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KGMU: 13 करोड़ की लागत से स्थापित होगी 'पैट स्कैन' मशीन, शरीर में फैले कैंसर का चलेगा पता

Lucknow KGMU Cancer Diagnosis :कुलपति डॉ. बिपिन पुरी के ने बताया कि, 'मशीन की खरीद प्रक्रिया शुरू है। टेंडर निकाला जा चुका है। दो से तीन महीने में मशीन लग जाएगी।

Shashwat Mishra
Report Shashwat MishraPublished By Shivani
Published on: 8 Aug 2021 11:17 AM IST
KGMU: 13 करोड़ की लागत से स्थापित होगी पैट स्कैन मशीन, शरीर में फैले कैंसर का चलेगा पता
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Lucknow KGMU Cancer Diagnosis: राजधानी के चौक इलाके में स्थित किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्विद्यालय (KGMU) में अब जल्द से जल्द पैट स्कैन मशीन (PET Scan Machine) लगाई जाएगी। इससे शरीर में फैल चुके कैंसर का आसानी से पता चल सकेगा। पैट स्कैन मशीन सटीक जांच करने वाली मशीन है, जो कि एमआरआई से कई गुना ज्यादा आधुनिक है। बता दें कि, केजीएमयू शहर का तीसरा ऐसा संस्थान होगा, जहां पैट स्कैन मशीन लगाई जाएगी। इससे पहले यहां के मरीज़ों को इस टेस्ट के लिए एसजीपीजीआई (SGPGI) या लोहिया संस्थान (Lohia Hospital) भेजा जाता था। जहां पहले से ही मरीज़ों का काफी दबाव रहता था।

13 करोड़ की लगेगी लागत

कुलपति डॉ. बिपिन पुरी (Dr Bipin Puri) के ने बताया कि, 'मशीन की खरीद प्रक्रिया शुरू है। टेंडर निकाला जा चुका है। दो से तीन महीने में मशीन लग जाएगी। इससे कैंसर पीड़ित मरीजों की सस्ती और सटीक जांच की सुविधा शुरू हो जाएगी।' उन्होंने कहा कि 'मशीन शताब्दी भवन में लगाई जाएगी। पैट स्कैन से हड्डी समेत शरीर के दूसरे अंगों तक फैल चुके कैंसर का पता लगाया जा सकता है। यह एमआरआई से कई गुना ज्यादा आधुनिक मशीन है। इसके लगने से मरीजों को काफी फायदा होगा।' आपको बता दें कि, पैट स्कैन मशीन को स्थापित करने में करीब 13 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा।


रोज़ाना 5-10 मरीज़ों को दी जाती है पैट स्कैन की सलाह

केजीएमयू में अभी पैट स्कैन के लिए मरीजों को पीजीआई या लोहिया संस्थान रेफर किया जा रहा है। जहां अपने मरीजों का ही काफी दबाव रहता है। इससे केजीएमयू से भेजे गए मरीज़ों को दो से तीन माह बाद जांच की तारीख मिलती है। समय पर जांच न होने से मर्ज और बढ़ने की आशंका रहती है। केजीएमयू में मशीन लगने से कैंसर के गंभीर मरीजों का समय पर इलाज शुरू होने की उम्मीद बढ़ेगी। बता दें, केजीएमयू में रोजाना 300 से अधिक मरीजों को ओपीडी और रेडियोथेरेपी विभाग में इलाज मुहैया कराया जा रहा है। इनमें रोजाना पांच से 10 मरीजों को पैट स्कैन कराने की सलाह दी जाती है।



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