×

क्या आपके बच्चे ने भी अब तक बोलना नहीं सीखा? ज्यादा फोन देने के हैं परिणाम, जानें स्क्रीम टाइम कम करने के तरीके

Excessive Screen Time Impact On Child: बच्चों में स्क्रीन मीडिया के अत्यधिक उपयोग से उनके विकास पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। आइए जानते हैं स्क्रीन टाइम कम करने के टिप्स।

Shreya
Written By Shreya
Published on: 15 Feb 2025 7:00 AM IST (Updated on: 15 Feb 2025 7:00 AM IST)
क्या आपके बच्चे ने भी अब तक बोलना नहीं सीखा? ज्यादा फोन देने के हैं परिणाम, जानें स्क्रीम टाइम कम करने के तरीके
X

Excessive Screen Time Impact On Child (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Excessive Screen Time Side Effects: आजकल के बच्चे कहां फोन या टीवी के बिना मानते हैं, उन्हें तो हर टाइम फोन चाहिए होता है। इस बात को फ्लैक्स करने वाले पैरेंट्स ये जान लें कि अत्यधिक स्क्रीम टाइमिंग आपके बच्चे के ग्रोथ में बाधा डाल रहा है। जी हां, स्क्रीन (टीवी, स्मार्टफोन आदि) के अत्यधिक इस्तेमाल से बच्चों के कम्युनिकेशन और बौद्धिक क्षमता के विकास में देरी हो सकती है। साथ ही बच्चों का शैक्षणिक प्रदर्शन भी प्रभावित हो सकता है। आइए जानते हैं बच्चों पर अधिक स्क्रीन टाइम बिताने से पड़ने वाले नुकसानों के बारे में।

बच्चों पर अधिक स्क्रीन टाइम से पड़ने वाले नुकसान

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चों में स्क्रीन मीडिया के अत्यधिक उपयोग से उनके विकास पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव पड़ सकते हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि कॉग्निटिव डेवलपमेंट यानी संज्ञानात्मक विकास के संबंध में, स्क्रीन में शिक्षा और सीखने को बढ़ाने की क्षमता है। लेकिन अध्ययनों से पता चला है कि अत्यधिक स्क्रीन समय और मीडिया मल्टीटास्किंग एग्जीक्यूटिव फंक्शनिंग, सेंसरिमोटर विकास और शैक्षणिक परिणामों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं।

इसके अलावा अर्ली स्क्रीन एक्सपोजर बाद के वर्षों में कम संज्ञानात्मक क्षमताओं (Cognitive Abilities) और शैक्षणिक प्रदर्शन (Academic Performance) से जुड़ा हुआ है। आपके बच्चे के भाषा का विकास भी स्क्रीन टाइम से प्रभावित होता है, क्योंकि इससे बच्चों और पेरेंट्स के बीच बातचीत की मात्रा और क्वावालिटी दोनों कम हो जाती है।

केवल यही पर ही अत्यधिक स्क्रीन उपयोग के नुकसान खत्म नहीं होते हैं, बल्कि इससे बच्चे की नींद में गड़बड़ी, डिप्रेशन और एंग्जायटी समेत सोशल-इमोशनल डेवलपमेंट में समस्याएं भी हो सकती हैं। यह भावनात्मक समझ को खराब कर सकता है, अग्रेसिव बिहेवियर को बढ़ावा दे सकता है और सामाजिक और भावनात्मक क्षमता में बाधा डाल सकता है।

स्क्रीम टाइम को कैसे कम करें?

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

आपने ये तो जान लिया कि अधिक स्क्रीम टाइम होने से किस तरह बच्चे की ग्रोथ पर असर पड़ता है। अब बात आती है कि आखिर उनके स्क्रीन टाइम को कैसे कम किया जाए। क्योंकि बच्चा तो खाना खाते समय, सोने से पहले, या खेलने से भी ज्यादा फोन पर लगे रहना पसंद करना लगा है। लेकिन ये इतना भी मुश्किल नहीं है। यहां हम आपके साथ कुछ टिप्स शेयर करने जा रहे हैं, जो आपके बच्चे की इस आदत को बदल सकते हैं। हां, थोड़ा समय अवश्य लगेगा, लेकिन ये टिप्स उनके हाथ से फोन को छुड़वा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं ये तरीके।

1- बच्चों को खेलने के लिए करें प्रोत्साहित

बच्चों की जिद्द के आगे झुककर उनके हाथ में फोन थमा देने से अच्छा है कि उन्हें बचपन से ही अलग-अलग गेमों को खेलने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। केवल आउटडोर ही नहीं बल्कि ऐसे कई इनडोर गेम्स भी होते हैं जो उनके लर्निंग को फन बना सकते हैं और ब्रेन के काम करने की क्षमता को बढ़ावा दे सकते हैं। उन्हें पजल गेम्स भी खिलाएं, जिससे उनके ब्रेन का विकास हो और फोकस बढ़े। अगर गेम्स फन होंगे तो बच्चा फोन को नहीं पूछेगा।

2- बच्चे के सामने फोन न करें इस्तेमाल

अपने बच्चे की फोन देखने की आदत को छुड़ाने के लिए जरूरी है कि आप भी उनके सामने अधिक फोन का इस्तेमाल न करें। क्योंकि बच्चे अपने मां-बाप को देखकर ही बड़े होते हैं और उनसे कई आदतों को अपनाते हैं। ऐसे में उनके साथ टाइम बिताएं और फोन से दूरी बनाकर रहें।

3- स्क्रीम टाइम को करें मैनेज

अब देखिए बच्चा तुरंत तो फोन देखना छोड़ नहीं देगा, ऐसे में उसके स्क्रीन टाइम को मैनेज करें। थोड़ा-थोड़ा करके समय को कम करते जाएं। अब तो फोन में इसके लिए कई ऑप्शन भी मौजूद होते हैं।

4- अलग-अलग कामों में करें इनवॉल्व

अब बच्चा हर समय तो खेलता नहीं रहेगा, ऐसे में उसे अपने साथ कुछ ऐसे कामों में इनवॉल्व कर सकते हैं, जिससे वह कुछ नया सीखे। इसके अलावा वॉक पर ले जा सकते हैं, उसके साथ गार्डनिंग कर सकते हैं या अन्य कोई एक्टिविटी।



Shreya

Shreya

Next Story