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Dystonia Symptoms: डिस्टोनिआ एक खतरनाक बीमारी है, जाने इसके लक्षण और उपाय ?
Dystonia Symptoms and Causes: डिस्टोनिआ एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है जिसमें शरीर के किसी भाग की मांसपेशियों की नियंत्रणहीनता होती है, जिससे व्यक्ति के शरीर का एक या अधिकांश हिस्सा अनयंत्रित तरीके से गतिशील होता है।
Dystonia: डिस्टोनिआ एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है जिसमें शरीर के किसी भाग की मांसपेशियों की नियंत्रणहीनता होती है, जिससे व्यक्ति के शरीर का एक या अधिकांश हिस्सा अनयंत्रित तरीके से गतिशील होता है। यह बीमारी विभिन्न प्रकार की हो सकती है और इसके कारण भी विभिन्न हो सकते हैं, जैसे कि आवश्यकतानुसार उपचार किया जाता है।
डिस्टोनिआ के लक्षण (Dystonia Ke Lakshan in Hindi)
डिस्टोनिआ के लक्षण व्यक्ति के शरीर के आवयवों की असामान्य गतिविधियों में व्यक्त हो सकते हैं, जैसे कि:
1.मांसपेशियों की तंगी या दबाव
2.असामान्य या विशिष्ट शारीरिक स्थितियाँ, जैसे कि हाथ का मोड़ा होना, आँखों की झपकन
3.स्वतंत्रता की कमी या अचानक आवाज़ या हकलाना
4.असामान्य आवाज़ या भाषण की गतिविधियाँ
5.सामान्य गतिविधियों की अचानक बदलाव
6.गले में खिचाव
7.बोलने में समस्या
8.कपकपी
9.अधिक पलके झपकना
10.पैर में मोच आना
यह लक्षण व्यक्ति की डिसटोनिया के प्रकार और ग्रेड पर निर्भर कर सकते हैं।
डिस्टोनिआ के कारण
1.उपजाऊ घातकता: कुछ डिस्टोनिआ उपजाऊ घातकता के परिणामस्वरूप हो सकती है, जिसमें व्यक्ति की जननांगों को योनि या लिंग के किसी हिस्से से जोड़ दिया जाता है।
2.जननांगों के संरचनात्मक विकास में खराबियाँ: कई बार जननांगों के संरचनात्मक विकास में खराबियाँ डिस्टोनिआ के कारण बन सकती हैं।
3.जननांगों के असमान्य गतिविधियाँ: कुछ डिस्टोनिआ उपजाऊ घातकता या असामान्य जननांगों की गतिविधियों की वजह से हो सकती हैं।
4.न्यूरोलॉजिकल संबंधित कारण: डिस्टोनिआ का कारण कई बार न्यूरोलॉजिकल संबंधित होता है, जैसे कि दिमाग के किसी हिस्से में असामान्य संकेतों के कारण।
5.आनुवंशिक अंश: कुछ मामूल डिस्टोनिआ कारण आनुवंशिक भी हो सकते हैं, जिसमें परिवार के अन्य सदस्यों में भी यह समस्या हो सकती है।
6.इलाज से संबंधित कारण: कुछ बार डिस्टोनिआ किसी निश्चित दवा के सेवन के परिणामस्वरूप हो सकती है, जैसे कि अग्रसर खांसी दवाओं का उपयोग।
डिस्टोनिआ के प्रकार
1.ट्रेमर्स डिस्टोनिआ: इसमें शरीर के किसी हिस्से की मांसपेशियों की तितरती हुई गतिविधि होती है, जो कई बार आती-जाती है।
2.डिसकिनेजिया: यह विभिन्न शरीरिक गतिविधियों की तरह असामान्य और अकंटिंग हो सकती है, जैसे कि आँखों की झपकन, नाक चिढ़ना आदि।
3.आथेटोइड डिस्टोनिआ: इसमें शरीर के बाला पंखुड़ियों और हाथों की मांसपेशियों की असामान्य गतिविधि होती है, जिससे व्यक्ति के आंगुलियाँ या हाथ बिना इच्छा के उन्नति करते रहते हैं।
4.फोकल डिस्टोनिआ: यह डिस्टोनिआ का एक प्रकार होता है जिसमें केवल एक हिस्से में ही असामान्य गतिविधियाँ होती हैं, जैसे कि आंखों की झपकन, गर्दन की मांसपेशियों की असामान्य गतिविधि आदि।
5.जनरलाइसड डिस्टोनिआ: इसमें अधिकांश शरीर के हिस्सों में असामान्य गतिविधियाँ होती हैं, जिससे व्यक्ति की दैनिक गतिविधियों में बाधा होती है।
6.ड्रुव डिस्टोनिआ: यह डिसटोनिया का एक प्रकार है जिसमें लंबे समय तक मादक पदार्थों का सेवन करने के परिणामस्वरूप हो सकती है।
डिस्टोनिआ का इलाज
1.दवाएँ: डिस्टोनिआ के उपचार के लिए दवाएँ प्रयोग की जा सकती हैं, जो मांसपेशियों की सामान्य गतिविधियों को संयमित करने में मदद करती हैं। डॉपामाइन प्रवृत्ति दवाएँ जैसे कि बोटुलिनम टॉक्सिन (बोटॉक्स) अगर डिसटोनिया के प्रकार के लिए उपलब्ध हो सकती हैं।
2.फिजिओथेरेपी: फिजिओथेरेपी द्वारा शरीर की सहायकी मांसपेशियों की मजबूती को बढ़ावा दिया जा सकता है, जिससे शरीर के असामान्य गतिविधियों को कम किया जा सकता है।
3.सर्जरी: कुछ गंभीर मामलों में, जब दवाइयों या अन्य उपचारों से आराम नहीं मिलता, सर्जरी का विचार किया जा सकता है।
4.डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (DBS): यह एक प्रकार की सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें दिमाग में छोटे इलेक्ट्रोड्स स्थापित किए जाते हैं जो असामान्य गतिविधियों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
5.प्राकृतिक उपचार: कुछ लोग योग, मेडिटेशन और आहार में परिवर्तन जैसे प्राकृतिक उपचारों का भी प्रयोग करते हैं डिस्टोनिआ के सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए।