Health News : जोड़ों के दर्द में अरोमा थेरैपी की भूमिका

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Published on: 15 Feb 2019 8:05 AM GMT
Health News : जोड़ों के दर्द में अरोमा थेरैपी की भूमिका
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Health News : जोड़ों के दर्द में अरोमा थेरैपी का प्रभाव अस्थायी

नई दिल्ली : जोड़ों के दर्द में पारंपरिक तरीकों का प्रभाव अस्थायी होता है। आपको सामान्य दवाओं से कुछ दिनों के लिये आराम मिल सकता है लेकिन दवा का प्रभाव खत्म होते ही आपको दोबारा दर्द का सामना करना पड़ सकता है। अरोमा ऑयल्स (खुशबूदार तेल) के मामले में मरीज को लंबे समय के लिए आराम मिलता है बशर्ते इनका सही ढंग से इस्तेमाल किया जाए।

अरोमा यानी ख़ुशबू का प्रभाव हमारे मस्तिष्क पर पड़ता है, जिससे दर्द से राहत मिलती है। अरोमा ऑयल्स प्रभावित हिस्से के रक्त संचार को बेहतर बनाते हैं और सूजन कम करते हैं। जानते हैं कुछ उपायों के बारे में :

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पिपरमेंट ऑयल: इसकी की 5-8 बूंदों को 2 चम्मच गुनगुने नारियल तेल में मिलाकर तुरंत इस्तेमाल योग्य बनाएं। वैसे नारियल तेल की जगह किसी दूसरे तेल भी प्रयोग कर सकते हैं।

यूकेलिप्टस ऑयल: इस तेल को नारियल के तेल में मिलाकर प्रभावित हिस्से पर मसाज करें।

जिंजर ऑयल: आप इस ऑयल को लैवेंडर और लेमनग्रास ऑयल्स के साथ भी मिलाकर, प्रभावित हिस्से पर लगाकर राहत पा सकते हैं।

लैवेंडर ऑयल: इस ऑयल को सीधे प्रभावित हिस्से पर लगाएं। इसमें तीव्र ख़ुशबू आती है, जिससे दर्द को दूर करने में मदद मिलती है। इस तेल को हमेशा गोलाकर में मसाज करते हुए लगाएं।

लेमनग्रास ऑयल: पानी उबालें और उसमें कुछ बूंदें लेमनग्रास की डालें। प्रभावित हिस्से में इसकी भाप लें।

लोबान तेल : इस तेल को ऑलिव ऑयल के साथ मिलाकर सूजनवाले हिस्से में लगाएं।

जुनिपर ऑयल: इस ऑयल की कुछ बूंदों को लोशन या क्रीम में मिलाकर हर दिन प्रयोग कर सकते हैं।

क्लोव एसेंशियल ऑयल इस तेल को जोजोबा ऑयल के साथ मिलाकर प्रभावित हिस्से लगाएं।

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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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