घोड़े कोरोना से बचाएंगे, Horse Antibody से तैयार हो रही दवा, 90 दिनों में निगेटिव रिपोर्ट आने का दावा

Corona Medicine : महाराष्ट्र की आईसेरा बॉयोलॉजिकल नाम की कंपनी ने कोरोना वायरस को मात देने के लिए एक नई दवा बनाई है।

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Newstrack NetworkPublished By Shraddha
Published on: 11 Aug 2021 6:24 AM GMT
Horse Antibody से तैयार हो रही दवा
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Horse Antibody से तैयार हो रही दवा (कॉन्सेप्ट फोटो - सोशल मीडिया)

Corona Medicine : कोरोना महामारी के इलाज के लिए देश दुनिया में कई तरह के परीक्षण चल रहे हैं। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र (Maharashtra) की आईसेरा बॉयोलॉजिकल (Isera Biologicals Company) नाम की कंपनी ने कोरोना वायरस को मात देने के लिए एक नई दवा बनाई है। यह दवा घोड़ों के एंटीबॉडी (Horse Antibodies) से बनाई गई है। इस दवा के शुरुआती परीक्षणों में यह देखने को मिला कि कोरोना संक्रमित मरीजों की आरटी - पीसीआर रिपोर्ट 90 घंटों में निगेटिव हो जा रही है।


आपको बता दें कि कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए एक नई दवा का परीक्षण किया जा रहा है। यह दवा कोरोना के हल्के और मध्यम लक्षणों वाले मरीजों के इलाज में अहम भूमिका निभाएगी। अगर यह दवा सभी परीक्षणों में सफल हो जाती है तो इस तरह की भारत में पहली स्वदेशी दवा होगी। जो 90 घंटों में कोरोना संक्रमित मरीजों की आरटी - पीसीआर रिपोर्ट को निगेटिव कर देगा।


कोरोना वैक्सीन ( कॉन्सेप्ट फोटो - सोशल मीडिया)


आईसेरा बॉयोलॉजिकल कंपनी का दावा


महाराष्ट्र के कोल्हापुर की आईसेरा बॉयोलॉजिकल कंपनी चार साल पुरानी कंपनी है और यह कंपनी अभी तक सांप काटने, कुत्ते काटने और डिप्थीरिया के इलाज में कारगर दवाएं बनाती है। इसी बीच कंपनी ने कोविड एंटीबॉडीज का एक कारगर कॉकटेल तैयार किया है। कंपनी का दावा है कि इस दवा के इस्तेमाल से कोविड के हल्के और मध्यम लक्षणों वाले मरीजों में संक्रमण के फैलाव को रोकता है। इसके साथ शरीर में मौजूद वायरस को भी खत्म करता है।

घोड़ों की एंटीबॉडी चुनने की वजह

एंटीबॉडी विकसित करने के लिए घोड़ों को चुना गया (फोटो - सोशल मीडिया)

आईसेरा बॉयोलॉजिकल कंपनी के डायरेक्टर नंदकुमार कदम ने कहा एंटीबॉडी विकसित करने के लिए घोड़ों को चुना गया था क्योंकि बड़ा जानवर होने के चलते यह बड़ी मात्रा में एंटीबॉडी पैदा करते हैं। यह प्रक्रिया वैक्सीन लगाने की तरह ही है। घोड़ों को कुछ खास तरीके के एंटीजन दिए गए थे। ताकि वह एंटीबॉडी पैदा कर सकें।

आपको बता दें कि अगर परीक्षण सफल निकला तब इस दवा की कीमत कुछ हजार रुपये होगी। इसके साथ कंपनी की योजना सितंबर और ऑक्टूबर में दवा के फेज 2 और फेज 3 का ट्रायल करने की है। कंपनी का कहना है कि अगर सब कुछ सही रहा तो इस साल के अंत तक इस दवा को बाजार में उतार सकती है।

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