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Night Shift Side Effects: नाइट शिफ्ट में काम करने वाले हो जाएं सावधान! इस वजह से नहीं बन पाएंगे माता-पिता
Night Shift Ke Side Effects In Hindi: शोध में सामने आया है कि नाइट शिफ्ट करने वाले लोगों, फिर चाहे वो महिला हो या पुरुष को बच्चा होने में समस्या हो सकती है।
Night Shift Side Effects In Hindi: क्या आप भी नाइट शिफ्ट (Night Shift) में काम करते हैं? तो फिर आपको सावधान हो जाने की जरुरत है। क्योंकि कई रिसर्च में रात में काम करने और फर्टिलिटी (Fertility) के बीच गहरा संबंध पाया गया है। शोध में सामने आया है कि नाइट शिफ्ट करने वाले लोगों, फिर चाहे वो महिला हो या पुरुष को बच्चा होने में समस्या हो सकती है। क्योंकि इससे प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है। रात में काम करने से प्रजनन स्वास्थ्य (Fertility Health) खराब हो सकता है। आइए जानें कैसे नाइट शिफ्ट फर्टिलिटी पर असर डालती है।
इस तरह फर्टिलिटी पर पड़ता है असर
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, नाइट शिफ्ट में काम करने से फर्टिलिटी पर इसका बहुत बुरा असर पड़ता है। रात में काम करने से महिलाओं और पुरुषों दोनों में प्रजनन क्षमता (Fertility) कम हो सकती है। रिसर्च में सामने आया है कि इससे सर्कैडियन लय (Circadian rhythm) बाधित हो सकती है, जो प्रजनन कार्य सहित विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं के लिए जरूरी है। इसके बाधित होने से प्रजनन स्वास्थ्य प्रभावित होता है।
लगातार नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं को पीरियड्स (Periods) में दिक्कत आने लगती है। या तो पीरियड्स अनियमित (Irregular periods) हो जाते हैं या फिर कभी-कभी बहुत दिनों तक आता ही नहीं है। इससे गर्भ धारण करने के बाद गर्भपात का जोखिम बढ़ जाता है। साथ ही महिलाओं में रिप्रोडक्टिव हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन कम होने के भी चांस बढ़ जाते हैं, जिससे गर्भावस्था होने में समस्याएं हो सकती हैं या बांझपन का खतरा बढ़ सकता है।
इसके अलावा नाइट शिफ्ट में काम करने से पुरुषों के स्पर्म भी प्रभावित होते हैं। दरअसल, रात में काम करने से पुरुषों में हार्मोन का बैलेंस बिगड़ जाता है, जिसके चलते सर्केडियन लय भी बिगड़ जाता है और स्पर्म की क्वालिटी खराब होने लगती है। ऐसे लोगों को पिता बनने में काफी परेशानी होगी। वहीं, अगर इस स्पर्म से प्रेग्नेंसी हो भी गई तो गर्भपात की आशंका बनी रहेगी।
नींद की कमी से होती हैं ये समस्याएं
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त नींद (Good Quality Sleep) लेना भी बेहद जरूरी है। नींद की कमी से शरीर में कई तरह के रोग घर करने लगते हैं। कम नींद लेने वाले लोगों में स्ट्रेस, डिप्रेशन, उच्च रक्तचाप, मधुमेह जैसी बीमारियां होने का खतरा अधिक रहता है। इसके अलावा इससे फर्टिलिटी पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, अगर आप पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो आपकी प्रजनन से संबंधित हार्मोन (Reproductive Hormones) प्रभावित हो सकते हैं।
दिमाग का जो हिस्सा 'स्लीप वेक हार्मोन' को कंट्रोल करता है, वह नींद पूरी न होने पर महिलाओं में ओव्यूलेशन और पुरुषों में शुक्राणुओं यानी स्पर्म पर नकारात्मक असर छोड़ता है। अध्ययन के मुताबिक, अगर महिलाएं अधिक लंबे समय तक पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं लेती हैं तो उनके एस्ट्रोजेन, प्रोजेस्टेरोन, प्रोलैक्टिन और ल्यूटिनाइजिंग जैसे प्रजनन हार्मोन्स पर इसका सीधा असर पड़ता है। साथ ही इससे बांझपन भी हो सकता है। वहीं, अगर पुरुष ज्यादा लंबे समय तक अपनी नींद अच्छी तरह से ना लें तो उनमें प्रजनन की समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है।
नोट- खबर में दी गई कुछ जानकारियां मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित हैं। ऐसे में किसी भी सुझाव पर अमल करने से पहले संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।