TRENDING TAGS :
सावधान: कोरोना होने पर भूलकर भी न लें ये दवा, जा सकती है जान
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' दवा मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल की जाती है। जो कि काफी पुरानी और सस्ती दवा है। हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा को ऐंटी मलेरिया ड्रग के तौर पर यूज किया जाता है।
नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि कोरोना के इलाज में हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
इस दवा का कोरोना के इलाज में कोई असर नहीं। इस दवा से न तो कोरोना से हो रही मौतें रुक रही हैं और न ही अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या ही कम हो रही है।
बल्कि इस दवा से प्रतिकूल असर का जोखिम जरूर बढ़ जाता है। डब्ल्यूएचओ ने यह सुझाव 6 हजार से ज्यादा लोगों पर 6 तरह के ट्रायल के नतीजे आने के बाद दिया है।
Health : ठंडे पानी से ही ठंड में करें स्नान, गर्म से करेंगे तो हो जाएंगे परेशान
सावधान: कोरोना होने पर भूलकर भी न लें ये दवा, जा सकती है जान(फोटो:सोशल मीडिया)
कब चर्चा में आई थी ये दवा
बता दें कि जिस वक्त दुनिया भर में कोरोना महामारी फैलने की शुरुआती हुई थीं। उस दौर में गिनी-चुनी दवाएं थीं जिनका जिक्र दुनियाभर में कोरोना के इलाज के तौर पर हो रहा था।
इनमें से एक दवा थी हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन। जो कि मलेरिया रोधी दवा है। ये दवा तब और भी ज्यादा चर्चा में आ गई थी जब बीते साल तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे कोरोना के इलाज में असरदार बताया था।
इसके बाद इस दवा का कोरोना के इलाज में खूब इस्तेमाल किया गया। अमेरिका ने बड़ी मात्रा में भारत से ये दवा आयात की थी लेकिन अब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि दवा का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। इससे प्रतिकूल असर का जोखिम बढ़ जाता है।
डब्ल्यूएचओ ने ये भी कहा है कि हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा को अब शोध में प्राथमिकता नहीं दी जाएगी और इसकी जगह दूसरी दवाओं के मूल्यांकन के लिए संसाधनों का उयोग किया जाएगा।
Health Tips: जोड़ों के दर्द से हैं परेशान, तो इन आदतों को खुद से करें दूर
सावधान: कोरोना होने पर भूलकर भी न लें ये दवा, जा सकती है जान(फोटो:सोशल मीडिया)
हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा के बारें में ये बातें नहीं जानते होंगे आप
दरअसल हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन' दवा मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल की जाती है। जो कि काफी पुरानी और सस्ती दवा है। हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा को ऐंटी मलेरिया ड्रग के तौर पर यूज किया जाता है।
आर्थराइटिस के इलाज में भी इस दवा का उपयोग किया जाता है। जानकारी के मुताबिक भारत में हर साल लाखों लोग मलेरिया की चपेट में आते हैं। भारत इस दवा का सबसे बड़ा उत्पादक है।
Health Tips : प्रसव के दौरान लापरवाही से रुक सकता है नवजात के जबड़े का विकास
दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।