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Monkeypox Case: मंकीपॉक्स में नई चिंता, मामले बढ़े, वैक्सीन भी पूरी असरदार नहीं

Monkeypox Case: डब्ल्यूएचओ के अनुसार, पिछले सप्ताह में लगभग 7,500 नए मामले सामने आए हैं। अब 92 देशों में 35 हजार से ज्यादा मामले हो चुके हैं। अब तक बारह लोगों की मौत हो चुकी है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 18 Aug 2022 3:14 PM IST
monkeypox case
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monkeypox case| (Social Media)

Monkeypox Case: मंकीपॉक्स बीमारी (Monkeypox ) को लेकर दुनियाभर में चिंता बढ़ गई है। इसकी वजह मंकीपॉक्स के मामलों (Monkeypox Case) में तेज बढ़ोतरी और मंकीपॉक्स वैक्सीन (monkeypox vaccine) की सीमित असरदारिता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, पिछले सप्ताह में लगभग 7,500 नए मामले सामने आए हैं जो इससे पहले के सप्ताह की तुलना में 20 प्रतिशत ज्यादा हैं। अब 92 देशों में 35 हजार से ज्यादा मामले हो चुके हैं। अब तक बारह लोगों की मौत हो चुकी है।

वैक्सीन कितनी असरदार?

मंकीपॉक्स की वैक्सीन (monkeypox vaccine) तो है लेकिन वह कितनी असरदार है, इस पर सवाल हैं। क्योंकि वैक्सीन की प्रभावशीलता पर डेटा सीमित है और ऐसे मामलों की रिपोर्टें हैं, जिनमें वैक्सीन लगवाने के बाद भी लोग वायरस से बीमार पड़ रहे हैं। इन लोगों ने संक्रमित होने के बाद वैक्सीन लगवाई उनमें दोबारा संक्रमण होने की रिपोर्टें हैं। इस वैक्सीन के बारे में दावा है कि संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए एक्सपोजर से पहले मंकीपॉक्स का टीका लगाया जा सकता है। दावा ये भी है कि संक्रमण हो जाने के बाद इसे लगवाने से गंभीर बीमारी का जोखिम कम हो जाता है।

मंकीपॉक्स की वैक्सीन 100 फीसदी असरदार नहीं: डॉ. रोसमंड लेविस

डब्ल्यूएचओ में मंकीपॉक्स टेक्निकल लीड डॉ. रोसमंड लेविस (WHO Monkeypox Technical Lead Dr. Raymond Lewis) के अनुसार, मंकीपॉक्स की वैक्सीन 100 फीसदी असरदार नहीं है। उन्होंने कहा कि, हम शुरू से जानते हैं कि यह टीका एक रामबाण नहीं होगा और ये उन सभी अपेक्षाओं को पूरा नहीं करेगी जो इससे की जा रही हैं। इस टीके की क्षमता के संदर्भ में हमारे पास अभी ठोस डेटा नहीं है। लुईस ने कहा कि लोगों को तब तक इंतजार करने की ज़रूरत है जब तक कि टीका अधिकतम प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न न कर सके, लेकिन हम अभी तक नहीं जानते कि प्रभावशीलता समग्र रूप से क्या होगी और कब होगी।

दूसरी तरफ डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस (WHO Director General Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कहा है कि जिनेओस नामक मंकीपॉक्स वैक्सीन (monkeypox vaccine) की वैश्विक आपूर्ति भी सीमित है। इस वैक्सीन का निर्माण डेनिश बायोटेक कंपनी "बवेरियन नॉर्डिक" द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस वैक्सीन को दुनियाभर में समान और व्यापक रूप से उपलब्ध कराया जाना चाहिए। चिंता इस बात की है जिस तरह कोरोना वैक्सीनों की असमान पहुंच थी वही हाल मंकीपॉक्स वैक्सीन की न हो जाये।

चेचक का टीका

1980 के दशक के एक सीमित अध्ययन में पाया गया था कि उस समय उपलब्ध चेचक के टीके (smallpox vaccine) मंकीपॉक्स को रोकने में 85 फीसदी प्रभावी थे। जिनेओस वैक्सीन (genios vaccine) को 2019 में अमेरिका में चेचक और मंकीपॉक्स, दोनों के इलाज के लिए मंजूरी दी गई थी।

डब्ल्यूएचओ ने मंकीपॉक्स वायरस (monkeypox virus) में कुछ म्यूटेशन देखे हैं, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इन परिवर्तनों का क्या अर्थ है और यह मानव प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को कैसे प्रभावित करता है।

वर्तमान प्रकोप में मनुष्यों से मंकीपॉक्स को पकड़ने वाले जानवर का पहला ज्ञात उदाहरण हाल ही में पेरिस में दर्ज किया गया था। एक पालतू कुत्ता, एक जोड़े से संक्रमित हो गया जो वायरस से बीमार हो गये थे। अब सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंकीपॉक्स से पीड़ित लोगों को अपने पालतू जानवरों से अलग रहने की सलाह दी है।

डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य आपात कार्यक्रम (WHO health emergency program) के प्रमुख डॉ माइक रयान (Chief Dr. Mike Ryan) ने कहा कि एक पालतू जानवर का संक्रमित होना असामान्य या अप्रत्याशित नहीं है। इसका मतलब यह भी नहीं है कि कुत्ते लोगों को वायरस पहुंचा सकते हैं।

अमेरिका व यूरोप में अधिकांश मामले

डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, अभी तक रिपोर्ट किए गए लगभग सभी मामले यूरोप और अमेरिका में हैं। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस घेब्येयियस ने कहा है कि अधिकांश रोगी पुरुष हैं जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं।

क्या है इलाज

मंकीपॉक्स (monkeypox virus) के लिए कोई विशेष रूप से स्वीकृत उपचार नहीं हैं। अमेरिका के पास टेकोविरिमैट (टीपीओएक्सएक्स) नामक एक एंटीवायरल दवा है, जिसे चेचक के लिए रिकमेंड किया जाता है। ये दवा मंकीपॉक्स के लिए भी दी जा सकती है। लेकिन फिलहाल इसका उपयोग नहीं किया जा रहा है।



Deepak Kumar

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