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High BP Side Effects: हाई ब्लड प्रेशर ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डियों को जल्दी कर सकता है बूढ़ा
High BP Side Effects: लेकिन अगर बात करें हाई बीपी की परेशानी की तो ये अनहेल्दी जीवनशैली, गतिहीन दिनचर्या के कारण होती है।
High BP Side Effects: उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) की समस्या आज के समय में एक बेहद ही आम समस्या बन गयी है। आज हर 5 में से 2 आदमी उच्च रक्तचाप की समस्या से ग्रसित है। बता दें कि आमतौर पर व्यक्ति की मेडीकल कंडीशन समय के साथ विकसित होती है। लेकिन अगर बात करें हाई बीपी की परेशानी की तो ये अनहेल्दी जीवनशैली, गतिहीन दिनचर्या के कारण होती है। इसके अलावा मधुमेह और मोटापा जैसी बीमारी भी उच्च रक्तचाप के विकास के जोखिम को कई गुना ज्यादा बढ़ा सकती हैं। हालांकि हाई बीपी के कोई विशेष लक्षण नहीं होते हैं। इसलिए आम भाषा में इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता हैं।
बीपी बढ़ने से होती है कई परेशानी
अधिकतर देखा गया है कि ज्यादातर मामलों में उच्च रक्तचाप के मरीजों को लंबे समय तक अपनी इस बीमारी का पता तक नहीं चल पाता है। ऐसे में लंबे समय तक वे मेडिकल कंडीशन अनुपचारित रह जाती है, जिसके कारण मरीज को दिल का दौरा, पेरीफेरल वैस्कुलर डिजीज, गुर्दे की बीमारी, गर्भावस्था के दौरान जटिलताएं, आंखों का खराब होना, वैस्कुलर डिमेंशिया जैसे कई परेशानी भी हो सकती है।
हालिया हुए एक रिसर्च के अनुसार हाई ब्लड प्रेशर आपकी हड्डियों की सेहत पर भी बेहद बुरा प्रभाव डालता है। जिसके कारण शरीर में रक्तचाप हड्डियों से जुड़ी गंभीर कई गंभीर बिमारियों का भी कारण बन सकती है।
स्टडी में इस बात का हुआ खुलासा
2022 अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की मीटिंग में हाई ब्लड प्रेशर पर हुए एक अध्धयन के अनुसार, उच्च रक्तचाप ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डियों बूढ़ा करने की प्रक्रिया में तेजी लाने का भी काम करता है। बता दें कि में इस बात की पुष्टि चुहों पर हुए रिसर्च से हुई है।
हाई ब्लड प्रेशर के मरीज जरूर करायें हड्डियों की जांच
शोधकर्ताओं के अनुसार जिस व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, उन्हें ऑस्टियोपोरोसिस के लिए जांच कराने की बेहद आवश्यकता है। रिसर्च के निष्कर्षों के अनुसार हाई बीपी आंशिक रूप से इंफ्लेमेंटरी डिजीज है जो आपके शरीर में सूजन की समस्या को भी बढ़ा सकते हैं।
कितना होना चाहिए ब्लड प्रेशर
किसी भी व्यक्ति को अपन ब्लड प्रेशर का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ब्लड प्रेशर का असंतुलन आपके शारीरिक स्थिति को ख़राब कर सकता है। यदि यह आपका ब्लड प्रेशर 140/90 है तो इसे मध्यम ब्लड प्रेशर माना जाता है। वहीं, 160/100 से 180/100 मध्यम हाई ब्लड प्रेशर है जबकि 190/100 से 180/110 होने पर गंभीर हाई ब्लड प्रेशर और 200/120 से 210/120 होने पर ( बहुत गंभीर) हाई ब्लड प्रेशर माना जाता है।
ऑस्टियोपोरोसिस क्या है ?
बता दें कि ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों की एक ऐसी बीमारी है जो तब विकसित होती है जब अस्थि खनिज घनत्व और हड्डी का द्रव्यमान कम हो जाता है। जिसके कारण हड्डी की ताकत कम होने के साथ हड्डी के फ्रैक्चर का भी खतरा काफी बढ़ सकता है। उल्लेखनीय है कि पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं और वृद्ध पुरुषों में ऑस्टियोपोरोसिस फ्रैक्चर का प्रमुख कारण माना जाता है। गौरतलब है कि यह फ्रैक्चर अक्सर कूल्हे, कशेरुक, रीढ़ या कलाई में ही होते हैं लेकिन अन्य परिस्थितियों में ये किसी भी हड्डी में हो सकते हैं।
ध्यान दें कि ऑस्टियोपोरोसिस किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, इसका जोखिम भी बढ़ता जाता है।
ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को कम करने के उपायें
हालाँकि बहुत से लोग को यह जानकारी तक नहीं होती है कि उन्हें ऑस्टियोपोरोसिस है। इस जोखिम से बचने के आप अपने जोखिम को कम करने के लिए कुछ जरुरी कदम भी उठा सकते हैं।
जिसके लिए शारीरिक रूप से सक्रिय रहना, नियमित व्यायामों करना, शराब पीना से परहेज या मॉडरेशन में पीना, धूम्रपान छोड़ना, वेट लिफ्टिंग और कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर संतुलित आहार लेना बेहद जरुरी है।
हाई बीपी में ऐसी डायट लेना है जरुरी
हाई बीपी के मरीज़ों को एक दिन में 6 ग्राम से कम नमक का सेवन करना चाहिए । इसके अलावा कम वसा वाला आहार डायट में शामिल करना चाहिए जिसमें बहुत सारे फाइबर शामिल होते हैं। इतना ही नहीं साबुत अनाज चावल, ब्रेड और पास्ता, और बहुत सारे फल और सब्जियां भी रक्तचाप को कम करने में सहायक होता हैं। इसके लिए हर दिन 5 भाग फल और सब्जियां खाना बेहद फायदेमंद माना जाता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।