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रसोई में मौजूद इन चीजों से बनाएं आयुर्वेदिक काढ़ा, बचेंगे कोरोना से इम्यूनिटी होगी बूस्ट

अगर आपको लगता है कि गर्मी में काढ़ा सेहत के लिए सही नहीं है तो आप गलत है। इस समय भी आयुर्वेदिक काढ़ा का सेवन कर सकते हैं।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 18 May 2021 5:31 AM GMT (Updated on: 18 May 2021 5:37 AM GMT)
इम्युनिटी बूस्टर आयुर्वेदिक काढ़ा
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कांसेप्ट फोटो( सौ. से सोशल मीडिया)

लखनऊ: देश में कोरोना का संक्रमण पूरी तरह से है। लोगों को इससे बचने के लिए घरों में रहने, मास्क पहनने , सैनिटाइजर के इस्तेमाल और इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए अच्छी डायट के साथ काढ़ा पीने को कहा जाता है। सर्दी के मौसम में काढ़ा सेहत के लिए रामबाण है, लेकिन गर्मी में थोड़ा रिस्की है।

अगर आपको लगता है कि गर्मी में काढ़ा सेहत के लिए सही नहीं है तो जान लीजिए कि गर्मी में काढ़ा गर्म नहीं ठंडा करके पीने से लाभ होता है। गर्मी के मौसम में बनने वाला काढ़ा भी अलग आयुर्वेदिक तरीके से बनाया जाता है।काढ़ा में इस्तेमाल होने वाली चीजें आपको रसोई में आसानी से मिल जाती है।

ऐसे बनाएं आयुर्वेदिक काढ़ा

-गर्मी में अगर आप इस तरह का काढ़ा बनाते हैं तो आपकी इम्यूनिटी बढ़ने के साथ शरीर में स्फूर्ति भी बनी रहती है। इसके लिए तुलसी की पत्तियां, दालचीनी, अदरक , कच्ची हल्दी , गिलोय की थोड़ी डंडी और 2-4 पत्तियां, थोड़ा अश्वगंधा, एक लीटर पानी में इन सभी चीजों को डालकर धीमी आंच पर उबाल लें। थोड़ा कम से कम 200 लीटर तक बचें तो इसे छान लें। छानने के बाद धीरे-धीरे इसका सेवन करें।

-इसके अलावा इस तरीके से भी एक और आयुर्वेदिक काढ़ा बना सकते हैं। हल्दी की एक गांठ, एक टुकड़ा अदरक का, काली मिर्च और लौंग 4 से 5, दालचीनी एक टुकड़ा, गिलोय का पत्ता, तुलसी के पत्ते 4-5, मुनक्का, नींबू का रस और शहद या गुड़ सबको कूट लें।


-दूसरी तरफ गैस पर करीब डेढ़ गिलास पानी को पैन में डालकर धीमी आंच पर चढ़ा दें। पानी जैसे ही गर्म हो जाए तो उसमें ये कुटी हुई चीजें डाल दें। अब इस पानी में गिलोय के दो पत्तों को पानी से धोएं और तोड़ कर इसी पानी में डालें। इसके बाद 4-5 तुलसी की पत्तियां, आधा चम्मच सौंफ, 10-12 मुनक्के डालकर अच्छे से खौलाएं। जब डेढ़ गिलास पानी आधा रह जाए तो इसे छानकर गिलास में कर लें। जब से हल्का गुनगुना हो तो इसमें नींबू का रस डालकर पी लें।

-थोड़ी गिलोय की डंठल, 5-6 तुलसी , थोड़ी सी मात्रा में अदरक, कच्ची हल्दी का छोटा सा टुकड़ा, 10-12 नीम की पत्तियां, थोड़ी अर्जुन क छाल, 1 इंच दालचीनी, थोड़ी सी मुलेठी, इन सभी चीजों को इमामदस्ता में डालकर अच्छी तरह से कूट लें। इसके बाद 400 एमएल पानी में डालकर उबाल लें। जब पानी 100 एमएल बच जाए तो गैस बंद कर दें। इसके बाद इसे ठंडा होने दें। ठंडा होने के बाद इसका सेवन करें।

ये जो भी काढ़ा आपको बनाने बताया गया है वो सब दवा की तरह ही पीने से फायदेमंद है तो आज ही से ट्राई करें और शुरू कर दीजिए काढ़ा बनाना और पीना।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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