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Long Covid Effect: लॉन्ग कोविड के कारण हो सकती हैं लाइलाज बीमारियां, युवा रहें सावधान
Long Covid Effect: ये एक ऐसी जटिल स्थिति है जिसका निदान करना काफी कठिन हो सकता है क्योंकि इसमें 200 से अधिक लक्षण मौजूद हैं, जिनमें से कुछ अन्य बीमारियों के समान भी हो सकते हैं।
Long Covid Effect:आजकल दुनियाभर में लॉन्ग कोविड (long covid) पर काफी चर्चा करते हुए शोधकर्ता, विशेषज्ञ और वैज्ञानिक इनके व्यापक पहलुओं पर भी बात कर रहे हैं। लेकिन, हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार ये बात सामने आयी है कि लॉन्ग कोविड लोगों में कई लाइलाज बीमारियों का कारण भी बन सकती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक़ है कि ये एक ऐसी जटिल स्थिति है जिसका निदान करना काफी कठिन हो सकता है क्योंकि इसमें 200 से अधिक लक्षण मौजूद हैं, जिनमें से कुछ अन्य बीमारियों के समान भी हो सकते हैं। जिसमें थकावट और संज्ञानात्मक हानि से लेकर दर्द, बुखार और दिल की धड़कन तेज होना और अन्य गंभीर बीमारियों के लक्षण महसूस करना आदि शामिल है।
लॉन्ग कोविड को कई बातों का खुलासा करती है स्टडी
इस नए शोध में लॉन्ग कोविड के सबसे ज्यादा लक्षण युवा वयस्कों में देखे गए हैं। जिसमें थकान, हाइपोस्मिया और खराब होती पुरुष प्रजनन क्षमता आदि शामिल है। लेकिन सबसे ज्यादा इस बीमारी ने लोगों की मानसिक सेहत को प्रभावित किया है।
लॉन्ग कोविड के ये लक्षण से युवा लंबे समय तक रह सकते हैं पीड़ित
रिसर्च के अनुसार लॉन्ग कोविड से जुड़ें ज्यादातर लक्षणों के शिकार युवा लोग ही हैं । इस रिसर्च में उनकी बीएमआई का कम होना, कम एरोबिक थ्रेशोल्ड और हाई ब्लड कोलेस्ट्रॉल आदि होना भी शामिल है। इस ग्रुप में कुल 177 प्रतिभागियों ने लगभग सभी ने थकान की सूचना दी।
युवाओं में कोरोना के बाद तनाव और चिंता है बढ़ा
इस अध्ययन में बताया के अनुसार युवाओं में कोरोना के बाद तनाव और चिंता बढ़ने के साथ मनोवैज्ञानिक बोझ भी बनता जा रहा है। जो आगे चल कर दूसरी गंभीर बीमारियों का भी कारण बन सकती है। ऐसे में एक्सपर्ट के अनुसार अगर आपको कोरोना हुआ था और शरीर में लॉन्ग कोविड के कोई भी लक्षण नजर आ रहे हैं तो आपको इसे बिलकुल नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत अपने डॉक्टर से भी संपर्क करना चाहिए । वरना ये आपके स्ट्रेस, बीपी को बढ़ा सकता है। इसके अलावा हाई कोलेस्ट्रॉल आपके दिल की बीमारी भी पैदा कर सकता है। इतना ही नहीं लंबे समय तक रहने वाली एंग्जायटी आपको मानसिक रोगी भी बना सकती है। हालांकि, अभी भी इस विषय में और शोध करना बेहद जरूरी है।ताकि इससे जुडी छोटी से छोटी जानकारी भी लोगों तक पहुंच पाए।