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New Covid Variant: कोरोना के नए वेरिएंट से बढ़ते मामलो को देखते हुए वैक्सीन की चौथी डोज कितनी ज़रूरी, आइये जाने एक्सपर्ट्स से

New Covid Variant: कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों के मन में ये सवाल उठना लाज़मी है कि क्या उन्हें वैक्सीन की चौथी डोज की ज़रूरत है या नहीं। आइये जानते हैं कि एक्सपर्ट क्या कहते हैं।

Shweta Srivastava
Published on: 25 Dec 2023 3:48 PM IST
New Covid Variant
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New Covid Variant (Image Credit-Social Media)

New Covid Variant: कोरोना के मामलों में एक बार फिर से उछाल आने के बाद से ही सभी काफी चिंतित हैं वहीँ अब सभी की ज़हन में एक और सवाल आ रहा है कि क्या कोरोना के इस नए वैरियंट की वजह से वैक्सीन की चौथी डोज़ की जरूरत पड़ेगी या नहीं।

भारत में कोरोना की वैक्सीन की चौथी डोज कितनी ज़रूरी

एक तरफ जहाँ क्रिसमस और न्यू ईयर सेलिब्रेशन का हर तरफ माहौल है वहीँ कोरोना के नए वेरिएंट जे.एन (JN.1) ने सभी की चिंता काफी बढ़ा दी है। वहीँ सरकार भी अलर्ट मोड में है और उन्होंने कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर सक्रियता दिखाई है और नए वेरिएंट के हर सैंपल को सेंटर लैब पहुंचाने की बात कही है। वहीँ इन मामलों में तेज़ी के मद्देनज़र सरकार के एक अहम् फैसला लेने की जानकारी भी सामने आ रही है। जिसमे बताया गया है कि क्या कोरोना के इस नए वेरिएंट से निपटने के लिए लोगों को कोरोना वैक्सीन की चौथी डोज की जरूरत है? इसके साथ ही ये भी जानकारी उपलब्ध करने की ज़रूरत है कि ये चौथी डोज़ कब तक ली जा सकती है। वहीँ आपको बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ने ओमिक्रॉन के इस नए वैरिएंट की जानकारी प्राप्त करके इससे लड़ने के लिए नयी वैक्सीन पर काम भी लगभग शुरू कर दिया है।

किन किन देशों में अब तक मिला है जे.एन (JN.1)

ये बात तो आप सभी ने गौर की होगी कि सर्दियों में कोरोना के मामलों में इज़ाफ़ा होना शुरू हो जाता है। लेकिन अब एक नए वेरिएंट के सामने आने के बाद से न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया अलर्ट हो गयी है। दरअसल जे.एन ओमिक्रॉन का सब वेरिएंट है। जो सबसे पहले सिंगापुर में देखने को मिले थे। वहीँ इसके बाद इसके मामले चीन, अमेरिका के साथ दुनिया के 40 देशों में भी नज़र आये थे। वहीँ एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (W.H.O) ने इस वेरिएंट को खतरनाक बताया है साथ ही इसे 'इंटरेस्ट ऑफ वैरिएंट' का टैग भी दिया गया है।

एक्सपर्ट्स की माने तो ये वैरियंट किसी भी देश के लिए खतरनाक हो सकता है। लेकिन जहाँ कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं उनकी रफ़्तार को देखते हुए वैक्सीन का चौथा या बूस्टर डोज की अभी उतनी ज़रूरत नहीं लग रही है। लेकिन 60 की उम्र से ऊपर वाले लोग अपना ज़्यादा ख्याल रखें अगर उन्हें सांस की कोई परेशानी हो रही हो तो। क्योंकि ऐसा पहले भी कहा जा चुका है कि 60 की उम्र के बाद आपको कोरोना से बचाव की ज़्यादा ज़रूरत है। साथ ही आपको इसमें एतियात बरतने की भी ज़्यादा ज़रूरत होती है। वहीँ आम लोगों को चौथी डोज की जरूरत फिलहाल नहीं है लेकिन आपको सावधानी बरतने की विशेष आवश्यकता ज़रूर है।

वहीँ इस वैरियंट से अन्य बीमारियों से पीड़ित, बुजुर्ग, मोटे और टीकाकरण न कराने वालों को ज़्यादा सावधान रहने की ज़रूरत है। क्योंकि जेएन.1 वैरियंट के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और साथ ही इन आंकड़ों में आया उछाल सरकार की चिंता बढ़ा रहा है। वहीँ फिलहाल अभी के आकड़ों को देखते हुए जेएन.1 अन्य ज्ञात वेरिएंट की तुलना ज़्यादा खतरनाक नहीं लग रहा है। लेकिन अभी तक टीकाकरण एक महत्वपूर्ण बचाव रहा है क्योंकि टीके वायरस के अलग अलग तरह के वायरस से बचाव में प्रभावी रहे हैं।



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Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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