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Falsa Fruit Benefits In Hindi: फालसा एक फ़ायदे अनेक
Falsa Fruit Benefits In Hindi: फालसे का विशाल पेड़ होता है। यह बगीचों में पाया जाता है। उत्तर भारत में इसकी उत्पत्ति अधिक होती है।
Falsa Fruit Benefits In Hindi: फालसे का विशाल पेड़ होता है। यह बगीचों में पाया जाता है। उत्तर भारत में इसकी उत्पत्ति अधिक होती है। इसका फल पीपल के फल के बराबर होता है। इसको फालसा कहते हैं। यह मीठा होता है। गर्मी के दिनों में इसका शर्बत भी बनाकर पीते हैं।
विभिन्न भाषाओं में नाम
हिन्दी फालसा
अंग्रेजी एशियाटिक ग्रेबिया
संस्कृत पुरुषक
गुजराती फालसा
मराठी फालसा
अरबी फालसा
फालसा
यह खट्टा, फीका, गर्मी लाने वाला और लघु होता है तथा वायु का नाश करता है।
कच्चे फालसे
यह छोटा, गर्मी लाने वाला, गर्म, खट्टा, फीका और वात-नाशक होता है।
पके फालसे
ये मीठे स्वादिष्ट, रुचिकर, शीतल, मलावरोध, धातुवर्धक, खट्टे होते हैं तथा वात, पित्त, रक्तदोष, प्यास, जलन, टी.बी., सूजन और पित्त ज्वर को नष्ट करते हैं।
विभिन्न रोगों में उपयोग
पित्त विकार और हृदय रोग
पके फालसे के रस को पानी में मिलाकर, पिसी हुई सोंठ और शक्कर के साथ पिलाना चाहिए।
पके फालसे के रस को पानी, सौंफ और चीनी मिलाकर सेवन करने से लाभ मिलता है।
लू का लगना
शहतूत और फालसे का शर्बत पीने से लू से बचा जा सकता है।
फालसे के साथ सेंधा नमक खाने से लू नहीं लगती है।
शीतपित्त
पित्त-विकार में पके फालसे के रस में पानी, सोंठ और चीनी मिलाकर पीना चाहिए।
मूत्ररोग
फालसा खाने व शर्बत पीने से भी मूत्र की जलन खत्म होती है।
गर्भ में मरे हुए बच्चे को निकालना
नाभि, बस्ति और योनि पर फालसे की जड़ का लेप करना चाहिए। इससे गर्भ में मरा हुआ बच्चा तुरन्त निकल जाता है।
शरीर की जलन
अगर शरीर में जलन हो तो फालसे के फल या शर्बत को सुबह-शाम सेवन करने से लाभ मिलता है। पके हुए फालसे को शक्कर के साथ खाने से शरीर की गर्मी, भभका, जलन दूर होती है।फालसे का शर्बत पीने से शरीर की जलन समाप्त हो जाती है।20 ग्राम फालसों को शक्कर के साथ खाने से जलन मिट जाती है।
दूषित मल
फालसा शरीर के दूषित मल को बाहर निकालता है। मस्तिष्क की गर्मी और खुश्की को दूर करता है। हृदय, आमाशय और यकृत (जिगर) को बलवान बनाता है। यह कब्ज दूर करता है तथा मूत्र (पेशाब) की जलन, सूजाक और स्त्रियों के श्वेतप्रदर में लाभदायक है। आमाशय और छाती की गर्मी, बेचैनी में अच्छे पके हुए फालसे खाना लाभकारी होता है।
खून की कमी
खून की कमी होने पर फालसा खाना चाहिए। इसे खाने से खून बढ़ता है।
अरुचि
अरुचि में फालसा, सेंधा नमक और कालीमिर्च खाना लाभकारी होता है।
अम्लपित्त (एसिडिटी)
गैस और एसीडिटी के रोगियों को फालसे का सेवन करने से आराम मिलता है।
सिर का दर्द
फालसे का शर्बत सुबह और शाम को पीने से पित्त (गर्मी) के कारण होने वाला सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
बुखार
फालसे के फल के शर्बत को सुबह और शाम सेवन करने से बुखार में होने वाली जलन कम हो जाती है।
चोट लगना
शरीर के किसी भी हिस्से से खून बहे तो उसे रोकने के लिए फालसे का शर्बत प्रतिदिन पीना फायदेमंद और जल्द असरदायक होता है।
श्वेत प्रदर
फालसे का शर्बत पीने से श्वेत प्रदर मिट जाता है।
दिल की तेज धड़कन
फालसे के फलों का शर्बत बनाकर सुबह-शाम सेवन करने दिल की तेज धड़कन सामान्य हो जाती है।
फालसे 30 ग्राम, कालीमिर्च के पांच दानों का चूर्ण और स्वाद के अनुसार सेंधा नमक मिलाकर सेवन करने से दिल की तेज धड़कन में आराम मिलता है।
गठिया रोग
फालसे की जड़ का काढ़ा बनाकर पिलाने से गठिया रोग ठीक होता है।
चेहरे की फुंसियां
जिन फुंसियों में से मवाद निकलती है उस पर फालसा के पत्तों को पीसकर लगाने से मवाद सूख जाती है और फुंसिया ठीक हो जाती हैं।
हृदय की दुर्बलता
हृदय-रोग में पके फालसे का रस, पानी, सौंठ और शक्कर मिलाकर पीना चाहिए।हृदय की कमजोरी में दस ग्राम पके हुए फालसे, 5 दाने कालीमिर्च, चुटकी भर सेंधानमक लेकर घोट लें। उसमें एक कप पानी तथा थोड़ा-सा नींबू का रस मिलाकर कुछ दिनों तक नियमित रूप से पीने से हृदय की दुर्बलता, अत्यधिक धड़कन इत्यादि विकार शान्त हो जाते हैं और शरीर में वीर्य, बल की वृद्धि होती है। इसके साथ ही गरमी की तकलीफ भी दूर होती है।
( साभार सुख सागर ट्रस्ट ।)