National Family Health Survey: भारत में पहली बार पुरुषों से ज्यादा महिलाओं की आबादी, प्रजनन दर में आई बड़ी गिरावट

भारत में पहली बार पुरुषों की तुलना में महिलाओं की आबादी (population) में इजाफा देखा गया है। नए आंकड़े के मुताबिक, हर 1,000 पुरुषों पर 1,020 महिलाएं हैं। आजादी के बाद यह पहली बार है, जब पुरुषों की तुलना में महिलाओं की आबादी 1,000 से ऊपर पहुंची है।

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By aman
Published on: 25 Nov 2021 5:33 AM GMT (Updated on: 25 Nov 2021 6:33 AM GMT)
National Family Health Survey: भारत में पहली बार पुरुषों से ज्यादा महिलाओं की आबादी, प्रजनन दर में आई बड़ी गिरावट
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National Family Health Survey : भारत में पहली बार पुरुषों की तुलना में महिलाओं की आबादी (population) में इजाफा देखा गया है। नए आंकड़े के मुताबिक, हर 1,000 पुरुषों पर 1,020 महिलाएं हैं। आजादी के बाद यह पहली बार है, जब पुरुषों की तुलना में महिलाओं की आबादी 1,000 से ऊपर पहुंची है। बता दें, ये आंकड़े नेशनल फैमिली हेल्थ (National Family Health Survey) सर्वे- 5 (NFHS-5) में सामने आया है। इससे पहले साल 2015-16 में हुए NFHS-4 सर्वे में यह आंकड़ा प्रति 1,000 पुरुष पर 991 महिलाओं का था।

यूं कहें तो अपने पूरे जीवनकाल में एक महिला द्वारा कुल बच्चों को जन्म देने वाली औसत संख्या प्रतिस्थापन दर से नीचे आ गई है। अब यह घटकर दो (02) हो गई है। इसका खुलासा नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (National Family Health Survey) के हालिया डाटा के जरिये हुआ है। यह डाटा 2019-21 का है। इन आंकड़ों को बुधवार को जारी किया गया। जानकारी के लिए बता दें, कि प्रतिस्थापन दर (Replacemeny Level), उसे कहते हैं जिसमें एक पीढ़ी, दूसरी पीढ़ी को 'रिप्लेस' करती है। सर्वे के अनुसार, रिप्लेसमेंट दर (Replacemeny Level) 2.1 है। सर्वे के मुताबिक, बिहार (3.0), उत्तर प्रदेश (2.4) और झारखंड (2.3) में कुल प्रजनन दर, प्रतिस्थापन दर से ज्यादा है।

लिंगानुपात में सुधार

इन आंकड़ों के जरिए ये भी पता चला है, कि जन्म के समय भी लिंगानुपात (Sex ratio) में सुधार हुआ है। साल 2015-16 में जो लिंगानुपात प्रति 1,000 बच्चों पर 919 बच्चियों का था वह 2019-21 में सुधरकर प्रति 1,000 बच्चों पर 929 बच्चियों का हो गया।

शहरों की तुलना में गांवों में लिंगानुपात बेहतर

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे NFHS-5 के आंकड़ों से कई और तस्वीरें भी निकलकर सामने आयी है। इसमें सबसे ज्यादा जो आकर्षित करती है, वो बताती है कि लिंगानुपात में सुधार शहरों की तुलना में गांवों में ज्यादा बेहतर हुआ है। गांवों में प्रति 1,000 पुरुषों पर 1,037 महिलाएं हैं। जबकि, शहरों में प्रति 1,000 पुरुषों पर 985 महिलाएं हैं। NFHS-4 के आंकड़ों में भी यही बात निकलकर सामने आई थी। उस सर्वे के मुताबिक, गांवों गांवों में प्रति 1,000 पुरुषों पर 1,009 महिलाएं थीं जबकि शहरों में प्रति 1,000 पुरुषों पर यह आंकड़ा 956 का था।

23 राज्यों में महिलाओं की संख्या प्रति हजार पुरुष ज्यादा

NFHS-5 के आंकड़ों के अनुसार, देश के कुल 23 राज्य ऐसे हैं, जहां प्रति 1,000 पुरुषों पर महिलाओं की आबादी 1,000 से अधिक है। जैसे- बिहार में प्रति 1,000 पुरुष की तुलना में 1090 महिलाएं , उत्तर प्रदेश में प्रति हजार पुरुषों पर 1017, दिल्ली में प्रति हजार पुरुष पर 913 महिला, मध्य प्रदेश में 970, जबकि राजस्थान में 1,009 तथा छत्तीसगढ़ में 1,015, महाराष्ट्र में 966, पंजाब में 938, हरियाणा में 926 और झारखंड में 1,050 महिलाएं हैं।

जम्मू-कश्मीर में प्रजनन दर सबसे कम

सबसे चौंकाने वाले आंकड़े जम्मू-कश्मीर। इस राज्य में प्रजनन दर कई बड़े राज्यों की तुलना में बेहतर है। जम्मू-कश्मीर में कुल प्रजनन दर सबसे कम जम्मू 1.4 है। साल 2015-16 में हुए पिछले NFHS सर्वे के बाद से एकमात्र जम्मू-कश्मीर ही ऐसा राज्य है, जहां कुल प्रजनन दर में सबसे ज्यादा गिरावट (0.6) दर्ज की गई है। पिछले आंकड़ों में यानी NFHS-4 में केरल और पंजाब की कुल प्रजनन दर 1.6 थी। जबकि, तमिलनाडु में यह 1.7 थी। नए सर्वे में पंजाब में कुल प्रजनन दर 1.6 ही है, लेकिन केरल और तमिलनाडु की कुल प्रजनन दर में बढ़ोतरी दर्ज किया गया है।

NFHS-5 के सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, देश में प्रजनन दर (Fertility Rate) में भी कमी आई है। प्रजनन दर आबादी की वृद्धि दर बताती है। सर्वे के मुताबिक, देश में प्रजनन दर 2 पर आ गई है जो साल 2015-16 में ये 2.2 थी।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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