×

Health : लाइफस्टाइल बिगड़ी तो बिगड़ सकता है आपका लीवर

seema
Published on: 25 Aug 2018 12:36 PM IST
Health : लाइफस्टाइल बिगड़ी तो बिगड़ सकता है आपका लीवर
X
लाइफस्टाइल बिगड़ी तो बिगड़ सकता है आपका लीवर

नई दिल्ली : दिनचर्या गड़बड़ होने से डायबिटीज और ब्लडप्रेशर की समस्या तो होती ही है लेकिन इसका असर लीवर पर भी पड़ता है। गड़बड़ लाइफस्टाइल, अल्कोहल का अत्यधिक सेवन और गलत खानपान का सीधा असर हमारे लीवर पर पड़ता है। यही वजह है कि यह बीमारी लगातार बढ़ रही है और 40 से कम उम्र के लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। इस कारण पहले हेपेटाइटिस बी और सी और लीवर सिरॉसिस का मुख्य खतरा होता है। जानते हैं कि किस तरह से लीवर की बीमारी से बच जा सकता है।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार लीवर रोग कई देशों में मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है और इस लिहाज से भारत 10वें नंबर पर है। भारत में हर साल लीवर सिरॉसिस के 10 लाख मामलों का इलाज होता है। देश के अन्य हिस्सों की तुलना में उत्तर भारत में लीवर के मरीजों की संख्या अधिक है। यह तथ्य हाल ही एक जांच लैब की ओर से देशभर में हुई स्टडी में सामने आई है। 2015 से 2017 तक 4 लाख 24 हजार लोगों पर स्टडी की गई जिसमें 4 मानक एसजीपीटी, एजीओटी, एएलपी, बाइलीरूबिन और कुल प्रोटीन और एल्बुमिन को शामिल किया गया।

यह भी पढ़ें :Health : जानें फैट लॉस के कुछ आसान तरीके

अल्कोहल बिगाड़ रहा है लीवर की सेहत

हमारे शरीर में लीवर सबसे अहम और दूसरा सबसे बड़ा अंग होता है। डीटॉक्सिफिकेशन, कार्ब मेटाबॉलिज्म, प्रोटीन सिंथेसिस, पाचन के लिए आवश्यक बायोकेमिकल्स का निर्माण, ग्लाइकोजन संग्रहण, पित्त का निर्माण, हॉर्मोन का स्त्राव और लाल रक्त कोशिकाओं का डीकॉम्पोजिशन आदि इसके कार्य हैं जो बिना रुके यह करता रहता है। लेकिन हमारी गड़बड़ लाइफस्टाइल जैसे अल्कोहल का अत्यधिक सेवन, अनहेल्दी फूड आदि हमारे लिवर के कार्य को बढ़ा देते हैं। लीवर पर लोड पड़ते ही कई तरह की जटिलताएं और बीमारियां सामने आने लगती हैं। इनमें से फैटी लिवर, हेपेटाइटिस और सिरोसिस ज्यादा देखने को मिलती हैं। फैटी लीवर में जहां लीवर में फैट जमा होने लगता है और लिवर की कार्यप्रणाली में बाधा पहुंचाने लगता है, वहीं हेपेटाइटिस में लिवर में संक्रमण से सूजन आ जाती है। सिरोसिस होने पर लिवर के टिशू क्षतिग्रस्त होने लगते हैं और कई समस्याएं सामने आने लगती हैं।

लीवर की समस्या होने पर ऐसे दिखते हैं लक्षण

लीवर की समस्या होने पर वजन कम न होना, पेट फूलना, गाढ़े रंग का मूत्र, भूख न लगना, कब्ज, सिर दर्द, सीने में जलन, डिप्रेशन, अत्यधिक पसीना निकलना, आंख और त्वचा का पीला होना, हाइपरटेंशन आदि लक्ष्ण दिखते हैं।

लीवर सिरोसिस की तीन अवस्थाएं हैं। पहली अवस्था में बिना कारण थकान, वजन घटना और पाचन संबंधी गड़बडियां देखने को मिलती हैं। दूसरी अवस्था में चक्कर आना, उल्टियां, भूख न लगना और बुखार जैसे लक्षण सामने आते हैं। तीसरी अवस्था में उल्टियों के साथ खून आना, बेहोशी और चोट लगने पर खून न रूकना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इस अवस्था में लीवर ट्रांसप्लांट ही एकमात्र उपचार होता है।

ऐसे रखें हेल्दी लीवर

लीवर को हेल्दी रखने के लिए उसको डिटॉक्सिफिकेशन जरूरी है। इसके लिए हमें ज्यादा फैट और कोलेस्ट्रॉल वाले भोजन से बचना चाहिए। देर से सोने और देर से जगने की आदत को सुधारना चाहिए और सुबह का नाश्ता जरूर करना चाहिए। प्रोसेस्ड और डिब्बाबंद खाने का सेवन नहीं करें, इनमें शुगर की मात्रा ज्यादा और फाइबर न के बराबर होता है, जो लिवर के लिए नुकसान देता है। ऐसे में फाइबरयुक्त सब्जियां और अनाज का ही सेवन करें।

जानें क्यों होता है लीवर सिरोसिस

समान्यत: लीवर डैमेज होने वाली कोशिकाओं का निर्माण फिर से कर लेता है लेकिन जब डैमेज करने वाले कारक जैसे अल्कोहॉल और वायरल इंफेक्शन लंबे समय तक इसके संपर्क में रहते हैं, तब सिरोसिस की समस्या सामने आने लगती है। सिरोसिस की वजह से लीवर का आकार कम होने लगता है जिससे लीवर तक पोषण युक्त रक्त का प्रवाह नहीं हो पाता है। दरअसल पोर्टल शिराएं पाचक अंगों से लीवर तक रक्त पहुंचाती है लेकिन लीवर में रक्त न पहुंचने से शिराओं में रक्त का दबाव बढऩे लगता है। इससे पोर्टल हाइपरटेंशन की स्थिति पैदा हो जाती है। लीवर सिरोसिस का एक और प्रकार होता है जिसे नैश सिरोसिस या नॉन अल्कोहॉलिक सिएटो हेपेटाइटिस कहते हैं। यह अल्कोहॉल का सेवन न करने वालों को भी हो सकता है।

लीवर के लिए ये खाना अच्छा होता है

लहसुन, चुकंदर, गाजर आदि खाना चाहिए। लहसुन में एंटीऑक्सिडेंट एलिसिन की अत्यधिक मात्रा होती है जो शरीर को ऑक्सिडेटिव नुकसान से बचाती है। साथ ही ऐसे एंजाइम्स को उत्तेजित करती है जो हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। चुकंदर में बीटालेन्स एंटीऑक्सिडेंट होता है जो लीवर को कई जटिलताओं से बचाने में मददगार होता है। इसी तरह गाजर में भी एंटीऑक्सिडेंट के अलावा विटामिन्स, मिनरल्स और फाइबर होते हैं। यह नॉन अल्कोहॉलिक फैटी लिवर और लिवर टॉक्सिटी से बचाते हैं। हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। यह हेपेटाइटिस बी और सी का कारण बनने वाले वायरस को बढऩे से रोकती है। रात में सोने से पहले हल्दी दूध का सेवन करना लाभकारी होता है। सेब का सिरका लिवर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। खाने से पहले सेब के सिरके को पीने से शरीर की चर्बी कम होती है। इस मिश्रण में एक चम्मच शहद मिलाएं।

पपीते का सेवन लीवर सिरोसिस के लिए सुरक्षित और प्राकृतिक उपचार में से एक है। रोजाना दो चम्मच पपीता के रस में आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर पीएं। आंवला में लीवर को सुरक्षित रखने वाले सभी तत्व मौजूद होते हैं। लीवर के स्वास्थ्य के लिए कच्चे आंवला का सेवन नियमित तौर पर करना चाहिए। सेब और पत्तेदार सब्जियों में मौजूद पेक्टिन पाचन तंत्र में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते हैं। साथ ही पित्त के प्रवाह को बढ़ाते हैं।

लीवर की समस्या है तो ये न खाएं

दाल और बीन्स ज्यादा मात्रा में न खाएं। मीट और ज्यादा फैट वाली चीजें लीवर को नुकसान पहुँचते हैं। घी, तेल, बटर और कोई भी तली हुई चीजें ठीक नहीं होती हैं। सूखा मेवा, अत्यधिक मसाले, चाय और कॉफी का ज्यादा सेवन करने से बचना चाहिए। इसके साथ ही सभी तरह के एयरेटेड पेय पदार्थ, अल्कोहॉल, प्रोसेस्ड और डिब्बाबंद खाने का सेवन नहीं करें।



seema

seema

सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

Next Story