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Non-Veg Side Effects: चाव से खाते हैं मीट तो पढ़ लें ये खबर, इन गंभीर बीमारियों को दे रहे न्योता
Eating Meat Health Risk: नॉनवेज खाने वाले लोगों को शाकाहारियों की तुलना में कई बीमारियों का खतरा काफी ज्यादा होता है। कई रिसर्च में मांसाहारी खाने के साइड इफेक्ट्स का खुलासा किया गया है।
Non-Veg Side Effects: आपने अपने मांसाहारी दोस्तों से यह सलाह तो जरूर सुनी होगी कि अगर एक बार नॉनवेज खा लिया तो वेज फूड आइटम्स (Veg Food Items) को पूछोगे भी नहीं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वेजिटेरियन डाइट (Vegetarian Diet) को सबसे हेल्दी माना जाती है। शाकाहारी खाना खाने से आप कई गंभीर बीमारियों के खतरे को कम कर सकते हैं और स्वस्थ लंबी आयु जी सकते हैं। वहीं, दूसरी ओर नॉनवेज खाने वाले लोगों को शाकाहारियों की तुलना में कई बीमारियों का खतरा काफी ज्यादा होता है। चलिए इस आर्टिकल के जरिए जानते हैं कि नॉनवेजिटेरियन लोगों को किन किन डिजीज (Eating Meat Health Risk) का अधिक खतरा होता है।
आपने कई ऐसे लोगों को देखा होगा, जो रोजाना मांस का सेवन करते हैं। बिना मीट का सेवन किए उनका एक भी दिन नहीं गुजरता है। अगर आप भी उनमें से एक हैं तो अपनी इस आदत को जल्द से जल्द बदलना ही सही रहेगा। क्योंकि जो रोजाना मीट खाते हैं वह कम समय में ही हार्ट डिजीज, डायबिटीज, निमोनिया और कैंसर जैसी नौ गंभीर बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। कुछ समय पहले एक रिसर्च में इसका खुलासा किया गया था।
तीन दिन मीट खाने भी हानिकारक
इस रिसर्च में सामने आया था कि अगर कोई व्यक्ति हफ्ते में तीन दिन या इससे अधिक समय तक रेड मीट, पोल्ट्री मीट या प्रोसेस्ड मीट का सेवन करता है तो उसे एक नहीं दो नहीं बल्कि नौ तरह की गंभीर बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। यह मांस आपको मोटापा, मधुमेह और कैंसर जैसी बीमारियों का शिकार बना सकते हैं। इससे पहले भी कई अध्ययन में यह बात सामने आ चुकी है कि रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट का अधिक सेवन करने से पेट के कैंसर का जोखिम बढ़ता है। यही नहीं, ऐसी आदत बने रहने पर कई लोगों को समय से पहले मौत का भी खतरा हो सकता है।
इन 9 बीमारियों को बढ़ता है खतरा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी यह बात कई बार कह चुका है कि बहुत अधिक रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट का सेवन करने से सेहत को नुकसान गंभीर नुकसान हो सकता है। अनप्रोसेस्ड रेड मीट, पोल्ट्री मीट और प्रोसेस्ड मीट अधिक खाने वाले लोगों में हार्ट डिजीज, डाइवर्टिकुलर डिजीज, डायबिटीज, निमोनिया, कोलोन पॉलिप्स, गैस्ट्रो-इसोफैगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD), गैस्ट्रिटाइटिस, ड्योडेनिटिस, गॉल ब्लैडर डिजीज जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ता है।