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Non stick pans cancer: सावधान नॉन स्टिक बर्तन में खाना बनाने वाले, ये कैंसर को देता है ये आमंत्रण
Non stick pans cancer: कम्पनियाँ नॉन स्टिक बर्तनों के इस्तेमाल को सेहत के लिए कई फायदों का दावा करते हैं। लेकिन नॉन स्टिक बर्तनों की कोटिंग स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकती है।
Non stick pans cancer: आज कल के समय में डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल से जुड़ी समस्यायें बहुत ज्यादा बढ़ रही हैं। कारण है ख़राब जीवनशैली और अनियमित खान -पान का तरीका। लेकिन क्या आप जानते है कि आपके खाना बनाने का तरीका भी आपके शरीर को बीमार कर सकता है। जी हाँ , नॉन स्टिक बर्तनों में खाना बनाना सेहत के लिए नुकसानदायक होता है।
भले ही कम्पनियाँ नॉन स्टिक बर्तनों के इस्तेमाल को सेहत के लिए कई फायदों का दावा करते हैं। लेकिन आपको यह जान कर हैरानी होगी कि नॉन स्टिक बर्तनों की कोटिंग आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकती है।बता दें कि नॉन स्टिक बर्तन रासायनिक रूप से पॉलीटेट्राफ्लुओरोएथिलीन (PTFE) है जो कि सेहत के लिए बिलकुल भी सुरक्षित नहीं माना जाता है। इसके अलावा नॉन स्टिक बर्तनों के इस्तेमाल से शरीर में आयरन की कमी और अन्य कॉग्नििटिव डिसॉर्डर भी हो सकते हैं।
नॉनस्टिक बर्तन है नुकसानदायक
नॉनस्टिक पैन में मौजूद पेरफ्लुओरूक्टेनोइक एसिड(PFOA) नामक रसायन सेहत के लिए चिंता का विषय होता है। बता दें कि इसका उपयोग 2000 के दशक की शुरुआत में और इससे पहले टेफ्लॉन कोटिंग्स के निर्माण में किया गया था और साल 2013 तक इसे पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया था। लेकिन अगर आप बड़ी मात्रा में उक्त धुएं में सांस लेते हैं तो यह रसायन "पॉलिमर फ्यूम फीवर" नामक कुछ स्वास्थ्य समस्याओं को पैदा कर देता है। इसके अलावा लंबे समय के लिए इस पैन की लगभग पूरी कोटिंग सेहत पर बुरा असर डाल सकती हैं।
गौरतलब है कि PFOA रसायनों के समूह का हिस्सा है जिसे PFAS या पेरफ़्लुओरोआल्किल और पॉलीफ़्लुओरोआल्किल पदार्थों के रूप में भी जाना जाता है। ये कैमिकल ऐसे
होते हैं जो कि पर्यावरण में टूट कर नहीं मिलते हैं और जब आप लगातार इन बर्तनों का इस्तेमाल खाना बनाने के लिए करते हैं तो इसके कण शरीर में घुलने लगते हैं। जो शरीर के लिए बेहद खतरनाक स्थितियों को पैदा कर देते हैं। रिसर्च के अनुसार नॉनस्टिक कुकवेयर पीएफओए एक्सपोजर का एक महत्वपूर्ण स्रोत होता है , जिससे लोगों में कैंसर के खतरे को पैदा करने के साथ अन्य कई बीमारियां भी हो सकती हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार नॉन स्टिक बर्तनों में खाना बनाना आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होता है। लम्बे समय तक इसमें पकाये भोजन को खाने से शरीर बहुत तरह के रोगों से ग्रसित हो सकता है। जिनमें कुछ प्रमुख हैं :
- लंबे समय तक नॉनस्टिक पैन में बने खाने को खाने से शरीर में आयरन की कमी हो सकती है। जिसके कारण खून बनने में समस्या हो सकती है। और आप एनीमिया से पीड़ित हो सकते हैं।
- मानव शरीर के लिए आयरन एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व होता है। लेकिन नॉनस्टिक पैन आयरन से नहीं बल्कि रसायन तत्वों के मेल से बनाये जाते हैं। जो आपके ब्रेन के लिए बहुत हानि करक होता है। लंबे समय तक खाना बनाने में हुए इस बर्तन के प्रयोग आपको दिमागी बीमारियों जैसे कि कॉग्निएटिव डिसॉर्डर से ग्रसित कर सकता है।
- इतना ही नहीं शरीर में थायरॉइड की समस्या को भी नॉनस्टिक पैन का प्रयोग बढ़ा सकता है।
- डायबिटीज और कोलॅस्ट्रोल की समस्या भी इसके लंबे समय तक इस्तेमाल करने के कारण होती है।
- कैंसर जैसी गंभीर और खतरनाक बीमारी होने का मुख्य कारण भी नॉनस्टिक पैन में बना खाना हो सकता है। बता दें कि ये सभी समस्याएं लंबे समय तक नॉनस्टिक पैन के उपभोग के कारण हो सकते हैं।
-लंबे समय तक इस बर्तन का इस्तेमाल आपकी हड्डियों और मांसपेशियों को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
नॉनस्टिक बर्तनों को सही तरीके से इस्तेमाल करने से आप इसके दुष्प्रभाव से बच सकते हैं। नॉनस्टिक बर्तनों का इस्तेमाल करने के लिए इसका सही तरीका जानना बेहद जरूरी होता है। जिनमें कुछ प्रमुख हैं :
-नॉनस्टिक बर्तनों में बिलकुल धीमी आंच पर खाना पकाना चाहिए। मतलब सामान्य खाना पकाने के तापमान से थोड़ी कम आंच पर या कहें लगभग 500 डिग्री फ़ारेनहाइट खाना बनाने से नॉनस्टिक बर्तनों के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है।
-खाली पैन को पहले से गरम नहीं करना चाहिए क्योंकि बर्तन के ज्यादा गर्म होने पर रसायनों को छोड़ने की अत्यधिक संभावना हो सकती है। जिससे नॉनस्टिक की कोटिंग वाले कैमिकल्स खाने में मिल कर उसे हानिकारक बना सकते है।
-नॉनस्टिक की कोटिंग को खरोंचने से बचाना बेहद जरुरी होता है।
-सबसे ख़ास बात अगर आप ज्यादा देर और तापमान तक पकने वाली चीज़ बना रहें तो आपको इसके लिए नॉनस्टिक की जगह लोहे के बर्तन या फिर स्टेनलेस स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल करना सेहत के लिहाज़ से सुरक्षित होता है