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देश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए आईएसओ जरूरी, जानिए क्यों?

Health News : प्रदेश ही नहीं, देश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकारें वैश्विक स्तर की सेवाएं और सुविधाएं मुहैया कराने का दावा करती रहती हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। स्वास्थ्य सेवा और सुरक्षा को लेकर आये दिन सरकार की किरकिरी होती है।

Rajnish Verma
Published on: 11 July 2024 5:33 PM IST
देश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए आईएसओ जरूरी, जानिए क्यों?
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Health News : प्रदेश ही नहीं, देश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकारें वैश्विक स्तर की सेवाएं और सुविधाएं मुहैया कराने का दावा करती रहती हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। स्वास्थ्य सेवा और सुरक्षा को लेकर आये दिन सरकार की किरकिरी होती है। वर्तमान समय में स्वास्थ्य सेवाओं-सुविधाओं में सुधार लाने, कर्मचारी और तीमारदार या रोगी से उचित व्यवहार, समय पर इलाज, प्रबंधन, सुरक्षा, स्वच्छता सहित कई मुद्दे हैं, जिनमें सुधार करने की विशेष आवश्यकता है। ऐसे में सरकारी या प्राइवेट, दोनों प्रकार के अस्पतालों या संस्थाओं को वैश्विक स्तर का बनाने, विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए आईएसओ प्रमाणपत्र जरूरी है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, स्वास्थ्य सेवाओं को वैश्विक स्तर की बनाने के लिए हमें अपने प्रबंधन, सुरक्षा और सुविधाओं के साथ ही अन्य कई बातों पर ध्यान देना जरूरी है। स्वास्थ्य के क्षेत्र आज हम वैश्विक स्तर पर पिछड़ रहे हैं, क्योंकि हमारे ज्यादातर निकाय या संस्थाएं यानी सेवा प्रदाता उन अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा नहीं उतर रहे हैं, जो विश्वास को बढ़ा सकें। ऐसे में सरकारी या निजी दोनों प्रकार की संस्थाओं को अपनी सेवाएं बेहतर बनाने के लिए प्रबंधन को गुणवत्तापरक बनाना होगा।

अंतरराष्ट्रीय मानकों पर उतरना होगा खरा

विशेषज्ञों ने बताया कि हमें अपनी सेवाओं को बेहतर करने लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरना होगा। इसके लिए हमें अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण या प्रमाणीकरण के लिए काम करने वाली संस्थाओं या प्रमाणन निकायों की मदद लेनी होगी और उनके माध्यम से ऑडिट कराकर अपनी सेवाओं को और बेहतर कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि आईएसओ प्रमाण पत्र से विश्वसनीयता बढ़ती है, जो ज्यादा से ज्यादा उपभोक्ताओं को भी जोड़ने में मददगार साबित होती है। ऐसे में हमें आईएसओ प्रमाणीकरण पर ज्यादा जोर देना होगा।

क्या होता है आईएसओ प्रमाणपत्र

अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ), एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय संगठन है। दुनियाभर के करीब 160 देश इसके सदस्य हैं। यह संगठन कृषि, स्वास्थ्य से लेकर अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाली संस्थाओं/निकायों की ओर से दी जा रहीं सेवाओं की गुणवत्ता, सुरक्षा और दक्षता की जांच करके उन्हें प्रमाणपत्र जारी करता है। इस संस्थान ने अब तक विभिन्न क्षेत्रों में 24 हजार से ज्यादा मानक जारी किए हैं। ये मानक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यवसाय या सेवा की विश्वसनीयता बढ़ाने में मददगार साबित होता है।

सांकेतिक फोटो - Social Media

कौन जारी कर सकता है आईएसओ

अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन यानी आईएसओ, कुछ प्रमाणन निकायों या संस्थाओं को लाइसेंस देता है। आईएसओ प्रमाणीकरण के आवेदन से पहले आपको एक गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली विकसित करनी होगी, जो मानकों पर खरा उतर सके। इसका आंकलन करने के लिए प्रमाणन निकाय या संस्था ऑडिट कराएगी। यह ऑडिट स्वतंत्र रूप से किया जाएगा, ताकि यह पता लगाया जा सके कि आपका व्यवसाय सिस्टम को सही तरीके से लागू करता है या नहीं। ऑडिट के सफलतापूर्वक सम्पन्न होने के बाद ही आपको प्रमाणन निकाय द्वारा प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा।

क्यों जरूरी है आईएसओ

राजधानी लखनऊ में ऐसे की एक स्वंत्रत निकाय काम करता है, जिसका नाम टीएनवी सर्टिफिकेशन प्राइवेट लिमिटेड है। यह संस्था लखनऊ सहित वैश्विक स्तर पर कई देशों में अपनी सेवाएं मुहैया करा रही है। हाल में राजधानी लखनऊ के सरकारी अस्पताल - राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, बलरामपुर अस्पताल और सिविल अस्पताल की लैब का स्वतंत्र रूप से ऑडिट करते हुए टीएनवी सर्टिफिकेशन प्राइवेट लिमिटेड ने प्रमाणित करने यानी आईएसओ प्रमाणपत्र देने का काम किया है। यह प्रमाणपत्र एक साल के लिए वैध माना जाता है।

सांकेतिक फोटो - Social Media

वैश्विक पहचान दिलाने में कारगर

प्रमाणन निकाय टीएनवी सर्टिफिकेशन प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर प्रज्ञेश सिंह ने बातचीत में बताया कि आईएसओ प्रमाण पत्र देश में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने बताया कि प्रमाणीकरण के दौरान गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली, रोगी सुरक्षा और संचालन दक्षता आदि का ऑडिट किया जाता है और जांचा जाता है कि सेवाएं अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करती हैं, या नहीं। यदि ऑडिट के समय ये सभी शर्तें सही पाई जाती हैं तभी प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। उन्होंने आगे बताया कि जिन संस्थाओं को आईएसओ प्रमाणपत्र मिलता है, उन संस्थाओं पर उपभोक्ताओं का भरोसा बढ़ता ही है, साथ वैश्विक स्तर पर भी व्यवसाय में आसानी होती है।

उपभोक्ताओं के विश्वास का बढ़ावा देना

टीएनवी के डायरेक्टर प्रज्ञेश सिंह ने आगे बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं की बात की जाए तो यहां भी कई प्रकार के कोड लेने होते हैं। उन्होंने बताया कि गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आईएसओ-9001, मेडिकल डिवाइसेज के लिए आईएसओ - 13485, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए आईएसओ - 45001 शामिल है। उन्होंने कहा कि आईएसओ सर्टिफिकेशन यह सुनिश्चित करता है कि स्वास्थ्य संस्थान उच्चतम गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर खरा है। इससे रोगियों, स्टाफ और हितधारकों के बीच विश्वास को भी बढ़ावा देता है। इसके साथ सेवाओं में पारदर्शिता को बढ़ावा देता है।



Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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