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Keto Diet: क्या है कीटो डाइट, जानें फायदे और नुकसान भी

Keto Diet For Weight Loss: इस डाइट में लो कार्ब और हाई फैट खाद्य पदार्थ को शामिल किया जाता है, जिससे वजन आसानी से घटाने में सहायता मिलती है। आइए जानें इस डाइट के फायदे और नुकसान।

Shreya
Written By Shreya
Published on: 11 April 2024 12:43 PM GMT
Keto Diet: क्या है कीटो डाइट, जानें फायदे और नुकसान भी
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Keto Diet (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Ketogenic Diet: आजकल लोग वजन घटाने (Weight Loss) और फिट रहने के लिए अलग-अलग तरह की डाइट को फॉलो करते हैं। हर एक डाइट के रूल्स अलग होते हैं, जिनका पालन करके ही आप अच्छे रिजल्ट्स पा सकते हैं। वजन कम करने के लिए कीटो डाइट (Keto Diet) इन दिनों काफी चलन में है। यंग लोगों के बीच यह डाइट काफी ट्रेंड में भी है। यह एक हाई फैट और लो कार्ब डाइट होती है। इसे कीटोजेनिक डाइट (Ketogenic Diet) भी कहा जाता है। इस डाइट का मकसद ये होता है कि आप प्रोटीन और वसा से अधिक कैलोरी प्राप्त करें, कार्बोहाइड्रेट से कम। इसमें कार्बोहाइड्रेट का सेवन सीमित हो जाता है। इसे खासतौर से वेट लॉस के लिए फायदेमंद बताया गया है। अगर आप भी कीटो डाइट फॉलो करने के बारे में सोच रहे हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं इसके फायदे (Keto Diet Benefits) और नुकसान (Keto Diet Side Effects)।

किस तरह काम करती है कीटो डाइट

कीटो डाइट वजन घटाने में बेहद सहायक होती है। इसमें लो कार्ब और हाई फैट डाइट लेना होता है। क्योंकि जब आप कार्बोहाइड्रेट्स से भरपूर खाद्य पदार्थ खाते हैं तो शरीर इन्हें शुगर में बदल देता है, जो बॉडी को एनर्जी देने में मदद करता है। वहीं, जब इस डाइट में कार्ब्स के सेवन को कम कर दिया जाता है तो बॉडी को एनर्जी प्राप्त करने के लिए कार्ब्स की बजाय फैट का इस्तेमाल करना पड़ता है। इसलिए कीटो डाइट फैट और वेट लॉस के लिए बहुत कारगर मानी जाती है।

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

कीटो डाइट के प्रकार (Types Of Keto Diet)

कीटोजेनिक डाइट के चार प्रकार होते हैं।

1- स्टैंडर्ड कीटोजेनिक डाइट (SKD)

इसमें 10 प्रतिशत कार्ब, 20 परसेंट प्रोटीन और 70 फीसदी फैट शामिल किया जाता है।

2- साइक्लीकल कीटोजेनिक डाइट (CKD)

इस प्रकार के कीटो आहार में 5 दिन कीटो डाइट और 2 दिन हाई कार्ब आहार का सेवन करना होता है।

3- टार्गेटेड कीटोजेनिक डाइट (TKD)

इस डाइट के लोगों को वर्कआउट के समय के आसपास कार्ब खाने की अनुमति होती है।

4- हाई प्रोटीन कीटोजेनिक डाइट (HPKD)

इसमें भी कम कार्ब और हाई फैट वाले खाद्य पदार्थ शामिल है। इसके साथ ही इस डाइट में हाई प्रोटीन खाद्य पदार्थ भी खा सकते हैं।

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

कीटो डाइट में क्या खाते हैं (Keto Diet Mein Kya Khaye)?

आइए जानते हैं कि कीटो डाइट को फॉलो करने वाले लोगों को क्या खाना चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कीटोजेनिक डाइट में मांस-मछली और लो कार्ब सब्जियों को शामिल किया जाता है। इसके अलावा फुल फैट डेयरी प्रोडक्ट्स, अलसी, चिया सीड्स, जामुन, सी फूड, मीट, मछली, चिकन, अंडा, केल, पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकोली, शिमला मिर्च, टमाटर जैसी चीजों को आप कीटो डाइट के दौरान ले सकते हैं।

कीटो डाइट में क्या नहीं खाते (Keto Diet Mein Kya Na Khaye)?

अगर आप इस डाइट को फॉलो कर रहे हैं या करने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको ऐसे खाद्य पदार्थों से दूरी बनानी होगी, जिनमें कार्ब्स मौजूद हो। इसमें चावल, आलू, सफेद ब्रेड, व्हीट बेस्ड सीरियल, पास्ता, स्वीटकॉर्न, दाल, राजमा, मटर, चुकंदर, स्मूदी, आइसक्रीम, शराब, प्रोसेस्ड और ऑयली फूड्स से बचना चाहिए।

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

कीटो डाइट के फायदे (Keto Diet Ke Fayde)

1- मोटापा कम करने में सहायक

कीटो डाइट को मोटापा कम करने में बेहद मददगार माना जाता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस डाइट को फॉलो करने से इंसान को भूख कम लगती है, इससे वजन तेजी से घटता है। साथ ही यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने का काम करती है।

2- टाइप 2 डायबिटीज को कम करने में मददगार

इस डाइट में कार्ब्स की मात्रा कम की जाती है, जिससे शरीर में ग्लूकोज लेवल भी कम होता है। इस वजह से यह ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में भी मदद कर सकता है।

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

कीटो डाइट के नुकसान (Keto Diet Ke Nuksan)

कई स्टडीज में यह सामने आया है कि वजन कम करने के लिए कीटो डाइट केवल एक अस्थायी उपाय है। इसे हमेशा के लिए लाइफस्टाइल में शामिल नहीं करने की सलाह दी जाती है। क्योंकि लंबे समय तक कार्बोहाइड्रेट नहीं मिलने पर बॉडी नकारात्मक प्रतिक्रिया प्रकट कर सकती है। आइए जानें इसके नुकसान।

1- हार्मोंस होते हैं असंतुलित

ऐसा बताया जाता है कि कीटो डाइट से हार्मोंस असंतुलित होने के चांसेज बढ़ जाते हैं। ऐसे में महिलाओं का पीरियड्स अनियमित भी हो सकता है। गर्भवती महिलाओं को भी इस डाइट को फॉलो करने से बचना चाहिए।

2- दिल संबंधी परेशानियां

एक रिसर्च के अनुसार, लो कार्ब डाइट से एट्रियल फाइब्रिलेशन का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा इस स्थिति में दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है। लंबे समय तक इस डाइट को फॉलो करने वाले लोगों में हार्ट अटैक और हार्ट स्ट्रोक का खतरा आम लोगों की तुलना में 5 गुना तक ज्यादा होता है।

3- किडनी पर पड़ता है असर

यह डाइट किडनी संबंधी बीमारियों के खतरे को भी बढ़ावा दे सकती है। हाई फैट एनिमल फूड्स का अधिक सेवन किडनी स्टोन के खतरे को बढ़ाता है। साथ ही ऐसे खाद्य पदार्थ आपके खून और यूरिन को अधिक एसिडिक बना देते हैं।

4- हड्डियों से जुड़ी बीमारियां

एक स्टडी में सामने आया है कि लंबे समय तक कीटो डाइट करने वाले लोगों की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। साथ ही हड्डियों से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।

नोट- यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है। न्यूजट्रैक इसकी पुष्टि नहीं करता है। इन उपायों और जानकारी पर अमल करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।

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