Dress Cancer : सावधान! साड़ी-पेटीकोट से भी कैंसर, रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

Dress Cancer : क्या साड़ी - पेटीकोट पहनने से कैंसर हो सकता है? क्या सैकड़ों साल से चला आ रहा एक परिधान खतरनाक है?

Network
Newstrack Network
Published on: 8 Nov 2024 10:25 AM GMT
Dress Cancer : सावधान! साड़ी-पेटीकोट से भी कैंसर, रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
X

Dress Cancer : क्या साड़ी - पेटीकोट पहनने से कैंसर हो सकता है? क्या सैकड़ों साल से चला आ रहा एक परिधान खतरनाक है? ये सवाल अचानक ही उठ खड़े हुए हैं। इसके पीछे है एक रिसर्च जिसके अनुसार साड़ी पहनने से बड़ी संख्या में भारतीय महिलाओं को स्किन कैंसर का खतरा हो सकता है। इस रिसर्च ने एक विशेष चिंता और संदेह को जन्म जरूर दे दिया है।

शोधकर्ताओं ने कहा है कि पारंपरिक साड़ी पहनने के दौरान कमर पर पेटीकोट बांधने वाली डोरी या नारा पर स्किन कैंसर का कारण बन सकती है। यह बात "बीएमजे केस रिपोर्ट्स" में प्रकाशित एक हालिया रिपोर्ट में कही गई है।

रिसर्च में पाया गया कि साड़ी पहनते समय कई महिलाएं अपने पेटीकोट को कस लेती हैं। शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि इससे पेट पर बहुत दबाव पड़ता है। समय के साथ, पेटीकोट को कस कर बांधने से त्वचा पर दबाव बढ़ने और लगातार रगड़ने से त्वचा कैंसर हो सकता है। इस अवस्था को "साड़ी कैंसर," "पेटिकोट कैंसर," "साड़ी मेलानोसिस," या "साड़ी कैंसर सिंड्रोम" कहा गया है। ये भी कहा गया है कि साड़ी कैंसर काफी रेयर स्थिति है लेकिन फिर भी सावधानी बरतना बेहतर है।

साड़ी कैंसर के कारण

* कमर की कसी हुई डोरी और पेटीकोट से लगातार घर्षण।

* कमर पर साड़ी की प्लीट्स से लगातार दबाव।

* नमी और पसीने का जमाव।

साड़ी कैंसर के लक्षण क्या हैं?

* कमर के आस-पास की त्वचा का हाइपरपिग्मेंटेशन या काला पड़ना।

* त्वचा का मोटा होना।

* पपड़ीदार, खुरदरे क्षेत्रों का बनना।

* कुछ मामलों में स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा की ग्रोथ।

बचाव के उपाय

* बहुत टाइट पेटीकोट या कमरबंद से बचें

* साड़ी की गाँठ की पोजीशन को बदलते रहें

* पेटीकोट के लिए मुलायम कपड़े का उपयोग करें

* अच्छी स्वच्छता बनाए रखना

* कमर क्षेत्र की दैनिक जांच

* जब संभव हो तो ढीले कपड़े पहनना।

Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

Next Story