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Lung Cancer Treatment: Green Tea करता है Lung Cancer से बचाव, और भी हैं घरेलु इलाज

Lung Cancer Treatment: फेफड़ों का कैंसर फेफड़ों के कुछ हिस्सों जैसे ब्रोंकीओल्स या एल्वियोली की कोशिकाओं में शुरू होकर शरीर के दूसरे अंगों से भी फैल सकता है।

Preeti Mishra
Published on: 21 April 2022 9:25 AM GMT
Lung Cancer Treatment: Green Tea Prevents Lung Cancer, There Are More Home Remedies
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फेफड़ों का कैंसर: Photo - Social Media

Lucknow: फेफड़ों का कैंसर (Lung Cancer) विश्व स्तर पर मौत का एक प्रमुख कारण है। Lung cancer यानी फेफड़ों के कैंसर की शुरुआत फेफड़ों से ही होती है। बता दें कि इस कैंसर में शरीर में कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर होने या ज़रूरत से ज्यादा बढ़ने के कारण होती है। भारत में भी प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं में लंग कैंसर प्रमुख हैं।

आमतौर पर Lung Cancer फेफड़ों के कुछ हिस्सों जैसे ब्रोंकीओल्स (bronchioles) या एल्वियोली (alveoli) की कोशिकाओं में शुरू होकर शरीर के दूसरे अंगों से भी फैल सकता है। गौरतलब है कि जब कैंसर कोशिकाएं शरीर के एक अंग से दूसरे अंग में फैलती हैं, तो उन्हें मेटास्टेसिस कहा जाता है। जानकारी हो कि फेफड़ा हमारे श्वसन तंत्र का एक महत्वपूर्ण भाग होता हैं। फेफड़ों का मुख्य काम हमारे द्वारा ली जाने वाली वायु को फिल्टर कर दूषित या हानिकारक कारणों को शरीर में प्रवेश करने से बचाना है।

कई बार व्यक्ति की गलत आदतों जैसे धूम्रपान (smoking) करना, शराब पीना इत्यादि चीज़ों से फेफड़ों को काफी हानि पहुँचती है ,जो आगे चलकर फेफड़ों के कैंसर का कारण भी बन सकता है। फेफड़ों का कैंसर एक गंभीर समस्या है। दुर्भाग्य वश इस बीमारी का इलाज भी आसान नहीं है। शरीर में इसके होने के कुछ लक्षण दिखाई देते हैं जिन्हे कतई इग्नोर नहीं करना चाहिए।

Photo - Social Media

लक्षण :

आमतौर पर, फेफड़ों का कैंसर के शुरूआती दौर में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते है। फेफड़ों के कैंसर के सबसे जरूरी और मुख्य लक्षण ऐडवांस स्टेज में ही मिलते हैं। बता दें कि अलग-अलग लोगों में फेफड़ों के कैंसर अलग-अलग लक्षण होते हैं। जहाँ कुछ लोगों में फेफड़ों से संबंधित लक्षण मिलते हैं। तो कुछ लोगों में जिनके फेफड़ों का कैंसर शरीर के अन्य अंग में भी फैल जाने के कारण शरीर के दूसरे हिस्सों में लक्षण के रूप में दिखाई देते हैं। फिर कुछ सामान्य लक्षण जिनमें खांसी जो गंभीर हो जाती है या दूर नहीं होती है, छाती (चेस्ट) मे दर्द होना , सांस लेने मे दिक्कत का सामना करना, खांसी मे खून आना, हर समय थका हुआ मेहसूस होना, और बिना किसी कारण वजन कम होना शामिल हैं।

इलाज

शरीर में इस बीमारी की गंभीरता को कम करने के लिए चिकित्सकीय इलाज के साथ-साथ कुछ घरेलु आयुर्वेदिक तरीकों को भी अपनाया जा सकता हैं। जिससे इस समस्या से लड़ने में सहायता मिल सकती है। तो आईये जानते हैं लंग कैंसर में फायदेमंद कुछ घरेलू उपाय :

- आयुर्वेद में त्रिफला के चूर्ण को शरीर के लिए बहुत ही गुणकारी औषधि माना गया है। बता दें कि बहुत ही शारीरिक समस्याओं (physical problems) में राहत पाने के लिए त्रिफला का चूर्ण का इस्तेमाल काफी पहले से होता आ रहा है। बता दें कि स्वास्थ्यवर्ध्रक होने के साथ-साथ त्रिफला के चूर्ण में कैंसर रोधी गुण भी मौजूद होते हैं।

Photo - Social Media

-इसके लिए सुबह-शाम गुनगुने पानी के साथ त्रिफला के चूर्ण का सेवन करने से शरीर में मौजूद कैंसर कोशिकाओं के विकास को कम करने में सहायता मिलती है। इतना ही नहीं इसका रोज़ाना इस्तेमाल लंग कैंसर की परेशानी को भी कम करने में मदद करता है।

- ग्रीन टी का सेवन स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। अकसर मोटापा कम करने के लिए ग्रीन टी पीने की सलाह दी जाती है। लेकिन क्या आपको पता है कि एंटीऑक्सीडेंट युक्त ग्रीन टी का सेवन फेफड़ों के कैंसर (लंग कैंसर ) को रोकने में भी काफी राहत पहुंचा सकता है।

Photo - Social Media

- प्राचीन काल से ही मुलेठी एक चमत्कारी औषधि के रूप में जानी जाती है। इसका सेवन वात, पित्त, कफ को शांत करने में मदद करता है। इतना ही नहीं मुलेठी का सेवन फेफड़ों तथा पेट के कैंसर से बचाने में भी कारगर साबित होता है। लंग कैंसर से पीड़ित लोगों को इसका सेवन काफी राहत पहुँचाता है।इसके लिए उन्हें सुबह मुलेठी के पानी का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

- रोज़ाना व्यायाम (daily exercise) या एक्सरसाइज करने की आदत आपको शारीरिक समस्याओं से बचाव करता है। प्रतिदिन 30 से 45 मिनट तक की एक्सरसाइज आपके अंदर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढाती है।

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Shashi kant gautam

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