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Fasting generates Uric Acid: उपवास के कारण बढ़ सकता है यूरिक एसिड, जाने कारण, लक्षण और इसके बचाव
Fasting generates Uric Acid: यूरिक एसिड एक कार्बनिक पदार्थ है जो शरीर में बहुत कम मात्रा में पाया जाता है। इसकी जितनी मात्रा बनती है उसे किडनी द्वारा फिल्टर कर शरीर से बाहर भी निकाल दिया जाता है।
Fasting generate Uric Acid: शरीर में कई बार यूरिक एसिड के स्तर में वृद्धि होने से व्यक्ति शारारिक रूप से बहुत असहज महसूस करने लगता है। शुरआती दौर में तो यह परेशानी ज्यादा परेशां नहीं करती है लेकिन लेकिन समय के साथ जब ये धीरे-धीरे काफी बढ़ जाता है तब इसके कई दुष्प्रभाव शरीर में नजर आने लगते हैं। बता दें कि यूरिक एसिड एक कार्बनिक पदार्थ है जो शरीर में बहुत कम मात्रा में पाया जाता है। इतना ही नहीं इसकी जितनी मात्रा बनती है उसे किडनी द्वारा फिल्टर कर शरीर से बाहर भी निकाल दिया जाता है। लेकिन यह अगर जरूरत से ज्यादा शरीर में बनने लगे तो हाई ब्लड प्रेशर, जोड़ों में दर्द, उठने-बैठने में परेशानी और सूजन समेत कई तकलीफों को आमंत्रण भी दे देता है।
हालाँकि शुरूआती दौर में इस समस्या का पता चल जाने पर इसका इलाज़ संभव है। लेकिन कई बार लोग जानकारी के आभाव में इस बीमारी को समझ ही नहीं पाते हैं। और इससे जुडी अनेक समस्याओं से घिर जाते हैं। गौरतलब है कि इस संबंध में लोगों की कम जागरूकता ही लोगों को शुरूआती दौर में इसके कारणों से अवगत नहीं करा पाते हैं। इसलिए इस विषय में लोगों के बीच जागरूकता फैलाए जाने की बेहद आवश्यकता है। बता दें कि इस बीमारी से ग्रसित होने के कुछ मुख्य कारण होते हैं। जिन्हें जानना और समझना बेहद जरुरी है। जिनमें से कुछ प्रमुख हैं :
शरीर में प्रोटीन की अधिकता
शरीर में प्रोटीन की अधिकता होना इस रोग के होने का मुख्य कारण होते है। बता दें कि प्रोटीन एमिनो एसिड के संयोजन से बना होने के कारण पाचन की प्रक्रिया के दौरान जब प्रोटीन टूटता है , तो शरीर में यूरिक एसिड बन जाता है। जो कि एक तरह का एंटी ऑक्सीडेंट होता है। आमतौर सभी के शरीर में सीमित मात्रा में यूरिक एसिड का होना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। लेकिन जब शरीर में इसकी मात्रा बढ़ जाती है तो रक्त प्रवाह के जरिये पैरों की उंगलियों, टखनों, घुटने, कोहनी, कलाइयों और हाथों की उंगलियों के जोड़ों में इसके कण जमा होने लगते हैं जिस कारण जोड़ों में दर्द और सूजन होने लगता है।
असंतुलित और अव्यवस्थित जीवनशैली
असंतुलित और अव्यवस्थित जीवनशैली के कारण यूरिक एसिड की समस्या हो जाती है। अमूमन 25 साल से लेकर 40 वर्ष के युवा पुरुषों में यह समस्या सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। और स्त्रियों में अमूमन यह समस्या 50 वर्ष की उम्र के बाद ही देखने को मिलती है।
अनियमित खानपान
अनियमित खानपान की वजह से भी अनेकों स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं। जिनमें रेड मीट, सी फूड, रेड वाइन, प्रोसेस्ड चीज, दाल, राजमा, मशरूम, गोभी, टमाटर, पालक इत्यादि के अधिक मात्रा में सेवन करने से भी शरीर में यूरिक एसिड बढ़ जाता है। इसलिए इससे बचने के लिए सही खानपान का भी ध्यान रखना बेहद आवश्यक है।
उपवास या क्रैश डाइटिंग
शरीर को ऊर्जावान बनाये रखने के लिए भोजन सबसे बड़ा स्त्रोत होता है। लेकिन यदि आप सही और पौष्टिक भोजन ना करें तो आपके शरीर में यूरिक एसिड के स्तर में वृद्धि होना लाज़मी हैं। ऐसे में ज्यादा उपवास या क्रैश डाइटिंग के कारण यूरिक एसिड से ग्रसित हो सकते हैं। इसलिए इस समस्या से बचने के लिए अधिक उपवास या क्रैश डाइटिंग से परहेज़ करना जरुरी होता है।
किडनी की समस्या
बता दें कि किडनी रक्त में मौजूद यूरिक एसिड की अतिरिक्त मात्रा को यूरिन के जरिये बाहर निकालने का काम करती है। लेकिन जो लोग किडनी की समस्या से ग्रसित होते हैं उनमें यूरिक एसिड बढ़ जाता है।
किडनी स्टोन
अगर किसी व्यक्ति की किडनी भीतरी दीवारों की लाइनिंग क्षतिग्रस्त हो तो ऐसे में यूरिक एसिड बढ़ने की वजह से किडनी में स्टोन भी बनने लग सकता है। इसलिए इसका ध्यान रखकर आप यूरिक एसिड के बढ़ते स्तर को कम कर सकते हैं।
शुरूआती लक्षणों को ना करें नज़रअंदाज़
शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने के कुछ शुरूआती लक्षण होते हैं , जिन्हें नज़रअंदाज़ करना खतरनाक हो सकता है। जिनमें आपके पैरों उंगलियों, टखनों और घुटनों में दर्द होना शामिल हैं। इन संकेतों को मामूली थकान की वजह से होने वाला दर्द समझ कर अनदेखा करना आपको परेशानियों में डाल सकता है। यूरिक एसिड बढ़ने के इस स्वास्थ्य समस्या को गाउट आर्थराइट्सि भी कहा जाता है।
यूरिक एसिड की समस्या से बचाव के उपाय
- अत्यधिक मात्रा में पानी पीने से आपके ब्लड में मौजूद अतिरिक्त यूरिक एसिड यूरिन के जरिये शरीर से बाहर निकल जाता है।
- कपड़े में लपेटकर बर्फ की सिंकाई दर्द वाले स्थान पर करना फायदेमंद साबित होता है।
- संतुलित आहार जिसमें, कार्बोहइड्रेट, प्रोटीन, फैट, विटमिन और मिनरल्स सब कुछ सीमित और संतुलित मात्रा में हो लेना चाहिए। बता दें कि शाकाहारी भारतीय भोजन को संतुलित माना जाता है ।
- रोज़ाना एक्सराइज करने से इस समस्या से बचा जा सकता है। प्रतिदिन व्यायाम करने से शरीर में अतिरिक्त प्रोटीन जमा नहीं हो पाता जिसके कारण यूरिक एसिड की समस्या नहीं होती है।
- यूरिक एसिड से ग्रसित रोगियों को नियमित रूप से दवाओं का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा उन्हें हर छह माह के अंतराल पर यूरिक एसिड की जांच जरूर करानी चाहिए।