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National Doctors' Day: तीसरी लहर में बच्चों की सुरक्षा के लिए अपनाएं ये उपाय

National Doctors' Day: एरा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एमएमए फरीदी ने न्यूजट्रैक से विशेष बातचीत में कहा कि कोरोना की तीसरी लहर चिकित्सा जगत के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। उन्होंने इससे बचाव के उपाय भी साझा किए हैं। जानिए यहां-

Ramkrishna Vajpei
Written By Ramkrishna VajpeiPublished By Shreya
Published on: 1 July 2021 9:55 AM IST (Updated on: 1 July 2021 9:58 AM IST)
National Doctors Day: तीसरी लहर में बच्चों की सुरक्षा के लिए अपनाएं ये उपाय
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(कॉन्सेप्ट इमेज साभार- सोशल मीडिया)

National Doctors' Day: एरा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एमएमए फरीदी ने कोरोना की तीसरी लहर (Coronavirus Third Wave) अगस्त के आखीर तक आने की आशंका जताते हुए कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर में भीषण प्रभाव देखने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार (UP Yogi Government) ने जो तैयारियां की हैं उन्हें देखते हुए यह कहा जा सकता है कि इस लहर का सामना करने के लिए हम काफी हद तक तैयार हैं। दूसरी लहर (Coronavirus Second Wave) का सामना कर चुके लोग भी अब मानसिक रूप से इसके लिए तैयार हो चुके हैं इसलिए संभावना इस बात की है कि कोरोना की तीसरी लहर अधिक भयानक नहीं होगी।

डॉ. एमएमए फरीदी (Dr. MMA Faridi) डॉक्टर्स डे की पूर्व संध्या पर न्यूजट्रैक (Newstrack) से विशेष बातचीत में कहा कि पहली और दूसरी लहर में पीड़ित मानवता की सेवा करते हुए चिकित्सा जगत ने अपने तमाम होनहार साथियों को खोया है। लेकिन बावजूद इसके हमारे साथियों ने सेवा कार्य में जिस तरह से जान की बाजी लगा दी उसकी जितनी तारीफ की जाए कम है। क्योंकि जिस कोरोना मरीज के पास संक्रमण के डर से उसके निकटतम परिवारीजन नहीं फटकते। जिसकी मौत हो जाने पर चार कंधा देने वाले नहीं मिलते उन मरीजों की जान बचाने के लिए डॉक्टर्स ने अपनी और अपने परिवार की चिंता किये बगैर जिस तरह से दिन रात एक कर दिया वह सच्चे अर्थ में नर की नारायण की सेवा है।

डॉ. फरीदी के पिता भी डॉक्टर थे। पत्नी भी डॉक्टर हैं। भाई भी डॉक्टर हैं। बेटा भी डॉक्टर है और बहू भी डॉक्टर है। वह कहते हैं कि हम ईश्वर प्रदत्त जिम्मेदारी मानकर सेवा करते हैं।

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

तीसरी लहर होगी सबसे बड़ी चुनौती

कोरोना की तीसरी लहर की बाबत वह कहते हैं कि यह लहर चिकित्सा जगत के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। क्योंकि जिस तरह से इस लहर में बच्चों के प्रभावित होने की आशंक जताई जा रही है उसमें जीरो से लेकर 17 साल 11 माह 29 दिन तक का किशोर हमारे लिए बच्चा है। लेकिन जीरो से पांच साल, पांच से 11 साल और 11 से 18 साल से कम के बच्चों के इलाज का तरीका भिन्न होगा। जबकि पांच साल तक के बच्चों को वह दवा नहीं दी जा सकती जो 11 साल से ऊपर वालों को दी जा सकती है। इसी तरह पांच साल से ऊपर के बच्चों को पांच साल से कम उम्र के बच्चों की दवा नहीं दी जा सकती है।

इसके अलावा जीरो से पांच साल के बच्चे के संक्रमित होने पर उसकी देखभाल के लिए उसकी माता या पिता के लिए भी व्यवस्था करनी पड़ेगी। ऐसे में अगर पीड़ित बच्चे की मां या पिता या दोनों संक्रमित निकल आते हैं तो उनके लिए अलग से व्यवस्था करनी पड़ेगी। अगर बच्चे की मां को ऑक्सीजन या वेंटीलेटर की जरूरत है तो बच्चे की देखभाल कौन करेगा इसके लिए अलग से नर्सों की व्यवस्था करनी होगी। चुनौती इसलिए भी बड़ी है क्योंकि नर्स भी कोविड प्रोटोकाल के तहत निर्धारित ड्रेस पहनेगी। ऐसे में बच्चे को संभालना चुनौती होगी। जिसके लिए हम तैयारी कर रहे हैं।

इन तरीकों से कम होगा तीसरी लहर का प्रकोप

डॉक्टर फरीदी कहते हैं कि तीसरी लहर के प्रभाव को आम जनता की समझदारी ही कम कर सकती है। अब जबकि लगातार अगस्त तक तीसरी लहर के आने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में सभी की जिम्मेदारी है कि घर से बिना वजह बाहर न निकलें। भीड़ से अलग रहें। या भीड़ लगने ही न दें। मास्क जरूर पहनें। हाथ सेनेटाइज करते रहें। बच्चों को घर से बाहर निकलने पर मास्क लगाने की आदत डालें। छोटे बच्चों को हाथ सेनेटाइज करके ही छुएं।

इन बातों के अलावा प्रत्येक परिवार के लोग प्रतिदिन 15 मिनट धूप में खड़े होने या बैठने की आदत डालें। क्योंकि धूप से जो विटामिन डी मिलता है वह किसी अन्य चीज से नहीं मिलता।

इन चीजों को डाइट में करें शामिल

एमएमए फरीदी कहते हैं कि सबसे जरूरी है इम्युनिटी। चूंकि बच्चों के लिए अभी टीका नहीं है इसलिए बड़ों के साथ बच्चे भी आंवला पाउडर, जीरा, तिल सीड्स, ब्रोकली सूप, दालचीनी, अदरक पाउडर, एलोवेरा जूस थोड़ी थोड़ी मात्रा में दैनिक जीवन शैली में लेने की आदत डालें। उन्होंने जोर देकर कहा अति किसी चीज की नहीं करनी है। अल्प मात्रा में सेवन इनमें से तमाम चीजों की रुटीन में हर घर में होता है। उतना पर्याप्त है। हल्दी डालकर दूध पिएं। अंडे का सेवन कर सकते हैं तो करें। मौसमी फल और नीबू का सेवन जरूर करें। इससे आपकी इम्युनिटी स्ट्रांग रहेगी। साथ ही हल्की फुल्की एक्सरसाइज जरूर करें।

वह कहते हैं गांव देहात के आदमी या महिलाओं की इम्युनिटी इसी लिए ज्यादा होती है क्योंकि वह श्रम करते रहते हैं। साधारण और मौसमी सब्जियों का सेवन करते हैं। इन सब उपायों से आप कोरोना ही नहीं अन्य बीमारियों से भी अधिकतम सुरक्षा कर सकते हैं।

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