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Low Blood Pressure Symptoms:ये संकेत करते हैं लो ब्लड प्रेशर की ओर इशारा
Low Blood Pressure Symptoms: ब्लड प्रेशर की समस्या एक गंभीर समस्या है। हाई ब्लड प्रेशर और लो ब्लड प्रेशर दोनों ही शरीर के लिए नुकसानदायक होता है।
Low Blood Pressure Symptoms: ब्लड प्रेशर की समस्या एक गंभीर समस्या है। हाई ब्लड प्रेशर और लो ब्लड प्रेशर दोनों ही शरीर के लिए नुकसानदायक होता है। ज्यादातर ब्लड प्रेशर की समस्या खानपान और अधिक टेंशन लेने के कारण होती है। हाई ब्लड प्रेशर का कारण भी ज्यादा टेंशन ही होता है। दोनों ही ब्लड प्रेशर शरीर के लिए अच्छा नहीं माना जाता है।
हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) के मरीज बीपी को कंट्रोल में रखने के लिए कई उपाय करते हैं लेकिन लो ब्लड प्रेशर में मरीज अक्सर नजर अंदाज कर देते हैं। हालांकि हाई ब्लड प्रेशर और लो ब्लड प्रेशर दोनों ही शरीर के लिए घातक साबित होता है। ऐसे में अगर आपका शरीर बार बार लो ब्लड प्रेशर के संकेतों की ओर इशारा कर रहा है तो इसे नजरअंदाज नहीं करें और डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। आइए जानते हैं लो ब्लड प्रेशर में शरीर क्या संकेत देता है
धुंधला नजर आना
लो ब्लड प्रेशर की समस्या होने पर कोई भी चीज धुंधला नजर आती है। लो ब्लड प्रेशर में दृष्टि कमजोर हो जाती है। अगर आपको भी ऐसा संकेत मिल रहा है तो डॉक्टर से सम्पर्क करें। इसे इग्नोर करना भारी पड़ सकता है। इसलिए डॉक्टर से जरूर दिखाएं।
चक्कर आना
लो ब्लड प्रेशर में चक्कर आने (Dizziness) की समस्या होती है। अगर आपको लगातार चक्कर आने की परेशानी हो रही है तो आप अपना ब्लड प्रेशर चेक करा लें क्योंकि यह लो ब्लड प्रेशर की ओर इशारा करता है। लो ब्लड प्रेशर होने पर डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
थकान महसूस होना
अगर आपको लगातार थकान (tiredness) जैसा महसूस हो रहा है तो आपको लो ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। लो ब्लड प्रेशर में मरीज को लगातार थकान जैसा लगेगा। लो ब्लड प्रेशर में बिना काम किए भी मरीज को थकान लगने लगता है। ऐसे में डॉक्टर से संपर्क कर इसका इलाज करवाएं।
वोमिटिंग होना
लो ब्लड प्रेशर में वोमिटिंग (Vomiting) की स्थिति हो जाती है। कुछ मरीज के साथ लो ब्लड प्रेशर में यह समस्या देखने को मिलती है। ऐसे में इस चीज को इग्नोर ना करें और इलाज करवाएं।
सांस लेने में परेशानी
लो ब्लड प्रेशर में मरीज को सांस लेने में दिक्कत होने लगता है। बीपी कम होने पर सांस की गति में बदलाव आने लगता है। जिससे मरीज को सांस संबंधी परेशानी शुरू हो जाती है।