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बच्चों को कोरोना से बचाने के उपाय, चिकित्सक ने दी ये सलाह

डॉ.निरंजन ने बताया कि पांच माह के ऊपर के बच्चों को इस मौसम में वायरल डायरिया होने की संभावना ज्यादा होती है। इस रोग में बच्चे दूध पीते ही दस्त कर देते हैं।

Ravindra Singh
Reporter Ravindra SinghPublished By Shivani
Published on: 23 April 2021 11:07 PM IST
बच्चों को कोरोना से बचाने के उपाय, चिकित्सक ने दी ये सलाह
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कोरोना से बचाएं बच्चों को photo Social media

हमीरपुर: तेजी से फैलते कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के बीच मासूम बच्चों की देखरेख (Precautions For children) में जरा सी कोताही गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है। खासतौर से इस मौसम में होने वाला वायरल डायरिया बच्चों को मुश्किल में डाल सकता है। इसलिए मासूम बच्चों के हाथ बार-बार अच्छी तरह से साफ करते रहें। उन्हें मास्क लगाने की भी आदत डालें ताकि बच्चे कोरोना संक्रमण से भी बच सकें।

बच्चों का रखें खास ख्याल, बार-बार कराएं हैंडवॉश

यह कहना है जिला महिला अस्पताल के नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.आशुतोष निरंजन का (Medical advice)। डॉ.निरंजन ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वजह से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित चल रही हैं। ओपीडी बंद हैं। टेली कंसल्टेशन में ज्यादातर फोन ऐसे अभिभावकों के आ रहे हैं, जिनके मासूम बच्चे उल्टी-दस्त या बुखार से ग्रसित हैं। मौसम के बदलाव की वजह से बुखार इस वक्त आम हो चुका है। हर घर में बुखार से ग्रसित मरीज हैं। लेकिन बुखार के साथ खांसी और जुकाम का होना मुश्किल बढ़ा सकता है। ऐसे में तत्काल डॉक्टर से परामर्श लें और उपचार कराने के साथ ही आराम करें ताकि जल्द से जल्द बुखार से उबरा जा सके।


डायरिया की चपेट में आ सकते हैं बच्चे

डॉ.निरंजन ने बताया कि पांच माह के ऊपर के बच्चों को इस मौसम में वायरल डायरिया होने की संभावना ज्यादा होती है। इस रोग में बच्चे दूध पीते ही दस्त कर देते हैं। ऐसे में बच्चों की साफ-सफाई का खास ख्याल रखें। दिन में कई बार बच्चों के अच्छी तरह से हाथ साफ करें क्योंकि बच्चे हर चीज को छूते हैं और फिर वही हाथ में मुंह डाल लेते हैं। ऐसी स्थिति में वायरल डायरिया होने की संभावना ज्यादा होती है। मां-बाप दांत निकलने की बात सोचकर बच्चों का उपचार नहीं कराते और स्थिति गंभीर हो जाती है।

बच्चों को भी लगाएं मास्क

डॉ.निरंजन ने बताया कि बच्चों में बुखार भी तेजी से फैल रहा है। ऐसे में बच्चों की टीएलसी और प्लेटलेट्स कम हो जाती हैं। ऐसा बुखार पांच से सात दिन तक रहता है। इसलिए नियमित उपचार और दवाओं में कोताही नहीं बरतनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे में मासूम बच्चों को भी मास्क लगाने की सख्त आवश्यकता है। अक्सर मां-बाप स्वयं तो मास्क लगा लेते हैं लेकिन बच्चों को बिना मास्क के ही घुमाते हैं, जो कि ठीक नहीं है। संक्रमण को देखते हुए बच्चों को घरों से ही न निकालें। अगर निकालें तो मास्क जरूर लगाएं।



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