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कोरोना जंग जीतने के करीब हम, जरूरत हॉटस्पॉट में सख्ती की
एम्स के निदेशक में जब एचसीक्यू के बारे में जानकारी की गई जिसके लिए दुनिया के तमाम देश परेशान हैं तो गुलेरिया ने कहा कि अध्ययन तो यही बताते हैं कि मलेरिया की रोकथाम के लिए दी जाने वाली दवा एचसीक्यू में वायरस का असर कम करने की ताकत है।
नई दिल्लीः पूरा विश्व आज जबकि कोविड -19 के प्रकोप से जूझ रहा है, लॉकडाउन के दूसरे चरण की शुरुआत में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने एक बड़ी खबर दी है जिसमें कहा गया है कि भारत ने कोरोना की रफ्तार को कंट्रोल करने में कामयाबी हासिल कर ली है।
अन्य देशों की तुलना में हमारे देश में कोरोना की रफ्तार को बेहतर तरीके से थाम लिया गया है। भारत में कोरोना प्रभावित मरीजों की संख्या दोगुनी होने के समय के अंतराल के लगातार बढ़ने से ये निष्कर्ष सामने आया है।
वर्तमान में हमें जो सबसे बड़ा कदम उठाने की जरूरत है वह है हॉटस्पॉट्स में सख्ती से लॉकडाउन ताकि हम बड़ी संख्या में मामलों को रोक सकें।
घट रही है कोरोना संक्रमण की स्पीड
एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने यह जानकारी देते हुए कहा कि उनके दृष्टिकोण में देश में कोरोना के मरीजों के दो गुने होने का समय अंतराल बढ़ता रहा है। इसे ऐसे भी कह सकते हैं कि कोरोना मरीजों की संख्या दोगुनी होने का समय धीमा हो गया है।
देश में कोरोना मामलों की संख्या में वृद्धि की गति तेज नहीं है जैसी कि इटली, अमेरिका, स्पेन और अन्य देशों में देखी गई है। देश के कई हिस्सों में कोरोना के मामलों में कमी आनी शुरू हो गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि शुक्रवार की सुबह, भारत में कोरोनोवायरस के मामलों की कुल संख्या 13,387 तक पहुंच गई, जिसमें 76 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। लेकिन अन्य देशों के मुकाबले हमारे देश में ये गति बहुत कम है।
एचसीक्यू के बारे में क्या कहेंगे
एम्स के निदेशक में जब एचसीक्यू के बारे में जानकारी की गई जिसके लिए दुनिया के तमाम देश परेशान हैं तो गुलेरिया ने कहा कि अध्ययन तो यही बताते हैं कि मलेरिया की रोकथाम के लिए दी जाने वाली दवा एचसीक्यू में वायरस का असर कम करने की ताकत है।
इसी लिए कोरोना संक्रमित मरीजों के बीच काम कर रहे डॉक्टरों के जोखिम को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि ऐसे डॉक्टर कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए सही देखरेख में ये दवा ले सकते हैं। एचसीक्यू का उपयोग सुरक्षित हैं और यह वायरल लोड को कम करता है।
ढील नहीं देनी, घेराबंदी और मजबूत करनी होगी
गुलेरिया कोविड-19 के खिलाफ भारत के टास्क फोर्स के प्रमुख सदस्यों में से एक हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपने मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना चाहिए। साथ ही, हमें ऐसे मामलों की संख्या बढ़ने के लिए तैयार भी रहना चाहिए।
कोरोना मरीजों की देखरेख के दौरान डॉक्टरों की संक्रमित होकर मृत्यु हो जाने पर उन्होंने कहा कि डॉक्टर हमेशा हाई रिस्क में होते हैं क्योंकि वे रोगियों के साथ निकट संपर्क में होते हैं।
मरीज के आईसीयू में पहुंचने पर वायरस लोड बढ़ जाता है। हालांकि डॉक्टर हर संभव उपाय करते हैं, लेकिन कई बार कोरोना मरीज को तात्कालिक उपचार देने में डॉक्टरों को तैयार होने का समय नहीं मिलता है।