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Menopause के दौरान वजन बढ़ने से है रोकना तो पेरिमेनोपॉज में ही इन बातों पर दें ध्यान
Menopause से महिलाओं के भीतर कई तरह के मानसिक और शारीरिक परिवर्तन आते हैं। एक नए अध्ययन से पता चलता है कि यदि मेनोपॉज के दौरान इन सब समस्याओं से बचना है तो उसकी शुरुआत पेरीमेनोपॉज के दौरान ही अपने जीवन शैली में बदलाव करके होनी चाहिए।
Menopause एक ऐसा दौर है जो कुछ अपवादों को छोड़ कर हर महिला के जीवन में आता ही आता हैं। इस दौरान महिलाओं के भीतर कई तरह के मानसिक और शारीरिक परिवर्तन आते हैं। रजोनिवृत्ति अक्सर शरीर की संरचना में त्वरित प्रतिकूल परिवर्तन, मोटापा, ऑस्टियोपोरोसिस और हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों के बढ़ते खतरे के साथ होती है। एक नए अध्ययन से पता चलता है कि यदि मेनोपॉज के दौरान इन सब समस्यायों से बचना है तो उसकी शुरुआत पेरीमेनोपॉज़ के दौरान ही अपने जीवन शैली में बदलाव करके होनी चाहिए।
क्या होता है पेरिमेनोपॉज
जीवन की घटती गुणवत्ता, उत्पादकता और अंतरंगता से जुड़े कई परिवर्तन रजोनिवृत्ति से पहले की अवधि में होते हैं, जिसे पेरिमेनोपॉज (perimenopause) के रूप में जाना जाता है। एक अध्ययन के अनुसार रजोनिवृत्ति (Menopause) के दौरान पेट के आस पास मोटापा बढ़ता है। इन परिवर्तनों के लिए पेरिमेनोपॉज (perimenopause) एक महत्वपूर्ण संक्रमण बिंदु है। इसी दौर में पेट और उसके आस पास की जगहों पर फैट का केन्द्रीकरण हो जाता है।
यह सर्वविदित है कि उम्र के साथ आराम और व्यायाम के दौरान ऊर्जा खपत कम हो जाता है। लेकिन कुछ अध्ययनों ने रजोनिवृत्ति संक्रमण को एक स्वतंत्र कारक के रूप में मूल्यांकन किया है जो मेटाबॉलिज्म को प्रभावित कर सकता है। इस नए अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने रजोनिवृत्ति के सभी चरणों (प्रीमेनोपॉज, पेरिमेनोपॉज और पोस्टमेनोपॉज) में महिलाओं का मूल्यांकन किया ताकि शरीर की संरचना के साथ संयोजन में आराम और व्यायाम मेटाबॉलिज्म में बदलाव को समझा जा सके। अध्ययन का उद्देश्य शरीर की संरचना और जीवन शैली के कारकों जैसे कि आहार संबंधी आदतों, शारीरिक निष्क्रियता और नींद के बीच संबंधों की पहचान करना था, जो शरीर की संरचना और मेटाबॉलिज्म में परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
ह्रदय सम्बन्धी खतरें की वृद्धि में योगदान
Metabolic effects of menopause: a cross-sectional characterization of body composition and exercise metabolism" में छपे अध्ययन के अनुसार शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि पेरिमेनोपॉज (perimenopause) जीवनशैली को ठीक करने के लिए सबसे उपयुक्त समय हो सकता है। यह अध्ययन रजोनिवृत्ति के दौरान होने वाले प्रतिकूल शरीर संरचना और मेटाबोलिज्म में हुए परिवर्तनों को रेखांकित करता है, जो रजोनिवृत्ति से जुड़े कार्डियोवैस्कुलर यानी ह्रदय सम्बन्धी खतरें की वृद्धि में योगदान देता है।
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