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Harmful Effects of Mobile Phones: अगर तकिए के नीचे रखकर सोते हैं Mobile तो रहें सावधान, होंगे बीमारियों के शिकार

Harmful Effects of Mobile Phones: ज्यादातर लोग सुबह उठकर सबसे पहले अपना फोन देखते हैं और रात में भी हम सोने से पहले अपना मोबाइल फोन देखकर ही सोते हैं।

Anupma Raj
Written By Anupma Raj
Published on: 22 Sept 2022 6:00 AM IST (Updated on: 22 Sept 2022 6:50 PM IST)
Is it safe to sleep with a phone near the pillow
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Phone under Pillow (Image: Social Media)

Harmful Effects of Mobile Phones: सुबह से लेकर शाम तक हम सभी मोबाइल का इस्तेमाल सबसे ज्यादा करते हैं। जिसका असर आंखों पर सबसे ज्यादा होता है। ज्यादातर लोग सुबह उठकर सबसे पहले अपना फोन देखते हैं और रात में भी हम सोने से पहले अपना मोबाइल फोन देखकर ही सोते हैं। मोबाइल देखने के बाद उसे तकिए के नीचे रख देते हैं या अपने बगल में ही फोन को रख देते हैं। लेकिन ऐसा करना खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं ऐसा करना कैसे खतरनाक हो सकता है:

दरअसल मोबाइल को तकिए के नीचे रखकर सोने से सेहत को बहुत सारे नुकसान होते हैं। बता दे कि साल 2011 में ही इससे जुड़ी हुई एक रिसर्च के मुताबिक यह जानकारी सामने आई थी कि मोबाइल को तकिए के नीचे रखकर सोने से रेडियो फ्रीक्वेंसी हमेशा आपके पास रहती है, जो नींद में भी बाधा डाल सकती है। इसका असर बच्चों पर ज्यादा नुकसानदायक होता है। इतना ही नहीं जब हम अपने मोबाइल को अपने तकिए के नीचे रखकर सोते हैं, तो इसकी लाइट से परेशान होते हैं।

जब भी ये वाइब्रेट होता है या फिर इसकी रिंग टोन बजती है तो हम इसे देखते ही हैं। ऐसे में बार-बार अंधेरे में फोन की लाइट देखने के कारण हमारी आंखों को नुकसान पहुंचता है। इसके अलावा फोन को तकिए के नीचे रखकर सोने का सबसे बड़ा खतरा ये है कि फोन में ओवरहीट होने से विस्फोट हो जाता है। ऐसा करना आपकी सेहत के लिए बहुत खतरनाक है। इससे सिर दर्द, अनिद्रा और आंखों से जुड़ी बीमारी हो सकती है।

दरअसल बहुत से लोग अपने फोन को रात में चार्ज करते हैं जिससे सुबह में फुल बैटरी मिल जाए। बता दे ऐसा करना भी बेहद ही खतरनाक साबित होता है क्योंकि कई लोग रात को फोन को चार्ज में भी तकिए के नीचे ही लगाते हैं, जो यह जोखिम भरा हो सकता है। ऐसे में अगर फोन तकिए के नीचे रखा है तो फोन का ओवरहीट होना तय है। साथ ही इससे उस पर एक्सटर्नल फोर्स भी लगता है। बता दे कई किस्से ऐसे देखे गए हैं जिसमें एक्सटर्नल फोर्स लगने के चलते फोन में विस्फोट हो गया है। दरअसल इसकी रेडियो फ्रीक्वेंसी स्लीप पैटर्न को कुछ इस तरह चेंज कर सकती है कि आपको नींद आने पर भी थकावट महसूस हो सकता है। इसलिए अपनी इस आदत को जल्द बदल दें।



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Content Writer

My name is Anupma Raj. I am from Patna. I'm a content writer with more than 3 years of experience.

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