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क्यों 20 की उम्र में 30 के नजर आने लगे हैं बच्चे, आखिर क्या है कारण
Gen Z vs Millennials : बदलती हुई लाइफ स्टाइल के साथ इंसान कई तरह की बीमारियों का शिकार होने लगा है। एजिंग भी इन्हीं में से एक ऐसी समस्या है जो व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालती है।
Gen Z vs Millennials : इन दिनों बिजी लाइफस्टाइल के कारण हमारी दिन भर की गतिविधि खराब हो चुकी है। चाहे वह खान-पान से रिलेटेड हो या फिर हमारे स्वास्थ्य से जुड़ा हो। इसका सबसे ज्यादा असर हमारे बालों पर ही देखने को मिलता है।
जमकर हो रहे एजिंग इश्यू
इस उथल-पुथल वाली जिंदगी में लोग इतने ऑइली फूड का सेवन करने लगे हैं कि 20 साल की उम्र तक आते-आते वह सफेद बाल के शिकार होने लग जाते हैं। जिस कारण उन्हें तरह-तरह की ट्रीटमेंट लेने पड़ते हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। दरअसल जेन जी के साथ एजिंग इश्यूज बहुत ज्यादा हो रहे हैं जो की एक तरीके से अनहेल्दी है।
सोशल मीडिया है वजह
दरअसल एक रिसर्च नया दावा किया है कि सोशल मीडिया का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करना जेन जी की एजिंग प्रोसेस को बढ़ा रहा है। जिसके कारण हमारे इर्द-गिर्द होने वाले चीजों का हमें पता नहीं लग पाता क्योंकि सोशल मीडिया पर हर वक्त कुछ ना कुछ अलग देखने को मिलता है। कुछ लोग ब्यूटी टिप्स को फॉलो करते हैं तो कुछ लोग बालों को कैसे झड़ने से बचाए या फिर स्ट्रेस से कैसे दूर करें इन सब चीजों पर ज्यादा ध्यान देते हैं।
फेक ब्यूटी स्टैंडर्ड
फेक ब्यूटी स्टैंडर्ड को फॉलो करने वाले लोगों से कई तरह के कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट करवाए जाते हैं। जिसका असर तो तुरंत देखने को मिलता है, लेकिन इसके नुकसान धीरे-धीरे पता चलते हैं।
कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट
कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट करवाने की सलाह डॉक्टरों द्वारा नहीं दी जाती यह केवल एक्सपेंसिव होते हैं लेकिन यह आपके लिए फायदेमंद नहीं होते है।
ज्यादा फोन का इस्तेमाल
दरअसल, जरूरत से ज्यादा फोन चलाना हमारे लिए घातक हो सकता है। क्योंकि फोन चलाते वक्त हम हमारा चेहरा नीचे रहता है जिसके कारण गर्दन पर लाइंस बनने लगती है और यह लाइन धीरे-धीरे टाइम के अकॉर्डिंग गहरी होती चली जाती है। जिससे गर्दन की एजिंग तेजी से होती है और इससे हमारे पीछे के हिस्से में दर्द और बाल आ जाते हैं। इसके अलावा आंखों के नीचे झुर्रियां भी पड़ने लग जाती है।