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सावधान कोरोना की रिपोर्ट पर न जाएं, ऑक्सीजन लेवल पर रखें नजर
विशेषज्ञों का कहना है कि रिपोर्ट निगेटिव आने पर भी ऐसे मरीजों का इलाज कोविड मरीजों की तरह की किया जाना चाहिए।
कोरोना के लक्षण के बावजूद या कोरोना के लक्षण न होने पर भी रिपोर्ट निगेटिव आने के बावजूद लोगों का झटके से ऑक्सीजन लेवल गिर जा रहा है और अस्पताल ले जाने तक का समय भी नहीं मिल रहा है। इसे लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। यदि सामान्य खांसी बुखार का इलाज कर रहे किसी मरीज का ऑक्सीजन लेवल घटने लगे तो सावधान हो जाएं और तत्काल अस्पताल ले जाएं। क्योंकि इस हालत में बरती गई लापरवाही मरीज के प्राणों पर संकट खड़ा कर दे रही है।
देखने में आ रहा है कि कोरोना के लक्षण दिखने पर आरटीपीसीआर जांच कराई जाती है और जांच में रिपोर्ट निगेटिव आने पर व्यक्ति लापरवाह हो जाता है। जो मरीज की जान जाने का सबब बन जा रहा है। राजाजीपुरम के एक मामले में एक प्रापर्टी डीलर को बुखार आया जांच कराई तो आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आई लेकिन तीन दिन के अंदर मरीज का ऑक्सीजन लेवल काफी गिर गया। अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखा गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
ऑक्सीजन लेवल
इसी तरह से एक पत्रकार का मामला सामने आया कोई लक्षण नहीं था। अचानक ऑक्सीजन लेवल गिरने पर कोविड का संदेह हुआ। अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन बचाया नहीं जा सका।त्रिवेणीनगर के एक बुजुर्ग का घर में अचानक ऑक्सीजन लेवल गिर गया। सांस लेने में दिक्कत पर नॉन कोविड अस्पताल ले गए ऑक्सीजन लेवल 70-75 रहा। जांच में रिपोर्ट निगेटिव आई लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
इसके अलावा जानकारी में आ रहा है कि निजी अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों में ऑक्सीजन लेवल गिरने की तमाम मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे मामलों में विशेषज्ञों का कहना है कि रिपोर्ट निगेटिव आने पर भी ऐसे मरीजों का इलाज कोविड मरीजों की तरह की किया जाना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भी आगाह किया है कि रिपोर्ट निगेटिव आने पर भी यदि ऑक्सीजन लेवल घट रहा है तो पोस्ट कोविड मरीज मानकर इलाज किया जाना चाहिए क्योंकि जरा सी लापरवाही मरीज के प्राणों पर भारी पड़ रही है।