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Loneliness Impact On Health: अकेलेपन से बढ़ता है हार्ट अटैक, डायबिटीज का खतरा, इस तरह कर रहा हेल्थ को प्रभावित

Loneliness And Social Isolation: अकेलापन और सामाजिक अलगाव की भावना से बड़ी संख्या में लगभग सभी उम्र के लोग पीड़ित हैं। लेकिन इसके चलते शरीर पर कई नकारात्मक असर पड़ते हैं।

Shreya
Written By Shreya
Published on: 9 Jan 2025 9:00 AM IST (Updated on: 9 Jan 2025 9:01 AM IST)
Loneliness Side Effects
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Loneliness Side Effects

Loneliness Side Effects: आज के समय में अकेलापन (Loneliness) और सामाजिक अलगाव (Social Isolation) की भावनाएं आम हो गई हैं। आपने अब तक ये सुना होगा कि अकेलापन और सामाजिक अलगाव का बुरा असर आपके मानसिक स्वास्थ्य (Health Health) पर पड़ता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी फिजिकल हेल्थ (Physical Health) भी इससे बुरी तरह प्रभावित होती है। स्टडीज के मुताबिक, सामाजिक अलगाव और अकेलापन बीमारी और मृत्यु के बढ़ते जोखिम से जुड़े हुए हैं। इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और टाइप 2 डायबिटीज जैसी बीमारियों जोखिम बढ़ता है और यह आपके शरीर की इम्यूनिटी को भी कमजोर बना सकता है।

अकेलापन और सामाजिक अलगाव की भावना से बड़ी संख्या में लगभग सभी उम्र के लोग पीड़ित हैं। इसकी कई वजहें हो सकती हैं, लेकिन अध्ययनों में सामने आया है कि अकेलापन स्वयं खराब स्वास्थ्य का कारण बन सकता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भी सामाजिक अलगाव और अकेलेपन को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ कंसर्न (Global Public Health Concern) बताया है। वहीं, एक स्टडी में शोधकर्ताओं ने सामाजिक रूप से अलग-थलग और अकेले लोगों में प्रोटीन के उच्च स्तर पाए हैं, जिनमें तनाव के जवाब में उत्पादित प्रोटीन और उच्च कोलेस्ट्रॉल से संबंधित प्रोटीन शामिल हैं।

अध्ययन में सामने आई ये बात

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

नेचर ह्यूमन बिहेवियर में प्रकाशित स्टडी में ब्रिटेन की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी (University of Cambridge) और चीन की फुडन यूनिवर्सिटी (Fudan University,) के शोधकर्ताओं ने पाया कि अकेलेपन और सामाजिक अलगाव का संबंध खून में मौजूद प्रोटीन से है, जो शरीर में सूजन, इम्यून रिस्पॉन्स और स्ट्रेस रेगुलेशन को प्रभावित करते हैं।

जर्नल नेचर में लिखते हुए, शोधकर्ताओं ने बताया कि कैसे उन्होंने यूके बायोबैंक परियोजना में 42,000 से अधिक प्रतिभागियों के डेटा का इस्तेमाल यह पता लगाने के लिए किया कि क्या 9.3 फीसदी जिन्होंने सामाजिक अलगाव की सूचना दी थी और 6.4 पर्सेंट जिन्होंने अकेलेपन की सूचना दी थी, उनके ब्लड में प्रोटीन का लेवल उन लोगों की तुलना में अलग था, जिसने इसकी सूचना नहीं दी थी।

हाई लेवल में पाया गया प्रोटीन

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

एज, लिंग, एजुकेशन लेवल, स्मोकिंग और अल्कोहल के सेवन सहित जैसे कारकों को ध्यान में रखते हुए, टीम ने 175 प्रोटीन पाए जो Social Isolation से जुड़े थे और 26 प्रोटीन वो पाए जो सेल्फ रिपोर्टेड Loneliness से जुड़े थे, जिनमें से कई ओवरलैप थे। अधिकतर प्रोटीन उन लोगों में हाई पाए गए, जिन्होंने सामाजिक अलगाव या अकेलेपन की भावना का अनुभव किया था। ये सूजन, एंटीवायरल प्रतिक्रियाओं और इम्यून सिस्टम में शामिल थे।

शोधकर्ताओं ने उस डेटा की भी स्ट़डी की, जिसमें एवरेज 14 साल के पीरियड में प्रतिभागियों के हेल्थ पर नजर रखी गई। रिसर्च के पहले लेखक डॉ चुन शेन ने कहा, हमने पाया कि इनमें से लगभग 90% प्रोटीन मृत्यु दर के जोखिम से जुड़े हैं। इसके अलावा, लगभग 50% प्रोटीन हृदय रोग, टाइप 2 मधुमेह और स्ट्रोक से जुड़े थे।

इसके बाद रिसर्चर्स ने मेंडेलियन रैंडमाइजेशन (Mendelian Randomisation) द्वारा एक ओर सामाजिक अलगाव और अकेलेपन और दूसरी ओर प्रोटीन के बीच कारण संबंध का पता लगाया। इसमें पांच प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाए गए, जो अकेलेपन के कारण होते हैं, जिनमें 'एडीएम' और 'एएसजीआर1' शामिल हैं। एडीएम का अध्ययन तनाव से संबंधित हार्मोन की प्रतिक्रिया में उत्पन्न होने के लिए किया गया है। जबकि ASGR1, हाई कोलेस्ट्रॉल और हार्ट डिजीज के बढ़ते खतरे से जुड़ा है। स्टडी में पहचाने गए अन्य प्रोटीन इंसुलिन प्रतिरोध और कैंसर के विकास में भूमिका निभाने के लिए जाने जाते हैं।

इस तरह रह सकते हैं स्वस्थ

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

शोधकर्ताओं का कहना है कि फैमिली और फ्रेंड्स के साथ बातचीत हमारी इम्यून सिस्टम को बढ़ाकर और हृदय रोग, स्ट्रोक और टाइप 2 मधुमेह जैसी बीमारियों के खतरे को कम करके हमें स्वस्थ रख सकती है।



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