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Health Tips: जानिए दिल का दौरा पड़ने से पहले कितनी बढ़ जाती है दिल की धड़कन, शरीर में नज़र आने लगते हैं ये लक्षण
Health Tips: डॉक्टर्स की माने तो हार्ट रेट के बढ़ने से हार्ट अटैक होने का कोई भी कारण नहीं हो सकता है।
Health Tips: क्या आप जानते हैं कि हार्ट अटैक और हार्ट रेट या दिल की धड़कन का बढ़ना किसी भी तरह से हार्ट अटैक का संकेत नहीं होता है। डॉक्टर्स की माने तो हार्ट रेट के बढ़ने से हार्ट अटैक होने का कोई भी कारण नहीं हो सकता है।
हार्ट अटैक को लेकर लोग अक्सर कई तरह के कन्फूशन में रहते हैं। लोगों को ऐसा भी लगता है कि हार्ट अटैक अचानक से आता है लेकिन वहीँ डॉक्टर्स का मानना है कि हार्ट अटैक अचानक से नहीं आता बल्कि ऐसा होने से तीन सर चार दिन पहले ही आपका शरीर आपको कुछ संकेत देने लगता है। दरअसल दिल का दौरा पड़ने से पहले व्यक्ति को कुछ लक्षण नज़र आने लगते हैं जिससे पता लग सकता है कि शरीर में कुछ गड़बड़ है। ऐसा होने से पहले बेचैनी, कमज़ोरी, हार्ट बीट बढ़ने जैसी समस्या नज़र आने लगती है। वहीँ कुछ लोगों का मनना है कि ऐसे में हार्ट रेट बढ़ जाता है। आइये आपको बता देते हैं कि दिल का दौरा पड़ने से पहले हार्ट रेट कितना हो जाता है।
शरीर में अगर किसी तरह की कोई परेशानी होती है तो वो इसके लक्षण कुछ समय पहले से देने लगता है। वहीँ हार्ट बीट पर मिनट से भी हार्ट अटैक का पता लगाया जा सकता है। आपको बता दें कि एक सामान्य व्यक्ति की धड़कन एक मिनट में 60 से 100 बार धड़कती है। वहीँ हार्ट स्पेशलिस्ट कहते हैं कि दिल का दौरा का दौरा पड़ने से पहले हार्ट रेट प्रभावित हो सकता है। लेकिन साथ ही साथ ऐसा भी संभव है कि इसमें कोई भी बदलाव ही न आये।
डॉक्टर्स का कहना है कि हार्ट अटैक तीन तरह से आ सकता है। इसमें से कुछ के आने से पहले हार्ट बीट बढ़ जाती है वहीँ कुछ में ये कम भी हो सकती है। आपको बता दें कि हार्ट बीट बढ़ने पर एलिवेशन मायोकार्डियल इन्फार्कशन (STEMI) होता है, इसे काफी गंभीर हार्ट अटैक माना जाता है। वहीँ इलेक्ट्रिकल सिस्टम डैमेज होने पर हार्ट रेट कम हो जाता है। जिसे नॉन सेगमेंट एलिवेशन मायोकार्डियल इन्फार्कशन (NSTEMI) कहते हैं। इससे दिल को कम नुकसान होता है।