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Monkey Pox : जानिए क्या हैं मंकी पॉक्स से बचाव के उपाय

Monkey Pox : मंकीपॉक्स वायरस संक्रमण के लिए कोई सिद्ध, सुरक्षित उपचार नहीं है। अमेरिका में मंकीपॉक्स के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए, चेचक के टीके, एंटीवायरल और वैक्सीनिया इम्यून ग्लोब्युलिन (वीआईजी) का उपयोग किया जाता है।

Neel Mani Lal
Published on: 30 Aug 2024 7:59 PM IST (Updated on: 30 Aug 2024 8:04 PM IST)
Monkey Pox : जानिए क्या हैं मंकी पॉक्स से बचाव के उपाय
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सांकेतिक तस्वीर (pic - Social Media)

Monkey Pox : एम पिक्स या मंकीपॉक्स अब ग्लोबल गंभीर चिंता बन गया है। इससे संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। डब्लूएचओ ने मंकीपॉक्स के बारे में चेतावनी जारी की है और कहा है कि ये पूरी दुनिया में फैल सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस बीमारी की कोई निश्चित दवा नहीं है। ऐसे में सिर्फ बचाव ही इलाज है।

मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमण को रोकने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं।

- उन जानवरों के संपर्क से बचें जो वायरस को शरण दे सकते हैं। इनमें वह जानवर मुख्य रूप से हैं जो बीमार हैं या जो उन क्षेत्रों में मृत पाए गए हैं जहां मंकीपॉक्स है।

- किसी बीमार जानवर के संपर्क में आने वाली किसी भी सामग्री के संपर्क में आने से बचें।

- संक्रमित रोगियों को अन्य लोगों से अलग करें।

- संक्रमित जानवरों या मनुष्यों के संपर्क में आने के बाद अपने हाथों को साबुन और पानी से धोएं या अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें।

- संक्रमित मरीजों की देखभाल करते समय व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) का प्रयोग करें।

क्या है इलाज

फिलहाल, मंकीपॉक्स वायरस संक्रमण के लिए कोई सिद्ध, सुरक्षित उपचार नहीं है। अमेरिका में मंकीपॉक्स के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए, चेचक के टीके, एंटीवायरल और वैक्सीनिया इम्यून ग्लोब्युलिन (वीआईजी) का उपयोग किया जाता है। अमेरिकी स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा है कि चेचक के लिए एंटीवायरल दवाएं हैं जिनका इस्तेमाल कुछ परिस्थितियों में मंकीपॉक्स के इलाज के लिए भी किया जा सकता है।

चेचक का टीका

एक्सपर्ट्स का कहना है कि चेचक की वैक्सीन मंकीपॉक्स से आंशिक सुरक्षा भी देती है, इसलिए यह अभी तक मंकीपॉक्स को भी फैलने से रोक रही थी। वो वयस्क जिन्हें बचपन में बीमारी के खिलाफ टीका लगाया गया था, उनके पास अभी भी कुछ स्तर की सुरक्षा हो सकती है। लेकिन आज के युवाओं को ऐसी कोई सुरक्षा नहीं है क्योंकि चेचक का टीका लगना बरसों पहले बन्द किया जा चुका है। लेकिन मंकीपॉक्स के नए मामलों के आलोक में कई देशों ने अब चेचक के टीके लगाने का आदेश दिया है।



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Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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