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Diabetes Patients: डायबिटीज पेशेंट्स संभल कर करें जामुन का सेवन, अन्यथा लिवर और किडनी हो सकते हैं खराब
Diabetes patients: डायबिटीज के मरीजों को जामुन और जामुन से बनी चीजों का सेवन अत्यधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं ।
Diabetes Patients: गर्मियों में मिलने वाला जामुन खाने में जितना स्वादिष्ट होता है उतना ही स्वास्थ्यवर्धक भी माना जाता है। ख़ास कर डायबिटीज के मरीजों के लिए (Jamun For Diabetic Patients) इसे बेहद फायदेमंद औषिधि के तौर पर बताया जाता है। इसलिए गर्मियों के मौसम में जैसे ही जामुन बाजार में आना शुरू होता है डायबिटीज के मरीज इसका रोजाना सेवन करने लगते हैं। इतना ही नहीं कुछ डायबिटीज के रोगी तो पूरे साल भर जामुन के बीज के पाउडर और चूर्ण का सेवन भी करते हैं। ताकि उनका ब्लड शुगर नार्मल रह सके।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि किसी भी चीज़ का अत्यधिक उपयोग आपको परेशानी में भी डाल सकता है फिर चाहे वो कितना भी फायदेमंद क्यों ना हो ? विशेषज्ञों के मुताबिक डायबिटीज के मरीजों को जामुन और जामुन से बनी चीजों का सेवन अत्यधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए। उदाहरण के लिए जामुन का फल , जामुन के बीज का पाउडर और चूर्ण इत्यादि । हालांकि, जामुन को लो ग्लाइसेमिक फूड माना जाता है जिसे डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए फायदेमंद भी माना जाता है लेकिन लगातार इसका सेवन या अत्यधिक मात्रा में इसका सेवन आपको गंभीर नुकसान ( Side Effects Of Eating Jamun) पहुंचा सकता है।
तो आइये जानते हैं कि कैसे जामुन का अत्यधिक इस्तेमाल आपके शरीर को गंभीर नुक्सान पंहुचा सकता है।
लो ब्लड शुगर का हो सकता है खतरा
डायबिटीज के मरीजों को रोज़ाना अत्यधिक मात्रा में जामुन का सेवन नहीं करना चाहिए। बता दें कि जामुन के सेवन से शरीर में इंसुलिन एक्टिविटी को तेज होने के कारण शुगर भी आसानी से पच जाता है। इतना ही नहीं इसमें मौजूद हाई एल्कोलनाइड कॉन्टेंट (alkaloid content) आपके हाई ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में सहायक होता है। इसलिए जब आप रोज़ाना जामुन या जामुन के बीजों का सेवन करते हैं तो, ये आपके शरीर में लो ब्लड शुगर का खतरा पैदा कर सकता है। गौरतलब है कि डायबिटीज के मराजों के लिए अनाचक से ब्लड शुगर का लो होना बेहद खतरनाक हो सकता है।
लिवर कर सकता है खराब
रोज़ाना या अत्यधिक मात्रा में जामुन का सेवन करना आपके लिवर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। गौरतलब है कि जामुन में मौजूद जंबोलिन और जंबोसिन नामक बायोएक्टिव कंपाउंड्स आपके इंसुलिन सेल्स को एक्टिवेट करने के साथ ही ये आपके लिवर के काम- काज में भी तेजी लाते हैं। जिसके कारण शरीर में शुगर पचाने के साथ दूसरे न्यूट्रीएंट्स का पाचन भी काफी तेज हो जाता है। लेकिन जब आप लगातार जामुन का सेवन करने लगते है तो ये आपके लिवर को हद ज्यादा एक्टिवेट कर सकता है, जो आपके लिवर को खराब कर सकता है ।
पेट हो सकता है खराब
अमूमन जामुन के सेवन से पेट बहुत साफ़ हो जाता है। कब्ज की परेशानी भी इसके सेवन से दूर हो जाती है। जिसके कारण ब्लड शुगर भी कम होता है। लेकिन रोज़ाना लगातार इसका सेवन आपके पेट को खराब कर देता है यानी डाइसेंट्री जैसे लक्षण भी हो सकते हैं। उल्लेखनीय है कि कई बार ऐसी स्थिति आपको बहुत गंभीर रूप से भी बीमार कर सकती है। जिसके कारण शरीर में पानी की कमी होना बेहोशी और चक्कर आना जैसी दिक्क़तें भी हो सकती है।
नेचुरल बॉवेल मूवमेंट को भी करता है नुकसान
गौरतलब है कि शरीर के अंदर पेट का अपना एक नेचुरल बॉवेल मूवमेंट होता है। अकसर देखा गया है कि डायबिटीज के मरीजों को कब्ज की शिकायत रहती हैं जो उनके ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा देता है। ऐसे में जामुन या जामुन के बीजों से बना चूर्ण उनके ब्लड शुगर को नार्मल करने के साथ उनकी कब्ज की समस्या को भी दूर करता है। इस परेशानी से बचने के लिए डायबिटीज के मरीज़ इसे अपनी आदत बना लेते है जो उनके शरीर के नेचुरल बॉवेल मूवमेंट को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में जब आप जामुन का सेवन बंद करते हैं तो ये फिर से शरीर में कब्ज की परेशानी को बढ़ा देता है।
डायबिटीज में क्या है जामुन खाने का सही तरीका
डायबिटीज में जामुन खाने का सही तरीकों में से सबसे पहला और मुख्य तरीका है कि आप जामुन का रोज़ाना सेवन ना करें। और हमेशा सीमित मात्रा में ही जामुन का सेवन करें। इसके अलावा जामुन के बीजों का चूर्ण रोज़ाना या लगातार सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए। अन्यथा ये आपके लिवर और किडनी पर अतिरिक्त दवाब बनाकर इनके नेचुरल फंक्शन को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए इसके सेवन से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। बता दें कि डायबिटीज के मरीज़ कब्ज की परेशानी को दूर और ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए साथ रोज़ाना 40 मिनट रोज एक्सरसाइज, फाइबर से भरपूर फूड्स का सेवन और ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की आदत से भी दूर कर सकते हैं।