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Depression in emotional people: अत्यधिक इमोशनल लोगों को होती हैं डिप्रेशन की समस्या
Depression in emotional people: व्यक्ति के बहुत अधिक सेंसेटिव होने के कुछ कारण होते हैं।
Depression in emotional people: इंसान को संवेदनशील होना अच्छा होता है लेकिन अतिसंवेदनशील होना कभी -कभी खुद उसके लिए ही ढेरों परेशानियों का सबब बन सकता है। जी हाँ , क्या आपने कभी सोचा है कि छोटी-छोटी बातें आपको बहुत अधिक बुरी क्यों लगती हैं? या आपके परिवार में कोई ऐसा सदस्य हो जिसे आप सिर्फ इसलिए कुछ नहीं कहते क्योंकि वो बुरा ना मान जाए ? या कोई ऐसा दोस्त है जिसे आपका कोई छोटा-सा मजाक भी बेहद तकलीफ दे देता हो? दरअसल ये सभी संकेत बहुत अधिक संवेदनशील होने के हो सकते हैं।
व्यक्ति के ज्यादा सेंसेटिव होने के पीछे क्या है कारण ?
आमतौर पर व्यक्ति के बहुत अधिक सेंसेटिव होने के कुछ कारण होते हैं । जिनमें पहला कारण उसका जीन यानी वह जन्म से ही बहुत अधिक संवेदनशील होता है। और दूसरा कारण व्यक्ति के जीवन में घटित होनेवाली परिस्थितियां भी हो जाती है।
किसी भी व्यक्ति का व्यक्तित्व बनने के लिए कुछ गुण वो जीन के साथ लेकर चलता है जबकि कुछ विशेषताएं उसके अंदर वक्त और परिस्थितियों के कारण आ जाती हैं। ये दोनों ही चीजें मिलकर ही व्यक्ति का व्यवहार और सोच निर्धारित करती हैं। इन्हीं कारणों की वजह से से कोई व्यक्ति बहुत गुस्सैल या बहुत इमोशनल बनता है। बता दें कि ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जिसके अंदर इमोशन ना हो , लेकिन कुछ लोग दूसरों की बातों को लेकर बहुत अधिक सेंसेटिव हो जाते हैं। जिसके लिए कभी -कभी कुछ परिस्थितियां भी ज़िम्मेदार होती हैं।
अत्यधिक सोच
बहुत अधिक संवेदनशील लोगों के अंदर किसी भी व्यक्ति द्वारा कही गई एक ही बात को लेकर लगातार विचार चलता रहता है। ये लोग किसी भी बात या स्थिति को लेकर बहुत अधिक सोचते हैं। कई बार लगातार ऐसे विचारों में घिरे रहने के कारण ये लोग एंग्जाइटी का भी शिकार हो जाते हैं। जिसके कारण इन लोगों की पर्सनल लाइफ,फैमिली लाइफ, प्रफेशनल लाइफ, इंटरपर्सनल लाइफ तक खराब हो जाती है।
समाधान निकालने में होती है दिक्कत
आमतौर पर अत्यधिक इमोशनल लोगों को किसी भी बात का समाधान निकालने में बहुत अधिक दिक्कत का सामना करना पड़ता है। ये परिस्थिति उनके जीवन में लगातार तनाव का कारण बन सकती हैं। जिसके कारण ये अपने इमोशनल इश्यूज के साथ ठीक से डील नहीं कर पाने के कारण किसी भी बात को बहुत बड़ा करके सोचने लगते हैं। जो हमेशा परेशानियों का ही सबब बनती है।
लोगों से अजस्टमेंट करने में होती है दिक्कत
अत्यधिक इमोशनल लोग जीवन की हर छोटी -बड़ी समस्याओं को बहुत बड़ा करके देखने लगते हैं। अत्यधिक विचार करने के कारण उन्हें उन समस्याओं से निकलने का रास्ता मिलना कठिन हो जाता है। जिसके कारण ये लोग हमेशा अपने ऊपर एक दबाव महसूस करते हैं जो इन्हें कई बार कुंठा का भी शिकार बना देता। बता दें कि ऐसे लोग घर- परिवार, ऑफिस और दोस्तों के बीच भी अजेस्ट करने में असहज महसूस करने लगते हैं।
अनिंद्रा की समस्या
अतिसंवेदनशील लोगों में 'चेन ऑफ थॉट्स' यानी लगातार आते विचारों के कारण नींद ना आने की समस्या भी हो सकती है।इतना ही नहीं अत्यधिक इमोशनल के साथ हर समय किसी एक ही घटना या बात को लेकर सोचते रहने से इन लोगों का दिमाग परेशान हो जाता है जो इन्हें नींद ना आने का सबसे बड़ा कारण बनता है।
अकेलापन
अत्यधिक संवेदनशीलता के कारण एंग्जाइटी की चपेट में आए हुए लोग अक्सर अपने ऑफिस हो या घर के आस-पास के उन लोगों से बात करना बंद कर देते हैं, जिनकी बाते इन्हें बहुत अधिक बुरी लगी होती है। धीरे-धीरे करके ये सभी लोगों से दूरी बनाते हुए अपने अंदर अकेलेपन की भावना को बढ़ा लेते है।
डिप्रेशन
दोस्तों और परिवार में बात बंद करने करने के कारण इन लोगों में चिड़चिड़ापन बढ़ने के साथ ये लोग धीरे-धीरे डिप्रेशन की तरफ चलें जाते हैं। आमतौर पर ऐसी समस्या दूसरों के सामने अपनी बातें ठीक से एक्सप्रेस नहीं कर पाने के कारण होती हैं।