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High Cholesterol Signs: कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के इस संकेत को ना करें नजरअंदाज, अन्यथा बढ़ सकती है परेशानी

What are the signs of high cholesterol: इसका सबसे बड़ा मुख्य कारण अनहेल्दी लाइफस्टाइल को माना जाता है।

Preeti Mishra
Written By Preeti Mishra
Published on: 10 Sep 2022 2:34 PM GMT
cholestrol
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cholestrol (Image credit : social media)

High Cholesterol Signs and Symptoms: आज के अनियमित लाइफस्टाइल में हाई कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) की समस्या से ज्यादातर लोग पीड़ित है। इसका सबसे बड़ा मुख्य कारण अनहेल्दी लाइफस्टाइल को माना जाता है। जिसके अंतर्गत हाई फैट डायट, गतिहीन दिनचर्या, व्यायाम की कमी, धूम्रपान और बहुत अधिक शराब पीने को भी शामिल किया जाता है। हालाँकि शुरूआती दौर में ये लाइफस्टाइल मजेदार लग सकती है लेकिन लंबे समय में अनियमित जीवनशैली की ये आदतें आपके दिल की सेहत को भारी नुक्सान पंहुचा सकती है।

हाल के अध्ययनों से पता चला है कि भारत में लगभग 25 से 30 प्रतिशत शहरी और 15 से 20 प्रतिशत ग्रामीण लोग हाई कोलेस्ट्रॉल की परेशानी से पीड़ित पाए गए हैं।

शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से होती है ये परेशानी

शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से कार्डियोवैस्कुलर डिजीज यानी दिल संबंधी समस्यायें होने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है। इसके साथ ही इसके कारण कोरोनरी आर्टरी डिजीज और स्ट्रोक होने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है।

बता दें कि हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण कई बार इतने ज्यादा सामान्य होते हैं कि इसकी पहचान करने में भी देरी हो जाती है। दुष्प्रभाव ये कि वक्त के साथ कोलेस्ट्रॉल आपकी धमनियों में जमने लगता है जिसके कारण होने वाले ब्लॉकेज आपके शरीर में ख़ास कर दिल को और शरीर के बाकी अंगों को खून की पूर्ति करने में ज्यादा जोर लगाने के लिए बाध्य कर देता है। ऐसे में ये बेहद जरुरी है कि उच्च कोलेस्ट्रॉल से जुड़े संकेतों की समय पर पहचान हो जाए। इस मामले में आपके पैर में दिखने वाले कुछ बदलाव आपकी सहायता कर सकते हैं अगर आप उन संकेतों को नज़रअंदाज़ ना करें तो।

तो आइये जानते हैं शरीर में bad cholesterol बढ़ने के क्या मुख्य संकेत या लक्षण हो सकते हैं :

​चलने में हो सकती है दिक्कत

बता दें कि शरीर में कोलेस्ट्रॉल के हाई लेवल से होने वाला पेरिफेरल आर्टेरियल डिजीज आपके पैरों में अत्यधिक दर्द पैदा कर सकता है, खासकर जब आप चलते हैं। उल्लेखनीय है कि ये दर्द हल्के से लेकर काफी गंभीर तक भी हो सकते है। कई बार अचानक खड़े होने और चलने पर भी पैरों में इस तरह के दर्द महसूस हो सकते है। हालाँकि आमतौर पर यह दर्द आपके पैरों को आराम देने के कुछ मिनट बाद ही चला जाता है। गौरतलब है कि हृदय से टांगों तक रक्त संचार खराब होने के कारण दोनों पैर एक ही समय में ही प्रभावित हो सकते हैं। कई बार एक पैर में ही अधिक दर्द की समस्या हो सकती है।

​पेरिफेरल आर्टेरियल डिजीज के हो सकते हैं अन्य और भी लक्षण

बता दें कि ​पेरिफेरल आर्टेरियल डिजीज होने के अन्य और भी कई लक्षण हो सकते हैं। जिसमें पैरों और पैरों से बालों का झड़ना, पैरों में सुन्नता या कमजोरी, भंगुर और धीमी गति से बढ़ने वाले toenails, आपके पैरों पर छाले का ठीक ना होना , पैरों का रंग पीला या नीला पड़ जाना और पैरों की मांसपेशियां का सिकुड़ना आदि शामिल हैं।

​गंदा कोलेस्ट्रॉल कर देते है आपके नर्व को डैमेज

उल्लेखनीय है कि कोलेस्ट्रॉल आपके शरीर में ब्लड शुगर के लेवल को बढ़ाने का भी काम करता है। इतना ही नहीं आपके कोलेस्ट्रॉल का स्तर मधुमेह तंत्रिका क्षति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा कर सकता है। बता दें कि इस स्थिति में, पैरों में कोई सनसनी नहीं होती है, जिसके कारण आपको अपने पैरों पर घाव दिखाई नहीं देते हैं लेकिन जो आगे चलकर अल्सर में विकसित हो सकते हैं।

LDL कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने का कारण हो सकती है अनिद्रा

गौरतलब है कि नींद की कमी आपके स्वास्थ्य के कई पहलुओं को बुरे तरीके से प्रभावित कर सकती है। इसमें आपका कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी शामिल माना जाता है।

एक रिसर्च के अनुसार जो पुरुष ज्यादातर रातों में 6 घंटे से कम सोते हैं उनमें एलडीएल कोलेस्ट्रॉल अधिक होने की सम्भावना बढ़ जाती है। दूसरी ओर, समान मात्रा में सोने वाली महिलाओं में एलडीएल का स्तर कम पाया गया था। इसके अलावा नींद के दौरान खर्राटे लेने वाले पुरुषों और महिलाओं में भी एचडीएल गुड कोलेस्ट्रॉल का स्तर काफी कम पाया गया था।

​इन बीमारियों से हो सकता है हाई LDL कोलेस्ट्रॉल

कई बार कुछ चिकित्सा स्थितियां आपके शरीर में bad कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी जन्म दे सकती हैं उनमें क्रोनिक किडनी रोग, मधुमेह, एचआईवी / एड्स, हाइपोथायरायडिज्म और ल्यूपस आदि शामिल हैं। इसके अलावा कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे मुँहासे, कैंसर, उच्च रक्तचाप, अनियमित हार्ट बीट और अंग प्रत्यारोपण के लिए आपके द्वारा ली जा रही कुछ दवाओं से भी कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी काफी खराब हो सकता है।

इस प्रकार करें कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम

उल्लेखनीय है कि कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने के लिए फलों, सब्जियों और साबुत अनाज से भरपूर स्वस्थ आहार को लेना फायदेमंद माना जाता है । इसके लिए सभी प्रकार के प्रसंस्कृत और पैकेज्ड खाद्य पदार्थों से परहेज या दुरी बनाना बेहद आवश्यक है । ऐसे में संतृप्त वसा में उच्च खाद्य पदार्थ, जैसे सॉसेज, बिस्कुट और पनीर खाने से भी बचना जाना चाहिए या इनका कम मात्रा में सेवन करना चाहिए। इसके अलावा स्वस्थ शरीर और स्वस्थ हृदय के लिए प्रतिदिन नियमित रूप से व्यायाम करना भी बेहद आवश्यक है। गौरतलब है कि धूम्रपान छोड़ना और कम शराब पीना भी आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को सुधारने में आपके लिए मददगार साबित हो सकता है।

हाई ​कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए करें ये एक्सरसाइज

उच्च कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए एरोबिक सबसे अच्छा व्यायाम माना जाता है। इसके अलावा ब्रिस्क वॉक या जॉगिंग, साइकिल चलाना, तैराकी, योग भी हाई कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में सहायता करते हैं।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

Preeti Mishra

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Content Writer (Health and Tourism)

प्रीति मिश्रा, मीडिया इंडस्ट्री में 10 साल से ज्यादा का अनुभव है। डिजिटल के साथ-साथ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी काम करने का तजुर्बा है। हेल्थ, लाइफस्टाइल, और टूरिज्म के साथ-साथ बिज़नेस पर भी कई वर्षों तक लिखा है। मेरा सफ़र दूरदर्शन से शुरू होकर DLA और हिंदुस्तान होते हुए न्यूजट्रैक तक पंहुचा है। मैं न्यूज़ट्रैक में ट्रेवल और टूरिज्म सेक्शन के साथ हेल्थ सेक्शन को लीड कर रही हैं।

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