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Nestles Cerelac Issue: Alert! क्या आप भी अपने बच्चों को दे रहीं हैं नेस्ले सेरेलक तो हो जाइये सावधान

Nestles Cerelac Issue: क्या आप भी अपने बच्चों को नेस्ले सेरेलक दे रहे हैं तो सावधान हो जाइये और जान लीजिये क्या है पूरा मामला।

Shweta Srivastava
Published on: 15 Jun 2024 2:45 AM GMT (Updated on: 15 Jun 2024 2:45 AM GMT)
Nestles Cerelac Issue
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Nestles Cerelac Issue (Image Credit-Social Media)

Nestles Cerelac Issue: भारत में बिकने वाला नेस्ले सेरेलक एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गयी है। दरअसल रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कंपनी भारत में बिकने वाले अपने प्रोडक्ट नेस्ले सेरेलक में ज्यादा मात्रा में चीनी की मिलावट कर रही है वहीँ यूरोप और अन्य देशों में इसकी मात्रा न के बराबर है। ज़्यादा चीनी की मिलावट से ये बच्चों को कई तरह से स्वास्थ में नुकसान पहुँचा रहा है। आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला।

क्या आप भी अपने बच्चों को नेस्ले सेरेलक खिला रहे हैं?

दुनिया भर में प्रसिद्ध कंपनी नेस्ले विवादों के घेरे में आ खड़ी हुई है। दरअसल कंपनी पर आरोप है कि इसके प्रोडक्ट्स दोहरे मापदंड अपना रहे हैं। स्विट्जरलैंड के एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कंपनी भारत के लिए जो सेरेलक बना रही है उसमे ज़्यादा मात्रा में चीनी और शुगर कंटेंट्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीँ यूरोप और अन्य देशों में सेरेलक काफी कम शुगर कंटेंट्स का इस्तेमाल या शुगर फ्री ही बेचा जा रहा मिला।

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के अलावा अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के कई देशों में भी इस तरह के मामले सामने आये हैं। इस रिपोर्ट में नेस्ले के लगभग 150 प्रोडक्ट्स की समीक्षा की गयी है। वहीँ सेरेलक में हाई शुगर कंटेंट का पता चलने के बाद स्वास्थ मंत्रालय ने बच्चों के स्वास्थ को लेकर गहरी चिंता जताई है। इतना ही नहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी बच्चों के खाने में शक्कर न मिलाने की सलाह दी है उनका कहना है कि इससे बच्चों में छोटी उम्र में ही मोटापे और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं होना शुरू हो जातीं हैं।

बच्चों के लिए मीठा बेहद खतरनाक

डॉक्टर्स बच्चों को मीठी चीज़ें खिलाने से मना करते हैं उनका कहना है कि बच्चों को नमक और शुगर कंटेंट्स नहीं देने चाहिए। ज़्यादा मीठा खाने वाले बच्चों में मोटापा, दांतों में सड़न और पेट से जुड़ी कई समस्याएं बढ़ जातीं हैं।

दरअसल नेस्ले के सेरेलक में पाया गया कि भारत में बिकने वाले सेरेलैक के सभी वेरिएंट में प्रति सर्विंग में औसतन लगभग 3 ग्राम ज्यादा चीनी होती है वहीँ आपको बता दें कि अफ्रीका के इथियोपिया और एशिया के थाईलैंड जैसे देशों में प्रति सर्विंग में औसतन 4 से 6 ग्राम तक चीनी पाई गई है। लेकिन जर्मनी और लंदन जैसे देशों में बेचे जाने वाले प्रोडक्ट्स में चीनी की मात्रा बिल्कुल नहीं थी। जो बच्चों के लिए बेहद खतरनाक और चिंता का विषय है।

क्या कहा नेस्ले ने

रिपोर्ट की माने तो नेस्ले ने भारतीय बाजार में साल 2022 में $250 मिलियन से अधिक के अपने सेल्लिंग टारगेट को पूरा करने के लिए ऐसा किया। वहीँ नेस्ले ने कहा है कि कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों में नेस्ले के बेबी फूड प्रोडक्ट्स में शुगर की मात्रा में करीब 11 प्रतिशत की कमी की है। इसके साथ ही कंपनी का कहना है कि नेस्ले के सभी प्रोडक्ट्स पर साफ तौर से टोटल शुगर कंटेंट लिखा होता है। वहीँ कभी कभी थोड़ी बहुत ज्यादा मात्रा नियामक आवश्यकताओं, लोकल इनग्रीडिएंट्स और रेसिपीज के कारण ऐसी हो सकतीं हैं।

Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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