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Yoga cures hepatitis: रोज़ाना योग और व्यायाम से दूर होता है हेपेटाइटिस

Yoga cures hepatitis: हेपेटाइटिस लिवर की वायरस जनित एक खतरनाक बीमारी है। ब्लड टेस्ट के माध्यम से इसकी पहचान हो सकती है।

Preeti Mishra
Written By Preeti MishraPublished By Monika
Published on: 17 May 2022 11:38 AM IST (Updated on: 17 May 2022 12:08 PM IST)
Yoga cures hepatitis
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योग और व्यायाम से दूर होता है हेपेटाइटिस (photo: social media ) 

Yoga cures hepatitis: अनियमित जीवन शैली, खानपान की गड़बड़ी या लिवर में किसी अन्य माध्यम से संक्रमण की अनदेखी सेहत के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। बता दें कि लिवर में होने वाली किसी भी शुरुआती समस्या में पीलिया, लिवर का फैटी होना, सूजन, जलन आदि शामिल होता है। इसी तरह की परेशानियाँ ही उपचार के अभाव में हेपेटाइटिस जैसी गंभीर समस्या को जन्म दे सकती है।

उल्लेखनीय है कि हेपेटाइटिस लिवर की वायरसजनित एक खतरनाक बीमारी है। ब्लड टेस्ट के माध्यम से इसकी पहचान हो सकती है। इसके अलावा लिवर फंक्शन टेस्ट, एंटीजन, एंटीबॉडीज टेस्ट और अल्ट्रासांउड के माध्यम से भी हेपेटाइटिस के सभी प्रकारों की जांच की जा सकती है। इन टेस्ट के जरिये कौन सा वायरस है और कितना एक्टिव है यह पता चल सकता है।

बता दें कि टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के तुरंत बाद ही डॉक्टर की सलाह पर इसका इलाज शुरू कर देना चाहिए। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं में मौजूद यह संक्रमण संभावित रूप से नवजात बच्चे तक ना पहुंच जाए, इसके लिए प्रेग्नेंसी के दौरान इसकी जांच करना बेहद जरुरी होता है। अगर कोई भी लक्षण नजर आए तो बिना देरी किए डॉक्टर से सलाह लेकर उचित उपचार शुरू कर देना चाहिए।

हेपेटाइटिस के कुछ मुख्य लक्षण

हेपेटाइटिस के कुछ मुख्य लक्षण होते हैं। जिनमें जोड़ों व मांसपेशियों में दर्द होना, आंखों व त्वचा की रंगत पीली पड़ना, बुखार आना या हल्का बुखार बना रहना, लगातार वजन गिरना और उल्टियां होना, भूख कम लगना या भोजन से अरुचि होना, उल्टी में रक्त का आ जाना या चक्कर खाकर बेहोश हो जाना, घबराहट होना, थकान महसूस करना और थोड़ा काम करने में ही हांफने लगना आदि शामिल हैं।

अपने लिवर का ख्याल रखने के लिए कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए :

- तैलीय भोज्य पदार्थों से दूरी बनाना बेहद जरुरी है।

- रोज़ाना योग, व्यायाम और टहलने की आदत है जरुरी।

- शराब, तंबाकू और धूमपान की लत से रहें दूर।

- पौष्टिक और सुपाच्य आहार लेकर वजन को नियंत्रित रखें।

- केक, पेस्ट्री, चॉकलेट, अल्कोहल, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ के सेवन से रखें खुद को दूर।

- कई बार कुछ दवाएं लिवर में संक्रमण का कारण बन सकती हैं।

हेपेटाइटिस के पांच प्रकार के वायरस

बता दें कि हेपेटाइटिस के पांच प्रकार के वायरस होते हैं। इनमें ए और ई वायरस का कारण संक्रमित पानी या भोजन होता है और फिलहाल बारिश के मौसम में इस तरह की स्थिति आम होती है। इसलिए इस मौसम में खानपान के प्रति अधिक सतर्कता बरतनी जरुरी होती है। इतना ही नहीं हेपेटाइटिस बी और सी के संक्रमण का कारण असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित ब्लड, निडिल, लंबे समय से पीलिया और असुरक्षित तरीके से टैटू बनवाना आदि भी हो सकता है। गौरतलब है कि मेडिकल साइंस में हेपेटाइटिस डी को सामान्य पीलिया की ही श्रेणी में रखा गया है जो संक्रमित भोजन व पानी से ही होता है। कुछ सप्ताह के इलाज के बाद यह दूर भी हो जाता है।

कई बार लंबे समय तक अत्यधिक अल्कोहल का सेवन भी हेपेटाइटिस का कारण बन सकता है। इसे अल्कोहलिक हेपेटाइटिस भी कहते हैं। बता दें कि हेपेटाइटिस सी को दूर करने के लिए दवाएं और उपचार दोनों है, जबकि हेपेटाइटिस बी के रोगियों के लिए थोड़ी सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। गौरतलब है कि हेपेटाइटिस बी का उपचार लंबे समय तक चलता है जिसमें रोगी को बहुत संयमित जीवनशैली जीने की जरूरत पड़ती है। लेकिन अब हेपेटाइटिस ए और बी के टीके भी उपलब्ध होने के कारण इन्हें लगवाकर आप इसके संक्रमण से खुद को बचा भी सकता है।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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