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Garlic And Chikungunya: लहसुन के सेवन से दूर होगा चिकनगुनिया, इन टिप्स को अपनाकर आप भी रहें स्वस्थ

Garlic And Chikungunya: आमतौर पर चिकनगुनिया रोग में बुखार दो दिन से ज्यादा नहीं रहता है और ये अचानक समाप्त भी हो जााता है। इसके लक्षण डेंगू से काफी मिलते-जुलते हैं।

Preeti Mishra
Written By Preeti MishraPublished By Shreya
Published on: 25 April 2022 7:31 PM IST
Garlic And Chikungunya: लहसुन के सेवन से दूर होगा चिकनगुनिया, इन टिप्स को अपनाकर आप भी रहें स्वस्थ
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मच्छर (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Garlic And Chikungunya: गर्मी के मौसम आते कई तरह की बिमारियों का डर शुरू हो जाता है। चिकनगुनिया (chikungunya fever) भी उनमें से ही एक वायरल बीमारी है। बता दें कि एडिस प्रजाति के मच्छर के काटने से चिकनगुनिया रोग होता है। चिकनगुनिया एक संक्रामक रोग होता है। इस रोग में बुखार के साथ हाथों और पैरों पर चकत्ते भी बन जाते हैं। इतना ही नहीं जोड़ों, सिर और आँखों में दर्द होना भी इसके लक्षण होते है।

गौरतलब है कि आमतौर पर चिकनगुनिया रोग में बुखार दो दिन से ज्यादा नहीं रहता है और ये अचानक समाप्त भी हो जााता है। आमतौर पर चिकनगुनिया और डेंगू के लक्षण काफी मिलते -जुलते हैं।

लक्षण (Chikungunya Symptoms)

अगर चिकनगुनिया के लक्षणों की बात तो कुछ प्रमुख हैं। जिनमें हाथों और पैरों में चकत्ते बनना, शरीर के विभिन्न जोड़ों में दर्द होने के साथ व्यक्ति को कमजोर बना देना, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द एवं थकान (chikungunya ke lakshan) का अनुभव होना, गम्भीर पीठ दर्द, आँखों में पीड़ा एवं कंजेक्टिवाइटिस होना, अनिद्रा तथा निर्बलता भी और गले में खराश होना इसके लक्षणों में शामिल है।

मच्छर (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)

कारण (Causes of Chikungunia)

चिकनगुनिया वायरस एडिस नामक प्रजाति के मच्छरों के काटने से फैलता है। शरीर में इस रोग को फैलने में 2 से 4 दिन का समय लगता है। इस रोग के लक्षणों (chikungunya ke lakshan) में बुखार आमतौर पर दो से ज्यादा दिन तक नहीं चलकर अचानक ही समाप्त भी हो जाता है। लेकिन जब कोई व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित होता है तो उसे काटने से मच्छर भी इस वायरस से संक्रमित हो जाता है।

बता दें कि एडिस मच्छर दिन के उजाले में ही काटते हैं। यह रोग मच्छर से मानव को और दोबारा मच्छर द्वारा मानव का संक्रमित खून पीने से होता है अर्थात् मानव-मच्छर-मानव के चक्र में फैलता है।

बचाव

चिकनगुनिया से बचने के लिए जीवनशैली और आहार में बदलाव लाना बेहद जरूरी होता है। अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव लाकर आप इस परेशानी से बच सकते हैं। जिनमें हमेशा खुदको मच्छरों के काटने से बचाना जरुरी है , मच्छर-दानी का प्रयोग बेहतर है ,अपने घर के आस-पास या गमलों या गड्डों में पानी जमा ना होने दें, कीट से बचाने वाली क्रीम का प्रयोग सनक्रीन से पहले करें, शरीर को पूरी तरह से ढकने वाले कपडे पहने , घर में तुलसी का पौधा जरूर रखें , खूब पानी पीकर आपकी बॉडी हाइड्रेटेड रखें , घर में कपूर जलाएँ, इससे मच्छर घर से दूर रहते हैं यदि शामिल हैं । इसके अलावा आप अपने खानपान में भी बदलाव लाकर चिकनगुनिया को हरा सकते हैं।

इसके लिए चिकनगुनिया में आहार के रूप में नारियल पानी का सेवन फायदेमंद होता है , ताजी हरी पत्तेदार सब्जियोँ का सेवन , चिकनगुनिया से ग्रसित रोगी को रोज़ाना एक सेब जरूर खाना चाहिए, केले का सेवन भी काफी फायदेमंद है, विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन भी चिकनगुनिया में लाभप्रद होता है, विटामिन-ई एवं जिंक युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन भी इस रोग को दूर करने में सहायक होता है। इस दौरान मांसाहारी भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए इत्यादि।

इलाज के लिए घरेलू उपाय (Chikungunya Treatment)

- पर्याप्त मात्रा में पानी पीयें ताकि शरीर हाइड्रेट रहने के साथ शरीर के सभी विषैले पदार्थ भी बाहर निकल जाये।

- डेयरी प्रोडक्ट्स का करें सेवन जिससे चिकनगुनिया बुखार पर नियंत्रण पाने में मदद मिलती है।

- चिकनगुनिया में अजवायन देने की सलाह दी जाती है। अजवायन में मौजूद थाइमोल नामक एक तेल लोकल एनेस्थिसिया की तरह काम करता है, जिसके कारण शरीर का दर्द कम हो जाता है।

- सहजन की फलियों का सूप और इसके पत्ते चिकनगुनिया में काफी फायदेमंद होते हैं। बता दें कि सहजन के सेवन से मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं।

- दूध में हल्दी मिला कर पिने से इसमें काफी रहत मिलती है

-तुलसी में मौजूद तत्व हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ हमें बिमारियों से भी बचाती है।

- गिलोय रस या गिलोय कैप्सूल का सेवन भी चिकनगुनिया के उपचार में मदद करता है।

- 7 से 8 ताजे पपीते की पत्तियां का 2-2 चम्मच रस 3-3 घण्टे बाद पिलाने से प्लेट्लेट्स को बढ़ाने में मदद करते हैं। बता दें की इस बुखार में शरीर के प्लेट्लेट्स तेजी से गिरते हैं।

- अंगूर के बीजरहित फल को गाय के गुनगुने दूध के साथ पीने से चिकनगुनिया का वायरस मर जाता है।

- चिकनगुनिया बुखार के इलाज के लिए लहसुन का सेवन भी बहुत प्रभावशाली होता है। इसका सेवन ना सिर्फ दर्द से राहत दिलाने में बल्कि सूजन को भी कम करके रक्त संचार को बेहतर करने में सहायक होता है।

- चिकनगुनिया बुखार के इलाज में शहद व नीम्बू भी बेहद फायदेमंद होता है। शहद में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल व एंटी-माइक्रोबियल गुण बीमारियों से लड़ने में हमारी मदद करते हैं। वहीं नीम्बू बुखार से लड़ने के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।

- ओमेगा-3 फैटी एसिड रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत कर चिकनगुनिया को दूर करने में सहायक होता है।

- केले में चीनी की मात्रा कम और स्टार्च की मात्रा अधिक होने के साथ फाइबर भी बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसके सेवन से पाचन क्रिया मजबूत रहने के साथ चिकनगुनिया को भी दूर करने में सहायता करता है।

- नारियल पानी का सेवन से चिकनगुनिया के उपचार के दौरान बहुत ही फायदेमंद होता है।

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