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Nipah Virus से अलर्ट, बेहद खतरनाक ये बीमारी, जानें लक्षण व बचाव के तरीके
Nipah Virus Symptoms: निपाह वायरस संक्रमित जानवरों से इंसानों में फैलता है। यह संक्रमित मनुष्य से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है। इसकी मृत्युदर 45-75 फीसदी तक मानी जाती है।
Nipah Virus In Hindi: केरल राज्य एक बार फिर से निपाह वायरस (Nipah Virus Infection Kerala) की चपेट में आ गया है। यहां एक किशोर की निपाह वायरस के संक्रमण से मौत भी हो चुकी है, जिसकी पुष्टि खुद केरल सरकार द्वारा की गई है। वायरस से 14 वर्षीय युवक की मौत के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य को सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को तुरंत लागू करने की सलाह दी है। साथ ही मामले की जांच, महामारी पर लगाम लगाने और तकनीकी सहायता देने के लिए एक बहु-सदस्यीय प्रतिक्रिया टीम तैनात की जाएगी। आइए जानते हैं निपाह वायरस क्या है (Nipah Virus Kya Hai), इसके लक्षण (Nipah Virus Symptoms) और बचाव (Nipah Virus Prevention Tips) के उपाय।
क्या होता है निपाह वायरस (Nipah Virus Outbreak)?
निपाह वायरस (NiV) एक ऐसा वायरस है जो संक्रमित जानवरों से इंसानों में फैलता है। खासकर, फल खाने वाले चमगादड़ों से मनुष्यों में फैलता है। संक्रमित चमगादड़ों की लार या दूषित भोजन के संपर्क में आने से यह वायरस फैल सकता है। इसके अलावा सुअर, बकरी, घोड़े, कुत्तों या बिल्लियों जैसे अन्य जानवरों के जरिए भी यह फैलता है। साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, यह संक्रामक बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकती है। यह वायरस मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाता है। बता दें निपाह, बड़ा स्वास्थ्य जोखिम हो सकता है। इसकी मृत्युदर 45-75 फीसदी तक मानी जाती है।
बताते चलें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, साल 1998 में मलेशिया के सुंगई निपाह गांव में पहली बार इस संक्रमण का मामला सामने आया था। इसी गांव के नाम पर ही इसे निपाह वायरस का नाम दिया गया। तब सुअर पालने वाले किसान इससे संक्रमित पाए गए थे। वहीं, भारत में पहली बार पश्चिम बंगाल में निपाह वायरस का केस मिला था। साल 2001 और 2007 में पश्चिम बंगाल में दो बार यह संक्रमण फैला था। इसके बाद 2018 में पहली बार केरल (Nipah Virus In Kerala) में इस संक्रमण का मामला मिला। फिलहाल बीते कुछ समय से लगातार केरल में निपाह वायरस के केस मिल रहे हैं।
निपाह वायरस के लक्षण (Nipah Virus Symptoms)
NiV के संपर्क में आने के 4 से 14 दिनों के अंदर मरीज में लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं। निपाह वायरस के लक्षण कुछ इस तरह हैं-
1- बुखार
2- उल्टी
3- सांस लेने में कठिनाई
4- सिरदर्द
5- मांसपेशियों में दर्द
6- डायरिया
7- एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन)
8- दौरे पड़ना या भ्रम की स्थिति
9- खांसी और गले में खराश।
निपाह वायरस से बचाव के तरीके (Nipah Virus Se Bachne Ke Upay)
बताते चलें इस वायरस के इलाज के लिए फिलहाल कोई दवा या टीका नहीं है। ऐसे में आप इन टिप्स को फॉलो करके इस वायरस से बचाव कर सकते हैं।
1- इस संक्रमण से बचने के लिए बार-बार हाथ को धोएं
2- पर्सनल हाइजीन से जुड़ी आदतों को अपनाएं
3- फलों-सब्जियों को खाने से पहले उसे अच्छी तरह से साफ करें
4- पक्षियों द्वारा कटा हुआ फल न खाएं
5- इस संक्रमण के प्रकोप वाले क्षेत्रों में बीमार जानवरों (खासकर चमगादड़ और सूअर) के संपर्क में आने से बचें
6- बीमार सूअरों या चमगादड़ों के साथ किसी भी प्रकार के संपर्क से बचें
7- उन पेड़ों या झाड़ियों से बचें, जहां चमगादड़ आराम करते या सोते हैं
8- वायरस से संक्रमित व्यक्ति के लार, रक्त या अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के संपर्क में आने से बचें।
नोट- यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है। इन उपायों पर अमल करने और इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।