़ों में एक नियमित और स्वस्थ दिनचर्या का होना बहुत जरुरी है। किडनी के मरीज में सबसे पहले डायबिटीज का लक्षण दिखाई देता है जिसमें उनके पेशाब में प्रोटीन निकलने लगता है। इसलिए यह जांच कराना बेहद जरुरी है कि पेशाब या यूरीन से कितनी मात्रा में प्रोटीन निकल रहा है।

किडनी सही तरीके से काम कर रही है या नहीं या किडनी का फंक्शन जानने के लिए सबसे पहले केएफटी (Kidney Function Test) कराना होता है । इससे क्रिएटनिन के स्तर पता चलता है। बता दें कि अगर क्रिएटनिन का स्तर बढ़ रहा है, तो इसका सीधा मतलब किडनी फेलियर के शुरूआती दौर से है।

डायबिटीज (सांकेतिक फोटो साभार- सोशल मीडिया)

डायबिटीक की किडनी ख़राब होने के लक्षण

डायबिटीज से होने वाली किडनी की समस्या को डायबिटिक-नेफ्रोपैथी (Diabetic-Nephropathy) कहते हैं। डायबिटीज में किडनी तीन स्तर से प्रभावित होती है।जिसमें यूरीन में कम मात्रा में प्रोटीन निकलना, यूरीन में अधिक मात्रा में प्रोटीन निकलना और किडनी की कार्यप्रणाली असामान्य हो जाना शामिल है। डायबिटीज के रोगियों में किडनी की समस्या होने पर कुछ सामान्य लक्षण दिखाई देते हैं जिनको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। जिनमें कुछ प्रमुख हैं।:

- यूरीन से अत्यधिक प्रोटीन स्त्राव जिसके कारण खून में प्रोटीन की मात्रा कम हो जाना।

- आंखों के आसपास सूजन हो जाना, जो सुबह सोकर उठने पर अधिक होना।

- पैरों में सूजन आने के साथ -साथ पूरे शरीर में सूजन आ जाना।

- बता दें कि सूजन की गंभीरता यूरीन से निकलने वाले प्रोटीन की मात्रा पर निर्भर होती है।

- इसके अलावा कमजोरी, जी मचलाना, उल्टी होना और काम में मन नहीं लगना, भूख में कमी ,चेहरे पर सूजन जैसे लक्षण भी शामिल हैं।

- किडनी के ज्यादा बीमार होने या ठीक तरीके से काम नहीं कर पाने की स्तिथि में मरीज को पेशाब कम आने की समस्या हो जाती है।

- उच्च रक्तचाप

- पेशाब में झांग आना या पेशाब के रास्ते में बेचैनी वाली खुजली होना

- पीठ के निचले हिस्से में दर्द

- शरीरिक दर्द, बेचैनी वाली खुजली, के साथ पैरों में ऐंठन की शिकायत भी इसके लक्षणों में शामिल हैं।

डायबिटीज के मरीज़ों में क्यों होता है किडनी ख़राब होने का ज्यादा खतरा

डायबिटीज हमारे रोग प्रतिरोधक की क्षमता को कम कर देती है। जिसके कारण ऐसे मरीज़ संक्रमित बिमारियों के खतरे में औरों के मुकाबले जल्दी आ जाते हैं। डायबिटीज के रोगियों में सिर्फ यूरीन के संक्रमण का ही खतरा नहीं बढ़ता बल्कि वे हृदय रोग, फेफड़ों के संक्रमण और उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेसर के भी आसानी से शिकार हो जाते हैं। और रोगों के मुकाबले डायबिटीज के रोगियों में किडनी की समस्या ज्यादा होती है जिसके कारण उनके लिए डायलिसिस ही एकमात्र इलाज रह जाता है।


किडनी समस्या में जरूर कराएं ये Test

एक डायबिटीज का मरीज़ अगर किडनी संबंधी समस्याओं से घिर चुका है तो उन्हें कुछ जरुरी जांचे जरूर करनी चाहिए जिनमें यूरीन की सामान्य जांच, कम मात्रा में प्रोटीन निकलने की जांच (माइक्रो एल्बुमेनैरिया), अधिक मात्रा में प्रोटीन निकलने की जांच (मैक्रो एल्बुमिनुरिया) और किडनी की कार्य प्रणाली की जांच (किडनी फंक्शनिंग टेस्ट) शामिल है।

डायबिटीज में कैसे रखें अपनी किडनी का ख्याल

शुगर के मरीज़ों को हमेशा अपने शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल में रखने की कोशिश करनी चाहिए। क्योंकि खून में शुगर की अनियमित मात्रा ही किडनी की समस्याओं को जन्म देती है। इसलिए जरुरी की ऐसे मरीज़ हमेशा एक अच्छे नेफ्रोलॉजिस्ट की निगरानी में रहें।और उनके द्वारा दी गयी दवाइयों का सेवन सही समय और सही तरीकों से करें। इसके अलावा डायबिटीज के मरीज़ों को बीच-बीच में यूरीन में प्रोटीन की मात्रा की जांच कराते रहना चाहिए। अगर प्रोटीन की मात्रा अधिक निकल रही हो तो नियमित अंतराल पर इसकी जांच जरूर करवाते रहें और डॉ द्वारा दी गयी दवाइयों का सेवन उचित तरीकों से करें। सबसे महत्वपूर्ण अपने खानपान और जीवनशैली का ध्यान रखें।

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