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Vaccine: भारत में सिंगल डोज वैक्सीन उतारेगी मॉडर्ना, बच्चों पर भी असर का दावा
Vaccine: मॉडर्ना की ओर से भारत में सिंगल डोज वैक्सीन उतारने की तैयारी है। कंपनी भारत में पांच करोड़ डोज उतारने की तैयारी में जुटी हुई है।
Vaccine: अमेरिकी फार्मा कंपनी मॉडर्ना भारत में अपनी सिंगल डोज कोविड वैक्सीन उतारने की तैयारी में जुटी हुई है। पहले से ही काफी ऑर्डर बुक होने के कारण कंपनी इस साल तो वैक्सीन की आपूर्ति नहीं कर सकती मगर कंपनी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अगले साल भारत में सिंगल शॉट वैक्सीन उतारी जा सकती है।
इस बीच कंपनी की ओर से वैक्सीन के बच्चों पर हुए दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल के नतीजे घोषित किए गए हैं। कंपनी की ओर से जारी बयान के मुताबिक मॉडर्ना की वैक्सीन बच्चों पर सौ फीसदी कारगर पाई गई है। कंपनी की वैक्सीन का यह ट्रायल 12 से 17 साल के बच्चों पर किया गया था। अब कंपनी अमेरिका में बच्चों के लिए अपनी वैक्सीन को मंजूरी दिलवाने के लिए आवेदन करेगी।
देश में पांच करोड़ डोज उतारेगी मॉडर्ना
जानकार सूत्रों का कहना है कि मॉडर्ना की ओर से भारत में सिंगल डोज वैक्सीन उतारने की तैयारी है। कंपनी भारत में पांच करोड़ डोज उतारने की तैयारी में जुटी हुई है और इसके लिए मॉडर्ना की सिप्ला और देश की कई अन्य दवा कंपनियों से बातचीत चल रही है।
अभी मॉडर्ना ने किसी कंपनी के साथ करार नहीं किया है मगर उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही भारत में वैक्सीन की 5 करोड़ डोज उतारने के लिए मॉडर्ना किसी दवा कंपनी से करार को अंतिम रूप दे देगी। भारत पहले ही वैक्सीन के संकट से जूझ रहा है और माना जा रहा है कि इससे देश में वैक्सीन संकट दूर करने में मदद मिलेगी।
बच्चों पर ट्रायल में वैक्सीन कारगर
इस बीच 12 से 17 साल के बच्चों के ट्रायल में मॉडर्ना की वैक्सीन को कारगर पाया गया है। यह ट्रायल 3732 बच्चों पर किया गया था और इनमें 2488 बच्चों को और दोनों डोज लगाए गए थे। वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने वाले बच्चों में कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए। ट्रायल के नतीजे आने के बाद मॉडर्न ने कहा कि अब कंपनी अपनी वैक्सीन को अमेरिका में उतारने की तैयारी में जुटी हुई है।
बच्चों के लिए वैक्सीन को मंजूरी दिलाने के लिए कंपनी जल्द ही अमेरिका की रेगुलेटरी बॉडी एफडीए के पास आवेदन करेगी। अमेरिका के प्रसिद्ध वैक्सीन विशेषज्ञ क्रिस्टिन ओलिवर का कहना है कि बच्चों पर माडर्ना के ट्रायल के नतीजे काफी आशा जगाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि किशोरों को कोरोना के खतरे से बचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन बनाने की जरूरत है।
अमेरिका में अभी तक सिर्फ फाइजर को मंजूरी
अभी तक अमेरिका में एफडीआई की ओर से सिर्फ फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को 12 से 15 साल के बच्चों के लिए मंजूरी दी गई है। अगर मॉडर्ना की वैक्सीन को मंजूरी मिल जाती है तो यह अमेरिका में किशोरों को लगाई जाने वाली दूसरी वैक्सीन होगी।
मौजूदा समय में मॉडर्ना की वैक्सीन अठारह और उससे ज्यादा उम्र के लोगों को लगाई जा रही है। फाइजर की वैक्सीन को पहले 16 और उससे ज्यादा उम्र के लोगों के लिए मंजूरी दी गई थी मगर अब एफडीआई ने 12 से 15 साल के बच्चों पर भी इस वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है।
कनाडा के बाद अमेरिका ने दी अनुमति
कनाडा के बाद अमेरिका दूसरा ऐसा देश है जहां बच्चों के लिए वैक्सीन को मंजूरी दी गई है। कनाडा ने सबसे पहले 12 से 15 साल के बच्चों को फाइजर की वैक्सीन लगाने की अनुमति दी थी। अमेरिका में बच्चों के लिए वैक्सीन को मंजूरी देने के बाद एफडीआई का कहना था कि इससे बच्चों के अभिभावक निश्चिंत हो सकते हैं। बच्चों के कोरोना से संक्रमित होने की आशंका से अभिभावक परेशान थे। एफडीआई की अनुमति के बाद अभिभावकों को राहत मिली है।