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क्यों 20 की उम्र में 30 के नजर आने लगे हैं बच्चे, आखिर क्या है कारण

Gen Z vs Millennials : बदलती हुई लाइफ स्टाइल के साथ इंसान कई तरह की बीमारियों का शिकार होने लगा है। एजिंग भी इन्हीं में से एक ऐसी समस्या है जो व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालती है।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 19 Feb 2024 11:15 AM IST (Updated on: 19 Feb 2024 11:15 AM IST)
Gen Z vs Millennials
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Gen Z vs Millennials (Photos - Social Media)

Gen Z vs Millennials : इन दिनों बिजी लाइफस्टाइल के कारण हमारी दिन भर की गतिविधि खराब हो चुकी है। चाहे वह खान-पान से रिलेटेड हो या फिर हमारे स्वास्थ्य से जुड़ा हो। इसका सबसे ज्यादा असर हमारे बालों पर ही देखने को मिलता है।

जमकर हो रहे एजिंग इश्यू

इस उथल-पुथल वाली जिंदगी में लोग इतने ऑइली फूड का सेवन करने लगे हैं कि 20 साल की उम्र तक आते-आते वह सफेद बाल के शिकार होने लग जाते हैं। जिस कारण उन्हें तरह-तरह की ट्रीटमेंट लेने पड़ते हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। दरअसल जेन जी के साथ एजिंग इश्यूज बहुत ज्यादा हो रहे हैं जो की एक तरीके से अनहेल्दी है।

Gen Z vs Millennials


सोशल मीडिया है वजह

दरअसल एक रिसर्च नया दावा किया है कि सोशल मीडिया का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करना जेन जी की एजिंग प्रोसेस को बढ़ा रहा है। जिसके कारण हमारे इर्द-गिर्द होने वाले चीजों का हमें पता नहीं लग पाता क्योंकि सोशल मीडिया पर हर वक्त कुछ ना कुछ अलग देखने को मिलता है। कुछ लोग ब्यूटी टिप्स को फॉलो करते हैं तो कुछ लोग बालों को कैसे झड़ने से बचाए या फिर स्ट्रेस से कैसे दूर करें इन सब चीजों पर ज्यादा ध्यान देते हैं।

फेक ब्यूटी स्टैंडर्ड

फेक ब्यूटी स्टैंडर्ड को फॉलो करने वाले लोगों से कई तरह के कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट करवाए जाते हैं। जिसका असर तो तुरंत देखने को मिलता है, लेकिन इसके नुकसान धीरे-धीरे पता चलते हैं।


कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट

कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट करवाने की सलाह डॉक्टरों द्वारा नहीं दी जाती यह केवल एक्सपेंसिव होते हैं लेकिन यह आपके लिए फायदेमंद नहीं होते है।

ज्यादा फोन का इस्तेमाल

दरअसल, जरूरत से ज्यादा फोन चलाना हमारे लिए घातक हो सकता है। क्योंकि फोन चलाते वक्त हम हमारा चेहरा नीचे रहता है जिसके कारण गर्दन पर लाइंस बनने लगती है और यह लाइन धीरे-धीरे टाइम के अकॉर्डिंग गहरी होती चली जाती है। जिससे गर्दन की एजिंग तेजी से होती है और इससे हमारे पीछे के हिस्से में दर्द और बाल आ जाते हैं। इसके अलावा आंखों के नीचे झुर्रियां भी पड़ने लग जाती है।



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Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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