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Monkeypox: बिना लक्षण के फैल रहा मंकीपॉक्स, निदान और भी मुश्किल

Monkeypox: इतिहास में पहली बार दुनिया मंकीपॉक्स के एक अंतरराष्ट्रीय प्रकोप का सामना कर रही है। अर्जेंटीना से लेकर संयुक्त अरब अमीरात तक, डॉक्टरों ने दुनिया भर में लगभग 800 मामलों का पता लगाया है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 5 Jun 2022 3:59 PM IST
Monkeypox
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Monkeypox। (Social Media)

Monkeypox: इतिहास में पहली बार दुनिया मंकीपॉक्स (monkeypox) के एक अंतरराष्ट्रीय प्रकोप का सामना कर रही है। अर्जेंटीना से लेकर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) तक, डॉक्टरों ने दुनिया भर में लगभग 800 मामलों का पता लगाया है। अभी तक सबसे ज्यादा मामले यूके और पुर्तगाल में पता चले हैं।

स्वास्थ्य कर्मी बहुत से मामलों को पकड़ ही नहीं पा रहे: WHO

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) की डॉ मारिया वैन केरखोव (Dr Maria van Kerkhove) का कहना है कि इस तरह के व्यापक भौगोलिक प्रसार से पता चलता है कि वर्तमान में व्यापक मानव-से-मानव ट्रांसमिशन चल रहा है और यह प्रसारण कई हफ्तों तक चलने की संभावना है। वैज्ञानिकों का निष्कर्ष है कि स्वास्थ्य कर्मी बहुत से मामलों को पकड़ ही नहीं पा रहे हैं। जिसकी वजह ये भी है कि इस प्रकोप में मंकीपॉक्स के लक्षण पिछले मामलों की तुलना में बहुत अधिक सूक्ष्म हो सकते हैं।।नतीजतन, स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों से कहा जा रहा है कि वे संदिग्ध मरीजों में मंकीपॉक्स के लक्षणों में दानों को देखें।

मेडिकल पाठ्यपुस्तकें जो दिखा रहीं हैं वैसा वास्तव में नहीं है मंकीपॉक्स: डोनाल्ड विन्ह

लेकिन ये दाने वैसे नहीं हैं जैसा कि मेडिकल की किताबों या वेबसाइट्स में दर्शाया गया है। मैकगिल विश्वविद्यालय (McGill University) में संक्रामक रोग चिकित्सक डोनाल्ड विन्ह (Infectious disease doctor Donald Vinh) कहते हैं, यह पता चला है कि मेडिकल पाठ्यपुस्तकें जो दिखा रहीं हैं वैसा वास्तव में नहीं है। उन फोटो में लोगों को मवाद से भरे फफोले से ढके हाथों और छाती से दर्शाया गया है। जबकि इस प्रकोप में जो हो रहा है वह बहुत अधिक सूक्ष्म हो सकता है। हो सकता है कि एक या दो ही दाने निकलें। कुछ रोगियों में केवल एक या दो छोटे घाव होते हैं जिन्हें आसानी से कई यौन संचारित रोगों, दाद, हर्पीज़ के कारण होने वाले घावों से भ्रमित किया जा सकता है।

फ्लू जैसे लक्षणों से शुरू होता है मंकीपॉक्स

संक्रामक रोग चिकित्सक डोनाल्ड विन्ह (Infectious disease doctor Donald Vinh) के अनुसार ये बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि उनके एक सहकर्मी ने मंकीपॉक्स से पीड़ित एक मरीज के बारे में बताया कि उसे केवल एक छोटा सा घाव था। उन्होंने कहा कि ये ऐसा नहीं है जैसा आप गूगल में पाते हैं। पाठ्यपुस्तकों में और कई वेबसाइटों पर मंकीपॉक्स को एक ऐसी बीमारी के रूप में वर्णित किया गया है जो फ्लू जैसे लक्षणों से शुरू होती है, जिसमें बुखार, थकान और एक सूजी हुई लिम्फ नोड शामिल है। फिर लगभग एक हफ्ते बाद, पहले चेहरे पर और फिर हाथों पर एक दाने दिखाई देते हैं। इस दाने में दर्दनाक फफोले होते हैं जो अंततः मवाद और पपड़ी से भर जाते हैं। अंततः यह धड़ या पूरे शरीर को ढक सकता है।

लेकिन इस मौजूदा प्रकोप में, कई लोगों के लक्षण इस प्रोफ़ाइल में बिल्कुल भी फिट नहीं होते हैं। शुरुआत में दाने अक्सर चेहरे पर या भयानक नहीं होते हैं। इसके बजाय, यह आमतौर पर जननांगों या गुदा पर शुरू होते हैं। कभी-कभी यह शरीर के अन्य भागों में नहीं फैलता है। विन्ह के अनुसार, सिर से पैर तक चेचक जैसे घाव नहीं होते हैं। इसके बजाय यह जननांग क्षेत्रों की तरह शरीर के सिर्फ एक क्षेत्र में स्थानीयकृत हैं। और कुछ लोगों को सिर्फ एक या दो चेचक जैसे दाने होते हैं। कभी कभी ये चेचक जैसा भी नहीं होता बल्कि एक अल्सर या एक गड्ढे जैसा होता है।

भले ही शरीर का केवल एक छोटा सा हिस्सा प्रभावित हो, लेकिन मंकीपॉक्स जरूरी नहीं कि एक हल्की बीमारी हो। सीडीसी के जेनिफर मैकक्विस्टन (CDC Jennifer McQuiston) कहते हैं कि दाने वास्तव में दर्दनाक हो सकते हैं और घाव भी त्वचा पर दीर्घकालिक निशान पैदा कर सकते हैं। ये भी मुमकिन है कि मरीज में फ्लू जैसे लक्षण न हों। कभी-कभी वे बिल्कुल भी प्रकट नहीं होते हैं या वे त्वचा के घावों के प्रकट होने के बाद दिखाई दे सकते हैं। कभी-कभी रोगियों में एक सूजा हुआ लिम्फ नोड होता है और कभी-कभी ऐसा नहीं भी होता है। कुछ रोगियों में मलाशय की सूजन होती है। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे बिना लक्षण वाले संक्रमित लोग दूसरों में बीमारी ट्रांसमिट कर रहे हैं और ये चिंता की बात है।



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Deepak Kumar

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