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Monkeypox Symptoms In Children: बच्चों में बढ़ रहा मंकीपॉक्स का खतरा, माता पिता दें इन बातों पर ध्यान

Monkeypox Symptoms In Children: मंकीपॉक्स का मामला भारत में तेजी से बढ़ रहा है। जब भी कोई नया वायरस आता है तो यह चिंता का विषय बन जाता है। मंकी पॉक्स फिल्हाल चिंता का विषय बना हुआ है।

Anupma Raj
Written By Anupma Raj
Published on: 24 Aug 2022 8:17 AM IST
Reason and causes of Monkeypox
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Monkeypox in Children (Image: Social Media)

Monkeypox Symptoms In Children: मंकीपॉक्स का मामला भारत में तेजी से बढ़ रहा है। जब भी कोई नया वायरस आता है तो यह चिंता का विषय बन जाता है। मंकी पॉक्स फिल्हाल चिंता का विषय बना हुआ है। यह बच्चों के लिए बहुत गंभीर है। सबसे पहले तो बच्चे अपने हेल्थ को लेकर सचेत नहीं है, उन्हें अपने देखभाल के लिए किसी ना किसी की जरूरत है। इसलिए यह माता-पिता पर लक्षणों की पहचान करने और उनका इलाज करने की जिम्मेदारी है।

बता दे कि दूसरा कारण मंकीपॉक्स फैलने का है क्लासरूम आधारित एजुकेशन सिस्टम है जिससे बच्चों के लिए ऑनलाइन शिक्षा का सामना करना मुश्किल हो गया है। महामारी के कारण एजुकेशन सिस्टम को बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बता दे कि मंकीपॉक्स वायरस एक जूनोटिक बीमारी है और बहुत अधिक संक्रामक है। इसलिए उनलोगो पर इस वायरस को लेकर खतरा ज्यादा है जो किसी अन्य बीमारी से भी जूझ रहें हैं और जो पहले ही मंकी पॉक्स का शिकार हो चुके हैं। वहीं बच्चों में तेजी से फैल रहे मंकी पॉक्स को लेकर WHO का कहना है कि गंभीर मामले आमतौर पर बच्चों में अधिक होते दिख रहे हैं और वायरस रोगी के हेल्थ की स्थिति और कॉम्प्लिकेशन पर निर्भर है। इसके आंकड़े भी खतरनाक सामने आए हैं। "मंकीपॉक्स के मामलें से मृत्यु दर सामान्य आबादी में 0 से 11% तक रहा है और छोटे बच्चों में यह अधिक रहा है। हाल के दिनों में, इस केस से जुड़े मृत्यु दर लगभग 3 रहा है- 6%।

वहीं सिर्फ WHO का ही नहीं बल्कि कई स्वास्थ्य एजेंसियों ने मंकीपॉक्स के खतरे और बच्चों में इसकी गंभीरता पर चेतावनी दी है। बता दे कि अमेरिका में जहां संक्रमण ने बड़ा रूप ले लिया है, वहां इन दिनों बच्चे सबसे अधिक संक्रमित हो रहे हैं। एक हेल्दी वयस्कों की तुलना में, बच्चों और उन लोगों में इसका खतरा अधिक हो रहा हैं, जो बैक्टीरियल सुपरिनफेक्शन, सेप्सिस, केराटाइटिस, ग्रसनी फोड़े के कारण सांस संबंधी मुश्किलों के बढ़ते खतरे के साथ हैं। जैसे: निमोनिया, या एन्सेफलाइटिस से भी ग्रसित हैं। मंकी पॉक्स के संक्रमण के शुरूआती लक्षण फ्लू जैसे होते हैं, जिसमें बुखार, तेज सिरदर्द, (लिम्फ नोड्स की सूजन, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सुस्ती महसूस करना और चकत्ते आदि। बता दे कि मंकीपॉक्स के संक्रमण में बुखार के 1-3 दिनों के भीतर, रोगी पर चकत्ते दिखाई दे सकते हैं, ये चकत्ते हाथ की हथेलियों, पैरों के तलवों और जननांगों पर देखे जा सकते हैं। बता दे कि मंकीपॉक्स तब फैलता है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के रैशेज, स्कैब या शारीरिक तरल पदार्थ के संपर्क में आता है। वहीं अमेरिका में मंकीपॉक्स के ज्यादातर मामले ऐसे पुरुषों से सामने आए हैं, जो दूसरे पुरुषों के साथ सेक्स करते हैं।

ऐसे में माता पिता अपने बच्चों को लेकर थोड़ी सावधानी बरतें। आप अपने बच्चे को मंकीपॉक्स के संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए उन जगहों का ध्यान रखें जहां बच्चा बार-बार जाता है। साथ ही सुलभ स्थान को बिना सेनिटाइज किए न छोड़ें। अगर पड़ोस में या घर में भी मंकीपॉक्स का मरीज है तो अपने बच्चे को शारीरिक दूरी बनाए रखना और मुंह और नाक को ढक कर रखने को कहें। इसके अलावा अपने बच्चे को नियमित रूप से हाथों को साफ करना सिखाएं ताकि मुंह से वायरस के फैलने का खतरा कम से कम हो।



Anupma Raj

Anupma Raj

Content Writer

My name is Anupma Raj. I am from Patna. I'm a content writer with more than 3 years of experience.

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