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Kidney Transplant: क्या है किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया, कैसे मिलाया जाता है डोनर, जानें सबकुछ
Kidney Transplant: बिहार के पूर्व सीएम और RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का सोमवार यानी आज सिंगापुर में किडनी ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन होगा। उनकी बेटी रोहिणी आचार्य उन्हें अपनी किडनी डोनेट कर रही है।
Kidney Transplant: बिहार के पूर्व सीएम और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD supremo Lalu Prasad Yadav) का सोमवार यानी आज सिंगापुर में किडनी ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन होगा। उनकी बेटी रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) उन्हें अपनी किडनी डोनेट कर रही है। दोनों अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं और संबंधित टेस्ट भी हो चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रात 8 बजे सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में ये ऑपरेशन होगा। पिता – पुत्री दोनों का ब्लड ग्रुप एबी पॉजिटिव है, इसलिए डॉक्टरों ने परिवार में सबसे ज्यादा मुफीद रोहिणी के ही किडनी को ट्रांसप्लांट के लिए माना।
अपने पिता को किडनी डोनेट कर रहीं रोहिणी आचार्य लालू प्रसाद यादव की दूसरे नंबर की बेटी हैं। वह अपने पति के साथ सिंगापुर में ही रहती हैं। सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहने वालीं रोहिणी ने आज सुबह कई भावुक ट्वीट किए। उन्होंने अपने पिता और मां की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, मेरे लिए इतना ही काफी है, आपकी खैरियत मेरी जिंदगी है।
किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत कब ?
किडनी का मुख्य कार्य खून से गंदगी छानकर पेशाब के सहारे बाहर निकालना होता है। मगर जब दोनों किडनी ही गंदगी छानने की क्षमता खोने लगती है, तो गंदे पदार्थ शरीर में जमने लगते हैं। जो कि जानलेवा हो सकता है। किडनी की क्षमता खो जाने को एंड-स्टेज क्रॉनिक किडनी डिजीज कहा जाता है। इसी समय डॉक्टर किडनी ट्रांसप्लांटेशन करवाने की सलाह देते हैं।
किडनी दान करने का किसे है अधिकार
किडनी ट्रांसप्लांट के लिए नियम बनाए गए हैं। उसी नियम के तहत कोई व्यक्ति किसी मरीज को किडनी दान कर सकता है या किसी से ले सकता है। भारत में इसके दो विकल्प दिए गए हैं। पहला क्लोज रिलेटिव डोनर और दूसरा केडेवर डोनर। किडनी ट्रांसप्लांट का फैसला लेने के बाद अस्पताल की जांच समिति ये तय करती है कि डोनर कौन हो सकता है। अस्पताल की तरफ से बनी ये समिति डोनर की जांच करती है। सब कुछ ठीक होने के बाद ही समिति अथॉरिटी के पास स्वीकृति के लिए भेजती है।
क्लोज रिलेटिव डोनर – जिस व्यक्ति की किडनी का ट्रांसप्लांट होना है, वो व्यक्ति अपने अपने परिवार के सदस्यों की किडनी ले सकता है। इसमें दादा-दादी, नाना- नानी, मां, पिता, भाई, बहन, पत्नी, बेटी, बेटा आते हैं। यदि परिवार का सदस्य किडनी देने में अक्षम हो या उपलब्ध न हो, तो ऐसे में कोई दोस्त या जानने वाला इच्छा से किडनी दान कर सकता है। मगर इसके लिए भी सरकार द्वारा तय की गई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है, इसके बाद ही इजाजत मिलती है।
केडेवर डोनर - केडेवर डोनर के अंतर्गत वो लोग आते हैं, जिनकी किसी हादसे में मौत हो चुकी होती है या ब्रेन डेड हो चुके होते हैं। ब्रेन डेड ठहराए गए शख्स की किडनी लेने से पहले संबंधित परिवार की रजामंदी जरूरी है। इसके बाद तय आधिकारिक प्रक्रिया को पूरा करने के बाद किडनी ली जा सकती है।
सरकार द्वारा तय गाइडलाइन के मुताबिक, किडनी देने वाले व्यक्ति की उम्र 18 साल से ऊपर स्वस्थ और होना चाहिए। इसके साथ ही इस बात की भी तस्दीक जरूरी है कि दान करने वाला शख्स किसी तरह के दवाब में आकर किडनी न दे रहा हो। दरअसल, सरकार के इस सख्ती का मकसद मानव अंग की तस्करी करने वाले गिरोहों पर नकेल कसना है। भारत के कानून के मुताबिक, किडनी ट्रांसप्लांट व्यावसायिक कारणों से नहीं होना चाहिए।
किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया
किडनी ट्रांसप्लांट करने से पहले मरीज की सेहत की बारीकी से निगरानी की जाती है, ताकि ट्रांसप्लांट होने के बाद किसी भी तरह के जोखिम को कम किया जा सके। इसके बाद मरीज को शारीरिक एवं मानसिक रूप से तैयार किया जाता है। किडनी ट्रांसप्लांट की तैयारी के बाद ऑपरेशन शुरू किया जाता है और सर्जन पेट के निचले हिस्से में एक तरफ लंबा चीरा लगाते हैं। इसके बाद डोनर की किडनी को मरीज के बॉडी में डाला जाता है।
डॉक्टरर्स के मुताबिक, यदि डोनर से बायीं किडनी मिली है, तो उसे मरीज की दायीं तरफ ट्रांसप्लांट करते हैं। वहीं, डोनर की दायीं किडनी को मरीज के अंदर बायीं तरफ ट्रांसप्लांट करते हैं। जिससे यूरेटर और ब्लेडर के बीच आसानी से कनेक्शन किया जा सके। डोनर किडनी के यूरेटर को मरीज के ब्लैडर से जोड़ दिया जाता है। आखिर में चीरे को टांकों और सर्जिकल स्टैपल की मदद से बंद किया जाता है।
भारत में किडनी ट्रांसप्लांट पर खर्च
भारत में किडनी ट्रांसप्लांट पर अनुमानित खर्च 5 लाख से 6 लाख रूपये के बीच बैठता है। जिसके बाद जिंदगी भर हर महीने करीब 15 हजार रूपये की दवाओं का सेवन करना पड़ता है। किडनी ट्रांसप्लांट के ऑपरेशन के बाद मरीज को रूटीन चेकअप करवाना होता है। उन्हें ऐसे काम से दूर रहने की सलाह दी जाती है, जिससे किडनी पर भार पड़ता है।
लालू यादव के बॉडी में हो जाएंगे तीन किडनी
डॉक्टरर्स के मुताबिक, खराब किडनी को बॉडी से निकाला नहीं जाता है। यानी ट्रांसप्लांट के बाद लालू यादव के अंदर तीन किडनी हो जाएंगी। राजद सुप्रीमो को अब साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखना होगा। उन्हें भीड़-भाड़ में जाने से बचना होगा। बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री को किडनी की बीमारी के अलावा डायबिटीज, हाई बीपी और दिल की समस्या भी है।