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Cervical Cancer Vaccine: सर्वाइकल कैंसर के लिए घरेलू वैक्सीन इस साल हो सकती है लॉन्च

Cervical Cancer Vaccine: वर्तमान में इस बीमारी से हर 2 मिनट में एक व्यक्ति की जान चली जाती है। गौरतलब है कि 42 देशों में महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों का यह प्रमुख कारण है।

Preeti Mishra
Written By Preeti Mishra
Published on: 8 Jun 2022 1:01 PM IST (Updated on: 8 Jun 2022 1:11 PM IST)
Cervical Cancer Vaccine
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सर्वाइकल कैंसर के लिए घरेलू वैक्सीन (photo: social media  )

Cervical Cancer Vaccine: सर्वाइकल कैंसर या बच्चेदानी के कैंसर गर्भाशय ग्रीवा के अस्तर में असामान्य कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि के कारण होती है। बता दें कि गर्भाशय ग्रीवा महिला प्रजनन प्रणाली का ही एक हिस्सा है और गर्भ के निचले हिस्से में स्थित होती है, जो गर्भ से योनि तक खुलती है। आमतौर पर महिलाओं को ये Cervical Cancer अपनी चपेट में आसानी से ले लेता है। बता दें कि सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) सभी कैंसरों में चौथे स्थान पर मौजूद है।

आंकड़ों की माने तो वर्तमान में इस बीमारी से हर 2 मिनट में एक व्यक्ति की जान चली जाती है। गौरतलब है कि 42 देशों में महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों का यह प्रमुख कारण है।

सर्वाइकल कैंसर होने का क्या कारण है?

आमतौर पर सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमावायरस ( Human papillomavirus infection) संक्रमण के कारण होते हैं। बता दें कि एचपीवी वायरस का एक समूह है जो दुनिया भर में बेहद आम है। बता दें कि एचपीवी के 100 से अधिक प्रकार होते हैं, जिनमें से कम से कम 14 उच्च जोखिम वाले कैंसर पैदा करने वाले होते हैं। इसके अलावा दो एचपीवी प्रकार (16 और 18) 70 प्रतिशत सर्वाइकल कैंसर और कैंसर से पहले के सर्वाइकल घावों के होने का कारण बनते हैं। उल्लेखनीय है कि एचपीवी को गुदा, योनी, योनि, लिंग और ऑरोफरीनक्स के कैंसर से भी जोड़ कर देखा जाता हैं।

सर्वाइकल कैंसर के कुछ शुरुआती संकेत या लक्षण होते हैं जिन्हें बिलकुल नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। जिनमें पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग, संभोग के बाद खून, मैनोपोज़ के बाद खून बहना , संभोग के दौरान बेचैनी या खून आना, तेज गंध के साथ योनि से स्राव, रक्त के साथ योनि स्राव और यूरिन करते वक्त दर्द महसूस होना इत्यादि शामिल है।

गौरतलब है कि एचपीवी को सर्वाइकल कैंसर के लिए सबसे बड़ा खतरा माना जाता है। इसके अलावा ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी), क्लैमाइडिया, धूम्रपान, मोटापा, गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का पारिवारिक इतिहास, फलों और सब्जियों का कम सेवन, गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन, तीन पूर्ण-गर्भधारण होना और जब आप पहली बार गर्भवती हुई तो आपकी 17 वर्ष से कम उम्र का होना इत्यादि भी सर्वाइकल कैंसर होने के कारण हो सकते हैं।

गौरतलब है कि सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ सबसे बड़े प्रयास में, भारत इस साल देश के टीकाकरण कार्यक्रम में ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन (HPV) पेश कर सकता है। भारत का शीर्ष टीकाकरण निकाय, टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई), 29 जून को होने वाली बैठक में एचपीवी वैक्सीन पर अंतिम निर्णय लेगा।

देश का पहला स्वदेशी एचपीवी वैक्सीन

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) देश का पहला स्वदेशी एचपीवी वैक्सीन लॉन्च करेगा। एनटीएजीआई सक्रिय रूप से टीकाकरण कार्यक्रम में एचपीवी वैक्सीन के रोलआउट पर विचार कर रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार इस महीने के अंत में सुरक्षा और प्रभावकारिता पर डेटा एनटीएजीआई और दवा नियंत्रक के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। एनटीएजीआई की तकनीकी उपसमिति ने इससे पहले वैक्सीन शुरू करने की सिफारिश की थी। एनटीएजीआई डेटा की समीक्षा करेगा और अंतिम निर्णय लेगा।

सरकार ने सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ टीकाकरण के लिए 9-14 वर्ष की आयु की लड़कियों को लक्षित करने का प्रस्ताव किया है। वर्तमान में, टीका केवल निजी अस्पतालों में उपलब्ध है और इसकी कीमत प्रति खुराक 4,000 रुपये तक है। जबकि सर्वाइकल कैंसर के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ह्यूमन पैपिलोमा वैक्सीन (एचपीवी) वैक्सीन का ट्रायल पहले ही हो चुका है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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