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Health News: सावधान फैल सकता है मलेरिया, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी
Use Home Remedy: हर घर में कढ़ाई में जला हुआ तेल बचता है, इस तेल को अगर नाली और उसके आसपास छिड़क दें तो जो लेयर बनेगी उसमें लार्वा नष्ट हो जाएगा
Health News: मानसून यूपी में सक्रिय हो चुका है और अगले तीन दिनों तक उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में भारी बारिश की संभावना है। 22 जून से मौसम साफ होने का अनुमान है। लेकिन मौसम विभाग के बुलेटिन के अनुसार आज से शुरू हो रहे सप्ताह में मौसमी बीमारी मलेरिया के फैलने की आशंका है। इस लिहाज से लोगों को सतर्क रहना चाहिए। और अपने घरों व आस-पास पानी इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए।
मौसम विभाग की चेतावनी के संबंध में जब वरिष्ठ चिकित्सा विशेषज्ञ डाॅ. सचिन वैश्य से बात की गई तो उनका कहना था कि बरसात का यह मौसम मलेरिया ही नहीं मच्छर जनित अन्य बीमारियों जिसमें फाइलेरिया और चिकनगुनिया भी शामिल है सतर्क रहने का समय है। उन्होंने कहा कि इस दौरान डेंगू के केस भी आ सकते हैं जिसको लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। इसके अलावा पूर्वांचल में जापानी इंसेफेलाइटिस जिसे मस्तिष्क ज्वर भी कहते हैं उसके मामले भी आ सकते हैं। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कमान संभालने के बाद जापानी इंसेफेलाइटिस के मामले नाम मात्र के रह गए हैं। लेकिन मौसम के बदलाव को देखते हुए सतर्क रहने की जरूरत है।
वाइवैक्स घातक नहीं पर सेल्फीपेरम है घातक
डा. वैश्य ने कहा मलेरिया के दो प्रकार के परजीवी होते हैं जिसमें वाइवैक्स घातक नहीं होता पर सेल्फीपेरम घातक हो सकता है जिसके बहुत ही कम मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को जागरुक रहने की जरूरत है कि अपने घरों में कहीं पर भी जलजमाव न होने दें। उन्होंने बताया कि एक जुलाई से संचारी रोग अभियान छेड़ा जाएगा जिसके लिए सीएमओ को निर्देशित किया जा चुका है। दवा के छिड़काव से लार्वा धुल जाता है जो पानी के जमाव में पनपता है। घरों में गमलों, पानी की टंकी के नीचे या नाली के आसपास ये पनप सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसका आसान सा घरेलू उपाय यह है कि हर घर में कढाई में जला हुआ तेल बचता है। इस तेल को अगर नाली और उसके आसपास छिड़क दें तो जो लेयर बनेगी उसमें लार्वा नष्ट हो जाएगा।
मलेरिया नियंत्रण के लिए फॉगिंग और साफ सफाई जरूरी
विशेषज्ञ चिकित्सक ने कहा कि मलेरिया कभी कभी महामारी के रूप में फैलता है लेकिन यह पॉकेट्स में फैलता है जैसे 2009 में कानपुर में फैला था। जिसे मेडिकल एक्सपर्ट की टीम ने जल्द ही नियंत्रित कर लिया था। इसी तरह बरेली में फैला था, उसको भी काबू कर लिया गया था। उन्होंने कहा कि मलेरिया का लार्वा पनपने के लिए 25 से 35 डिग्री का तापमान और नमी वाला क्षेत्र जैसे तराई में बदायूं, बरेली, दुधवा, सोनभद्र, मिर्जापुर मलेरिया बेल्ट में आते हैं। मलेरिया नियंत्रण के लिए फॉगिंग और साफ-सफाई जरूरी है। सितंबर तक ठंड का मौसम शुरू हो जाने से मलेरिया का लार्वा अपने आप खत्म हो जाता है। उन्होंने कहा कि मलेरिया की रोकथाम में आशा और एएनएम की विशेष भूमिका है। कुल मिलाकर मलेरिया, फाइलेरिया और चिकनगुनिया से सतर्क रहने की जरूरत है।
डा. वैश्य ने कहा कि डेंगू के केस आ सकते हैं यह अरबन डिजीज मानी जाती है चूंकि इसका लार्वा साफ पानी में पनपनता है। इसके लिए कहीं भी पानी को इकट्ठा पड़ा न रहने दें।